दिवाकर सिंह
5 मार्च का दिन ये पावन
हमको यह है सिखाता।
एक अकेला चले जो पथ पर
काफिला खुद बना जाता।
नीयत में गर ईमानदारी हो
हर मुश्किल आसान है।
कर्म-पथ में चलते जाओ
बाधा ही समाधान है।
शोषित-पीड़ित इस समाज को
राह नई दिखलाता।
5 मार्च का दिन ये पावन...।
कुछ मानव हैं मोह में उलझे
इस सच से अनजाने।
जो अब तक न जान सके
वो सब अब ये जानें।
दीन दुःखी की सेवा कर
मन कितना सुख है पाता।
5 मार्च का दिन ये पावन...।
हम सब भी ये प्रण हैं करते
उनकी राह पर चल के।
नई दिशा देंगे समाज को
रहेंगे उन्हें बदल के।
काश! सभी में ये दिन
ऐसी प्रेरणा भर पाता।
5 मार्च का दिन ये पावन...।
साभार : सुलभ इण्डिया मार्च 2015
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