कपड़े के थैलों से बचा रहीं हैं पर्यावरण

अभिषेक कटियार

 

पर्यावरण संरक्षण व कई समाजसेवी कार्यों के लिए व्यक्तिगत तौर पर मुहीम शुरू करने वाली शुभांगी आप्टे पॉलीथीन के इस्तेमाल के खिलाफ पिछले दो वर्षों से मुहीम चला रही हैं। इसके लिए वे बाजारों और घरों से पुराने कपड़ों का संग्रह करती हैं और उन कपड़ों से थैले सिलवा कर निःशुल्क बाँटती हैं। साथ ही वे लोगों को पॉलीथीन का उपयोग नहीं करने की शपथ भी दिलाती हैं। इस अभियान के तहत वे अबतक 7000 से भी ज्यादा थैले बाँट चुकी हैं। वे कपड़े के थैले सिलवाकर महिलाओं को रोजगार देने का काम कर रही हैं। यह सब वे अपने खर्चे पर करती हैं। आप्टे वर्ष 2000 से ही समाजसेवा से जुड़ी हुई हैं। वे दृष्टिहीन बच्चों को ब्रेललिपि में किताबें भी बाँटती हैं। वे लोगों को गणतन्त्र का सही अर्थ समझाते हुए जागरुकता फैला रही हैं।


साभार : राजस्थान पत्रिका 26 जनवरी 2015    

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