फरीदाबाद। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाया गया सफाई अभियान अब केवल फोटो खिंचवाकर अखबारों में समाचार छपवाने तक सीमित रह गया है। सफाई अभियान से प्रेरणा लेकर एक घरेलू महिला ने अपनी ओर से लोगों को न केवल जागरूक करने का बीड़ा उठाया है, बल्कि इस अभियान को हकीकत में आत्मसात कर दिखाया है।
सेक्टर 21ए निवासी मोनिका शर्मा ने अपने घर से इस अभियान की शुरुआत की और आज वह लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। वह बताती हैं कि वह मोदी के सफाई अभियान के बारे में सोचने पर मजबूर हो गईं कि सफाई के बाद उठाए जाने वाले कचरे का क्या होगा। या तो वह किसी गड्ढे में दबा दिया जाएगा, या फिर उसे कहीं अन्य स्थान पर ले जाकर फेंक दिया जाएगा। इससे तो सफाई अभियान की सार्थकता साबित नहीं हो पाएगी। वह पूरे विश्लेषण के बाद इसकी सफलता में जुट गईं। आंध्र प्रदेश के पोखरण से मिट्टी के विशेष मटके मँगाए। इन मटकों में उन्होंने अपने घर की रसोई से निकलने वाले कचरे को प्रतिदिन डालना आरम्भ कर दिया। कचरे को डालने से पहले मोनिका ने मटकों में अखबार बिछाया, उस पर सूखे पत्ते डाले और पत्तों पर कचरा बिछाना शुरू कर दिया। कचरे के ऊपर फिर से पत्ते बिछा दिए गए।
मोनिका शर्मा ने बताया कि यदि सूखे पत्तों की उपलब्धता न हो, तो मिट्टी के बर्तन में पत्तों की बजाय लकड़ी या फिर नारियल का बुरादा डालकर भी खाद को बनाया जा सकता है। इस काम को करने के बाद उन्होंने जिमखाना क्लब सेक्टर 15 में जब अपने स्टॉल के माध्यम से लोगों को कचरे से खाद बनाने की प्रणाली से अवगत करवाया, तो उनकी मेहनत को देखकर सभी हैरान रह गए। मोनिका की खाद बनाने की विधि को जानने के बाद सैकड़ों लोगों ने उनसे सम्पर्क किया और खाद बनाने की सफलतापूर्वक शुरुआत कर दी। अब वह अपने स्तर पर लोगों को मिट्टी के बर्तन उपलब्ध करवाने का प्रयास करती हैं और उन्हें अच्छी तरह से समझाती हैं कि लोग किस तरह से इस अभियान को सफल बना सकते हैं। मोनिका शर्मा का कहना है इस प्रणाली से बेहतर गुणवत्ता की खाद तैयार होती है और कचरा भी ठिकाने लग जाता है। यदि हरियाणा सरकार इस नीति से खाद बनाने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए हाऊस टैक्स या फिर किसी अन्य तरह के टैक्सों में रियायत प्रदान करे।
साभार : नेशनल दुनिया 18 जनवरी 2015
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