ए. बी. पी. लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से डॉ. बिन्देश्वर पाठक सम्मानित

सुलभ संवाददाता

मुम्बई के होटल ताज लैंड्स एण्ड में 21 अक्टूबर, 2013 को आयोजित एक भव्य समारोह में जोरदार तालियों के बीच सुलभ-संस्थापक डॉ. बिन्देश्वर पाठक को ए.बी.पी. न्यूज- चैनल ने लाइफटाइम अचीवमेन्ट पुरस्कार से सम्मानित किया। उनके नाम की घोषणा से पूर्व ए.बी.पी. ने डॉ. पाठक पर तैयार एक लघु चलचित्र का प्रदर्शन किया। डॉ. बिन्देश्वर पाठक के लिए पुरस्कार की घोषणा होते ही पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। जब डॉ. पाठक पुरस्कार ग्रहण करने के लिए पधारे तो श्री राजेश कुमार हेड-मार्केटिंग (इण्डियन सब-कॉन्टिनेंट), सैप इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड और अध्यक्ष, वर्ल्ड ब्रांड काँग्रेस-2013 ने उनसे कुछ शब्द कहने का अनुरोध किया।

डॉ. पाठक ने अत्यन्त संक्षिप्त भाषण में कहा कि उन्हें दो व्यक्तियों ने प्रेरित किया-महात्मा गाँधी एवं जॉन एफ. कैनेडी। एक बार महात्मा गाँधी ने कहा था, ‘पहले भारत को स्वच्छ करो, आजादी हम बाद में हासिल कर सकते हैं।’ जॉन एफ. कैनेडी की अभिव्यक्ति के अनुसार ‘यह मत पूछो कि देश ने तुम्हारे लिए क्या किया है, बल्कि यह पूछो कि तुमने अपने देश के लिए क्या किया।’ डॉ. पाठक ने आगे कहा, ‘भारत में खुले में शौच की समस्या व्याप्त है। अतः हमें कुछ ऐसे तकनीकों की जरूरत है, जो स्वदेशी हो, सामाजिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से स्वीकार्य एवं सस्ती हो। सीवर भारत-जैसे देश में सम्भव नहीं है, जहाँ 7,963 शहरों में सिर्फ 270 नगरों एवं शहरों में सीवर-प्रणाली मौजूद है। इसलिए मैंने 42 वर्ष पूर्व नई एवं उन्नत स्वदेशी तकनीकों का आविष्कार किया, जो सुलभ शौचालय के नाम से प्रसिद्ध है और आज इस हद तक प्रसिद्ध है कि भारत में यह नाम शौचालय का पर्याय बन चुका है। उन्होंने यह भी कहा ‘आज शौचालय और मन्दिर विषय पर अधिक चर्चा हो रही है, लेकिन मैं स्वयं से एक प्रश्न करता हूँ , यदि कोई व्यक्ति मन्दिर जाता है और ठीक उसी समय उसे शौच जाने की जरूरत मजसूस हो तो वह पहले कहाँ जाएगा, शौचालय या मन्दिर ?’

पुरस्कार-समारोह सम्पन्न होने के बाद डॉक्टर पाठक के चारों ओर उनके संगठन की सफलता के बारे में जानने के लिए लोगों की भीड़ एकत्र हो गई, जिसका डॉ. पाठक ने उचित प्रकार से जवाब दिया।

ए.बी.पी. न्यूज ब्रांड उत्कृष्टता पुरस्कार एक स्वतन्त्र ब्रांड की पहचान का पुरस्कार है, जो उन ब्रांडों और विक्रय-कर्ताओं को दिया जाता है, जिन्होंने विभिन्न उद्योगों में विपणन की कार्यवाही में प्रभावशाली और नूतन प्रयोगों में असाधारण सफलता पाई है।

 

‘आज शौचालय और मन्दिर’ विषय पर अधिक चर्चा हो रही है, लेकिन मैं स्वयं से एक प्रश्न करता हूँ, यदि कोई व्यक्ति मन्दिर जाता है और ठीक उसी समय उसे शौच जाने की जरूरत महसूस हो, तो वह पहले कहाँ जाएगा, शौचालय या मन्दिर?’

ये पुरस्कार सिर्फ वित्तीय मूल्यांकन के आधार पर नहीं, अपितु उपभोक्ता वरीयताओं के आधार पर प्रदान किया जाता है। इन पुरस्कारों का उद्देश्य है सर्वोत्तम प्रयत्नों द्वारा ब्रांड संस्कृति के महत्त्व को बताना एवं विस्तार करना, जो विश्व के महान् राष्ट्रों के बीच भारत को एक मजबूत स्थिति प्रदान करती है। पहले स्टार न्यूज के नाम से प्रसिद्ध ए.बी.पी एक पूर्ण न्यूज चैनल है, जो ए.बी.पी समूह द्वारा संचालित है। इसके सहयोगी चैनल ए.बी.पी आनन्दा और ए.बी.पी. माझा का प्रसारण बँगला एंव मराठी भाषाओं में होता हैं  समाचार प्रसारण में पथ-प्रदर्शक, ए.बी.पी सिर्फ भारत के सर्वश्रेष्ठ समाचार चैनल के रूप में प्रसिद्ध नहीं हैं, बल्कि विदेशों में भी इसने अपनी प्रतिष्ठा कायम की है।

कार्यक्रम का आरम्भ एक स्कूल के विकलांग बच्चों द्वारा राष्ट्रगान ‘जन गण मन अधिनायक’ गाकर किया गया। इसके बाद विशाल जन समूह के मध्य ‘हमारे ग्रह की रक्षा’ विषय पर एक लघु वृतचित्र प्रदर्शित किया गया। श्री राजेश कुमार ने उन कंपनियों/ब्रांडों के नामों की घोषणा की, जो पुरस्कार ग्रहण के लिए सूचीद्धि थे। इनमें लोकहित भारती क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी, भारतीय स्टेट बैंक, कार्बन मोबाइल, मदर डेयरी और भारतीय जीवन बीमा निगम शामिल थे।

समारोह रात्रिभोज के साथ सम्पन्न हुआ।

साभार : सुलभ इण्डिया नवम्बर 2013

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