डेली न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी को कूड़े की समस्या से निजात दिलाने के लिए ब्राजील में उपयोग हो रही व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाएगा। जन जागरूकता के जरिए लोगों को सड़क पर कूड़ा फेंकने से मना करने व समय पर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था को मजबूत करने का काम किया जाएगा। ब्राजील में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना काफी हाईटेक है। यहाँ सड़क पर कूड़ा नजर ही नहीं आता है जबकि लैंडफिल साइट पर कूड़े के ऊपर हरी-भरी घास व पौधे लगाकर साफ व स्वच्छ वातावरण बनाया गया है। ब्राजील से अनुभव लेकर लौटे नगर आयुक्त उदय राज सिंह ने ऐसी ही व्यवस्था यहाँ भी लागू करने की बात कही है।
सात दिन की ब्राजील यात्रा कर नगर आयुक्त सोमवार को नगर निगम वापस लौटे। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि वह ब्राजील के साउपोलो व रियो द जेनेरियो में तीन-तीन दिन रहे। वहाँ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना 40 साल से चल रही है। अब यह और भी आधुनिक हो गई है। नगर निगम को जहाँ पूरे अधिकार प्राप्त हैं। वहीं नागरिक भी जागरूक हैं। वहाँ सड़कें हमेशा साफ रहती हैं। लोग सड़क किनारे कूड़ा नहीं फेंकते हैं। कूड़ा कलेक्शन में लगी बड़ी एजेंसियों के कर्मचारी समय रहते डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कर लेती हैं। वहीं इमरजेंसी की स्थिति में जगह-जगह बड़े-बड़े बॉक्स रखे गए हैं। जिसमें कूड़ा डाला जा सकता है। लैंडफिल साइट पर कूड़े के ऊपर ही हरी भरी घास व पेड़ लगे हुए हैं। जिससे गन्दगी नजर नहीं आती है।
वहाँ एक किलो कूड़ा कलेक्शन, यहाँ पाँच सौ ग्राम
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के तहत वहाँ प्रत्येक घर से एक किलो कूड़ा लेने की व्यवस्था है। जबकि यहाँ पर न्यूनतम क्षमता 500 ग्राम रखी गई है। कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था भी अलग-अलग है, मतलब घरों से दो दिन के अन्तराल पर कूड़ा कलेक्ट किया जाता है तो दुकानों व प्रतिष्ठानों से हर दिन कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था है। हाउस टैक्स में यूजर चार्ज वसूला जाता है।
यहाँ से अधिक है टिपिंग फीस
लखनऊ नगर निगम में टिपिंग फीस 1604 रुपए प्रति मीट्रिक टन किए जाने का विरोध किया जा रहा है। वहीं ब्राजील में यह करीब 2300 रुपए है। पूरे शहर में योजना के लिए काम कर रही एजेंसी के पास 23,000 कर्मचारियों का स्टाफ है।
फण्ड की व्यवस्था के लिए बढ़ेगा यूजर चार्ज
नगर आयुक्त ने बताया कि लोगों को जागरूक करना पड़ेगा। प्लांट चलाए रखने के लिए फण्ड की व्यवस्था मजबूत करनी होगी। इसके लिए टिपिंग फीस बढ़ाने के साथ ही यूजर चार्ज भी उसी अनुपात में बढ़ाना होगा। इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था भी बेहतर करनी होगी। ड्रेनेज व्यवस्था के लिए बड़े-बड़े नाले, नहर के रूप में बने हुए हैं।
फुटपाथ पर नहीं है कब्जा
ब्राजील में ट्रैफिक व्यवस्था भी काफी स्मार्ट है। सड़कें चौड़ी हैं तो हर सड़क पर 7-10 फिट चौड़े फुटपाथ हैं। साइकिल ट्रैक भी बने हैं। ट्रैफिक पुलिस न होने पर भी बिना रुके व दुर्घटना रहित ट्रैफिक संचालित होता है। बड़े चौराहों पर ट्रैफिक जाम से राहत के लिए एक के ऊपर एक कई फ्लोर की सड़कें बनी हैं। इनके जरिए आसानी से ट्रैफिक चलता रहता है।
साभार : डेली न्यूज ऐक्टिविस्ट 6 अक्टूबर 2015
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