अधूरे शौचालय निर्माण को पूरा करने की ग्रामीणों की माँग

अनिल कुमार गुप्ता

 

उमरिया, 18 अगस्त 2015। जनपद पंचायत पाली के ग्राम पंचायत तिवनी के चंदनिया गाँव के ग्रामीणों ने अनुविभागीय अधिकारी पाली से मिलकर गाँव में अधूरे शौचालय निर्माण को पूरा कराने की माँग की। चंदनिया के ग्रामीण शौचालय निर्माण को लेकर मझधार में फँसे हुए हैं। पंचायत के उप-सरंपच शोभान सिंह बताते हैं कि पिछले साल गाँव में 74 परिवारों के यहाँ शौचालय निर्माण प्रारम्भ हुआ था किन्तु किसी भी शौचालय का निर्माण पूरा नहीं किया गया है। अधिकांश शौचालयों में लीच पीट नहीं बने हैं और जिनके लीच पीट बन गये हैं उनमें ढक्कन या छत नहीं है। कुछ एक में प्लास्टर भी नहीं हुआ है।

 

पद्म सिंह गौड़ अपने शौचालय को दिखाते हुए कहते हैं कि सचिव ने बताया कि शौचालय बनवा लो किन्तु ठेकेदार अधूरा बनाकर चलता बना। पूछने पर बताया कि सभी गाँव का लीच पीट एक साथ बनेगा। यदि ठीक से बनता तो बाहर शौच जाने की बजाय शौचालय में ही जाते।

 

चंदनिया गाँव की कुल आबादी 119 परिवारों की है। यह बहुसंख्यक आबादी आदिवासी समुदायों की है। इन घरों में कोई भी शौचालय नहीं है। इन परिवारों का मुख्य पेशा खेती है। किसान होने तथा आस-पास रोजगार के अवसर नहीं होने के कारण इनकी माली हालत बहुत ही दयनीय है। निर्मल भारत अभियान की वेबसाइट के अंतर्गत हुए सर्वे से पूर्व 34 परिवारों में तथा सर्वे के बाद 17 परिवारों में शौचालय निर्माण की बात कही जा रही है। इसके साथ 57 घरों में शौचालय का प्रयोग होना बताया जा रहा है। किन्तु, जमीनी हकीकत ठीक इसके विपरीत है जहाँ पर सभी शौचालय अधूरे निर्मित हैं। पूरे ग्रामीण खुले में शौच करने के लिए जाते हैं।

 

पद्म सिंह गौड़ अपने शौचालय को दिखाते हुए कहते हैं कि सचिव ने बताया कि शौचालय बनवा लो किन्तु ठेकेदार अधूरा बनाकर चलता बना। पूछने पर बताया कि सभी गाँव का लीच पीट एक साथ बनेगा। यदि ठीक से बनता तो बाहर शौच जाने की बजाय शौचालय में ही जाते। ज्ञात हो कि इनका नाम वेबसाइट में भी दर्ज है।

 

हालाँकि इस पंचायत के पूर्व सरंपच और सचिव पर शौचालय राशि के गबन के लिए जाँच चल रही है। इसी मामले को लेकर पूर्व सरंपच जेल में है तथा सचिव फरार है। मध्यप्रदेश में इस अभियान के संयोजक अनिल गुप्ता का कहना है कि एक तरफ 74 परिवारों का नाम स्वच्छ भारत अभियान/ निर्मल भारत अभियान की हितग्राही सूची में दर्ज है किन्तु धरातल पर उनके शौचालय अभी पूरे बने ही नहीं हैं। वहीं दूसरी तरफ पूर्व सरपंच और पूर्व सचिव को इसके लिए आरोपित भी किया जा चुका है, परिणामस्वरूप सरकारी दिशा-निर्देश के अनुसार अब इन ग्रामीणों को पुनः स्वच्छ भारत अभियान के तहत लाभ नहीं मिलेगा। यह घटना निश्चित रूप से आदिवासियों को उनके स्वच्छता पूर्वक जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन करती है। सरकार को इसमें हस्तक्षेप कर कार्यवाही करनी चाहिए और अपूर्ण शौचालयों को पूरा बनाना चाहिए।

 

हालाँकि उप-सरपंच शोभान सिंह ने बताया कि सभी हितग्राही अपने अधिकारों को प्राप्त करने तथा इस भ्रष्टाचार का विरोध करने के लिए लामबन्द हो गये हैं, इसलिए वे अनुविभागीय अधिकारी को आवेदन देकर मामले की जाँच की माँग कर रहे हैं, आवश्यकता पड़ी तो वे लोग जिला अथवा राज्य स्तर पर कार्यवाही के लिए आन्दोलन भी करेंगे।

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