नेटवर्क निघासन-खीरी। विकास विभाग द्वारा मॉडल शौचालय पर खर्च किए गए करोड़ों रुपए का सीधा दुरूपयोग किया जा रहा है। जिसका लाभ स्कूल के बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। स्कूल में बने मॉडल शौचालय पूरी तरह निष्प्रयोज्य हो गए है। किसी में दरवाजे टूटे तो कहीं गन्दगी से पटा होने के कारण बच्चे वहाँ जाना पसन्द नहीं करते हैं।
खास बात यह है कि कस्बा निघासन के बीआरसी पर बना मॉडल शौचालय का बहुत बुरा हाल है। यह जब से बना है तभी से उसका उपयोग नहीं हुआ है। देखरेख के अभाव में मॉडल शौचालय गन्दगी से पटा रहता है।
वर्ष 2011 में ग्राम निधि से विकास खण्ड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों में मॉडल शौचालय का निर्माण कराया गया था। ताकि स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों को शौच के लिए बाहर न जाना पड़े। विभाग ने करोड़ों रुपया खर्च करने के बाद इसकी देखरेख नहीं की। जिस कारण यह शौचालय पूरी तरह बेकार हो गए हैं। कही पर भी मॉडल शौचालय का उपयोग नहीं हो रहा है।
खास बात यह है कि कस्बा निघासन के बीआरसी पर बना मॉडल शौचालय का बहुत बुरा हाल है। यह जब से बना है तभी से उसका उपयोग नहीं हुआ है। देखरेख के अभाव में मॉडल शौचालय गन्दगी से पटा रहता है। जिस कारण स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे नहीं जाते है। सबसे खास बात यह है कि बीआरसी के प्राइमरी विद्यालय में इस मॉडल शौचालय के अलावा अन्य शौचालय भी नहीं है जिस कारण यहाँ के बच्चों को बाहर खुले में शौच जाना पड़ता है।
इसी तरह मॉडल शौचालय, लुधौरी, बंगलहा, बल्लीपुर, नौरगांबाद सहित गाँवों के प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय के कैम्पस में बनाए गए हैं परन्तु विकास विभाग द्वारा खर्च किया गया करोड़ों रुपया बेकार हो गया है। ग्राम निधि से बनवाए गए मॉडल शौचालय का दुरूपयोग हो रहा है। इस सम्बन्ध में खण्ड विकास अधिकारी तेजवंत सिंह ने कहा कि देखरेख न होने के कारण मॉडल शौचालय बेकार हो गए हैं। इसके लिए एडीओ पंचायत को निर्देशित किया गया है कि देखरेख पर विशेष ध्यान दिया जाये।
साभार : डेली न्यूज ऐक्टिविस्ट 26 जून 2015
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