प्रदीप सिंह
गाजियाबाद, 20 मई : मोदी सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान को पलीता लगाने में अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों के निर्माण में जमकर खेल चल रहा है। बगैर निर्माण के ही ग्राम पंचायत अधिकारी ने गाँवों में शौचालय निर्मित होने की खानापूर्ति कर दी। हैरत की बात देखिए कि जिन स्थानों पर शौचालय निर्माण दिखाया गया है वहाँ पर आज तक शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है। फिलहाल डीपीआरओ स्तर से ग्राम पंचायत अधिकारी को तीन दिन का समय देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
डॉ. राममनोहर लोहिया समग्र योजनांतर्गत वर्ष 2013-14 में मुरादनगर तहसील के चयनित ग्राम डबाना में शौचालयों का निर्माण किया जाना था। जहाँ पर ग्राम पंचायत अधिकारी ने लक्ष्य के मुताबिक सभी स्थानों पर शौचालय निर्मित किए जाने की रिपोर्ट विभाग को सौंपी थी, लेकिन डीएम द्वारा कराए गए सत्यापन में करीब 22 लाभार्थी एपीएल श्रेणी के हैं, जिन्हें सुलभ शौचालयों का लाभ नहीं मिल सका है।
जिलाधिकारी द्वारा कराए गए सत्यापन में एसडीएम मोदीनगर ने खुलासा किया कि जिन स्थानों पर शौचालय निर्मित किए जाने की रिपोर्ट प्रेषित की गई है वहाँ पर आज तक शौचालय निर्माण नहीं हो सका है। फिलहाल जिला पंचायत राज अधिकारी की ओर से ग्राम पंचायत अधिकारी अंकुर भारद्वाज को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
जिले में 1988 शौचालयों का लक्ष्य
निर्मल अभियान एवं स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत जनपद में करीब 1988 शौचालयों का निर्माण किया जाना था। मार्च 2014 तक भोजपुर, मुरादनगर, रजापुर, लोनी आदि में इन शौचालयों का निर्माण किए जाने का लक्ष्य रखा गया था। हालाँकि कुछ स्थानों पर शौचालयों के निर्माण का कार्य अभी तक चल रहा है। शौचालय के निर्माण के लिए लाभार्थी को 10900 रुपए की धनराशि भी दी जाती है, जिसमें मनरेगा के अंतर्गत 5400 रुपए दिए जाते हैं। उधर, विभागीय अधिकारी वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत अधिकारी को तीन दिन का समय देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसके खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई की जा सकती है।
ये रहा आँकड़ा
ब्लॉक | लक्ष्य |
भोजपुर | 525 |
मुरादनगर | 1149 |
रजापुर | 143 |
लोनी | 171 |
कुल | 1988 |
साभार : नवोदय टाइम्स 21 मई 2015
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