मुम्बई में ‘क्लीनाथॉन’ कार्यक्रम का आयोजन

सुलभ संवाददाता

दिसम्बर माह की 14 तारीख को मुम्बई में एन.डी.टी.वी द्वारा आयोजित ‘क्लीनाथॉन’- कार्यक्रम में सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. बिन्देश्वर पाठक और सिने-स्टार श्री अमिताभ बच्चन विशेष तौर पर आमन्त्रित थे। डॉ. पाठक ने कहा कि प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के आह्वान के मूल में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का दर्शन है। उसी का प्रभाव है कि आज देश का प्रत्येक व्यक्ति स्वच्छता और शौचालयों की बात कर रहा है।

गाँधी जी शौचालय के लिए जागरूकता पैदा करने के बीज बो गए। हालांकि गाँधी जी खुले में शौच को रोकने की दिशा में अधिक कुछ नहीं कर सके। उन्होंने ‘टट्टी पे मिट्टी’- अभियान चलाया। शायद वे इस दिशा में और अधिक कार्य करते, किन्तु स्वतन्त्रता के बाद वे अधिक दिनों तक जीवित नहीं रह सके।

गाँधी जी के बाद स्वच्छता के क्षेत्र में मैने कदम रखा और स्वच्छ शौचालयों की बात आरम्भ की। इसके लिए मैने एक तकनीक विकसित की, जिससे न केवल स्वच्छ शौचालय उपलब्ध हुए हैं, बल्कि स्कैवेंजरों को भी उनके अमानवीय कार्य से मुक्ति मिली। इसी सिलसिले में अस्पृश्यता भी दूर होती गई।

डॉ. पाठक ने आगे कहा कि हमारे देश में जल-जनित रोगों के कारण प्रत्येक घण्टे 30 बच्चों की मृत्यु हो जाती है। यह तथ्य चौंकाने वाले है। मुझे खुशी हे कि स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता आ रही है। वे आगे कहते हैं कि भारत में पहली बार सन 1870 में कलकत्ता में सीवर व्यवस्था चालू की गई थी। इन 144 वर्षों के बाद आज तक केवल 160 शहरों में ही सीवर व्यवस्था चालू की जा सकी है, जबकि देश में 7,935 शहर हैं। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि सीवर व्यवस्था अत्यन्त खर्चीली है। हमने जो सुलभ तकनीक दी है, वह सस्ती, स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री द्वारा निर्मित की जानेवाली एवं पारम्परिक रूप से स्वीकार्य है।

डॉ. पाठक ने कहा कि हमने रास्ता दिखा दिया है। जहाँ तक प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का सपना सच करने की बात है, मुझे 50,000 व्यक्ति दीजिए, मैं पूरे देश का परिदृश्य बदलकर रख दूँगा। उन्होंने आगे कहा कि स्वच्छ भारत के अभियान का जोश फैलाने का श्रेय प्रधानमन्त्री को जाता है।

इस आयोजन का मुख्य आकर्षण था रेकिट बेनकिसर के ग्लोबल मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राकेश कपूर द्वारा इस उद्देश्य के लिए 100 करोड़ रुपए दिए जाना, जो अगले एक वर्ष तक इस सम्बन्ध में जागरूकता फैलाने के कार्य में खर्च किए जाएँगे।

महत्वपूर्ण लोगों द्वारा कहे गए शब्द

 

श्री रोनी स्क्रूवाला- अब समय आ गया हे कि इन कार्यों से ग्रामीण भारत को महसूस करवाया जाए कि वे भी इस देश के निवासी हैं।

सुश्री चन्दा कोचर- आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की प्रत्येक शाखा को कहा गया है कि वे अपने आस-पास के क्षेत्र को साफ रखें और स्वच्छता के सन्देश का जितना सम्भव हो प्रसार करें।

श्री आनन्द महिन्द्रा- गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को नए उपायों से स्वच्छता के विषय में जागरूक करना होगा।

इस अवसर पर गोवा के माननीय मुख्यमन्त्री श्री लक्ष्मीकांत पार्सेकर ने गोवा में स्वच्छता सम्बन्धी उनकी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि ये योजनाएँ उन एसटी और ओबीसी वर्ग के परिवारों के लोगों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं, जिनकी वार्षिक आय 25,000 रुपए से कम है। सुलभ इंटरनेशनल ऐसे परिवारों को शौचालय उपलब्ध करवाएगा। प्रत्येक शौचालय निर्माण के लिए उन्हें 24,000 रुपए दिए जाएँगे।

गुजरात की माननीया मुख्यमन्त्री श्रीमती आनन्दीबेन पटेल के अनुसार, गुजरात में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ एन.आर.आई. एवं औद्योगिक घरानों की मदद से अच्छा चल रहा है।

महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमन्त्री श्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत अभियान’ में गुजरात ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और गुजरात से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। इसके अलावा नई पीढ़ी को स्वच्छता के विषय में बताना महत्वपूर्ण रहेगा।

आंध्र प्रदेश के माननीय मुख्यमन्त्री श्री एन. चन्द्र बाबू नायडू ने कहा कि रातनीतिज्ञों एवं औद्योगिक घरानों को मिलकर ‘स्वच्छ भारत’ का सपना साकार करना है।

प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने में देशव्यापी प्रयासों पर चर्चा करने के उद्देश्य से आयोजित यह कार्यक्रम वास्तव में उन लोगों की आवाज के रूप में था, जिनके पास एक स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था आज भी नहीं है। प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि सन 2019 में महात्मा गाँधी जी के 150वें जन्म दिवस से पूर्व देश के प्रत्येक नागरिक को एक स्वच्छ शौचालय उपलब्ध करवाया जा सके। प्रधानमन्त्री जी के इस प्रेरक आह्वान पर छोटे एवं बड़े व्यापारिक घरानों ने दिल खोलकर अपना सहयोग दिया है।

उत्तर प्रदेश की श्रीमती प्रियंका, जो इस कार्यक्रम में उपस्थित थीं ने, अपने पति का घर केवल इसीलिए छोड़ दिया था, क्योंकि वहाँ शौचालय नहीं था। उनके इस महत्वपूर्ण कदम पर सुलभ की नजर गई और शौचालय तथा स्वच्छता के विषय को महत्वपूर्ण बनाने के लिए सुलभ द्वारा श्रीमती प्रियंका राय को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में श्रीमती प्रियंका ने बताया कि खुले में शौच जाना उसे बिल्कुल पसन्द नहीं था। हिंसक घटना के घटित होने एवं कीड़ों के काटने का डर तो रहता ही थी, शौच के लिए सुबह जल्दी उठना एवं शाम को अँधरे का इंतजार करना भी उन्हें पसन्द नहीं था। वे कई बार दिन में भोजन भी नहीं करती थीं, क्योंकि उन्हें डर था कि पेट भरा होने पर उन्हें शौच जाने की आवश्यकता महसूस होगी। ‘मैं अपने पति को घर में शौचालय-निर्माण के लिए हमेशा कहती रही, किन्तु वे मेरी बात हमेशा यह कहकर टाल देते थे कि अभी नहीं, बाद में बनवा दूँगा। पर वह समय कभी आ नहीं रहा था। इसपर मैंने घर छोड़ने का निर्णय लिया और अपने पिता के घर आ गई। ससुराल लौटने के लिए मैंने शौचालय बनवाने की ही शर्त रख दी।’ यहाँ यह बात सर्वविदित है कि सुलभ-द्वारा उसकी ससुराल में जब एक आधुनिक शौचालय का निर्माण करवाया गया, तभी श्रीमती प्रियंका राय अपने पति के घर वापस आईं।

श्री अमिताभ बच्चन ने श्रीमती प्रियंका राय से पूछा कि जब आप अपनी ससुराल से पिता के घर आईं तो उनकी क्या प्रतिक्रिया थी? उत्तर में श्रीमती प्रियंका राय ने कहा कि उनकी प्रतिक्रिया अत्यन्त स्वीकारात्मक रही, उन्होंने मेरा साथ दिया। यहाँ तक कि मेरे पड़ोस में रहने वाली एक महिला मेरे द्वारा उठाए गए कदम से अत्यन्त प्रसन्न थीं। श्रीमती प्रियंका राय ने कहा, ‘यहाँ मैं यह अवश्य कहना चाहूँगी कि सुलभ ने मेरी ससुराल में शौचालय बनवाकर मेरे दाम्पत्य जीवन को बचाया है, क्योंकि मेरे पति के पास कभी भी इतने पैसे नहीं होने थे, जिससे कि वह अपने घर में शौचालय बनवा सकते।’

आज जब श्रीमती प्रियंका एवं उनके पति सुलभ के ब्रांड ऐम्बैस्डर के रूप में कार्य कर रहे हैं और हर घर में शौचालय के अभियान में कार्यरत हैं तो वे कहती हैं कि यह कार्य उतना आसान नहीं है। लोग अपने घरों में शौचालय तो बनवाना चाहते हैं, किन्तु उनके पास इसके लिए पैसे नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि खुले में शौच इसलिए नहीं रुक पा रहा है, क्योंकि देश में गरीबी है। गाँवों में कुछ सरकारी निकाय शौचालय-निर्माण करवा रहे हैं, जबकि कुछ अन्य स्थानों पर लोग अपने पैसे से शौचालय बनवा रहे हैं।

क्लीनाथॉन-अभियान के अन्त में इस अभियान के ऐम्बैस्डर श्री अमिताभ बच्चन ने कहा, ‘हम लोग बातें बहुत कर चुके, अब समय है कुछ करने का। प्रत्येक भारतीय को आगे बढ़कर इस कार्य में हाथ बँटाना होगा, तभी यह अभियान सफल होगा।’

प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘मैं एन्.डी.टी.वी. और श्री बच्चन को ‘बनेगा स्वच्छ इंडिया’, जिसमें स्वच्छता से जुड़े विषयों को उठाया गया है, के लिए साधुवाद देता हूंँ।’

इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों में सुश्री सोनाक्षी सिन्हा, अर्जुन कपूर, जावेद अख्तर, तुषार कपूर, दीया मिर्जा, सुरेश वाडेकर और गोविन्दा भी थे।

क्लीनाथॉन-अभियान के द्वारा अभी तक 281 करोड़ रुपए एकत्र किए जा चुके हैं। एन.डी.टी. वी. एवं डेटॉल-द्वारा आयोजित ‘बनेगा स्वच्छ इंडिया’ अभियान वास्तव में प्रशंसनीय है। और ऐसा प्रतीत होता है कि यह अभियान लोगों की सोच बदलने और स्वच्छ भारत का निर्माण करने में सफल रहेगा।

साभार : सुलभ इण्डिया दिसम्बर 2014

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