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Sanitation
Sarola’s quest for sanitation
Posted on 07 Dec, 2014 12:18 PM
ताजपुर गांव के हर घर में शौचालय
Posted on 05 Dec, 2014 06:32 PMअंधराठाड़ी से झंझारपुर फोरलेन की ओर जानेवाली सड़क के किनारे ताजपुर गांव है। गांव में 240 घर अल्पसंख्यकों (मुस्लिमों) के हैं। गांव के अंदर की सड़क पर साफ-सफाई दिखती है। गांव में गाड़ी घुसते ही लोगों की उत्सुकता बढ़ जाती है। आस-पास लोग इकट्ठा हो जाते हैं। गांव के कायापलट की कहानी सुनाने को ये लोग बेताब दिखते हैं। ननौर पंचायत में पड़ने वाले इस गांव की मुखिया मीरा देवी हैं। केंद्र से लेकर राज्य सरक

पंजाब में स्वच्छता-अभियान अपने चरम पर
Posted on 05 Dec, 2014 06:32 PMयदि पंजाब-सरकार राज्य के स्वच्छता-परिदृश्य को लेकर जागरूक हो गई है तो यह उचित ही है क्योंकि अधिकतर लोग अत्यंत शर्मिंदगी के साथ खेत-खलिहानों में आज भी शौच करने जाते हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल ने पांचवीं बार पद पर आसीन होते ही राज्य के स्वच्छता-परिदृश्य को बदलने के लिए संकल्प लिया।

नार्वे कचरे से बिजली पैदा कर रहा है तो हम क्यों हैं पीछे
Posted on 05 Dec, 2014 06:32 PMडॉ. मुनीश रायजादा

आमंत्रणः वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्रशिक्षण कार्यशाला
Posted on 05 Dec, 2014 06:32 PMसीडीडी सोसायटी बैंगलौर इंजीनियरिंग कौशल सिखाने के लिए जल्द पांच दिन का एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने जा रही है जिसमें वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट के गुर सिखाए जाएंगे। यह कार्यकम बीओआरडीए और आरजीआरएचसीएल के सहयोग से करवाया जाएगा। कार्यक्रम की तारीख 8-12 दिसम्बर है।

‘बेहतर स्वच्छता स्वतंत्रता से कहीं अधिक आवश्यक है’ - महात्मा गांधी
Posted on 05 Dec, 2014 06:32 PMभारत में स्वच्छता की भयावह स्थिति से निपटने हेतु सिर्फ शौचालय-निर्माण की ही नहीं, बल्कि आदतों में परिवर्तन की भी आवश्यकता है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मंदिरों से ज्यादा प्राथमिकता शौचालय-निर्माण को देनी चाहिए। उनके वित्त-मंत्री श्री अरुण जेटली ने इस माह पेश किए गए बजट में वर्ष 2019 तक खुले में शौच की प्रथा को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। महात्मा गांधी, जिनका

ग्रामीण क्षेत्रों में अपजल का उचित निस्तारण
Posted on 05 Dec, 2014 06:32 PMआरएस सिंह एवं वाईडी माथुर
भारत सरकार द्वारा संचालित संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत अपजल का उचित निस्तारण एक प्रमुख घटक है। इस कार्यक्रम के अन्य घटक हैं-
(1) मानव-मल का निस्तारण,
(2) कचरे एवं गोबर का उचित निस्तारण,
(3) व्यक्तिगत स्वच्छता एवं शुद्ध पेयजल की उपलब्धता तथा रख-रखाव एवं
(4) खाद्य पदार्थों तथा गांव की स्वच्छता।

स्वच्छता’ को लेकर दक्षिण एशिया में व्यापक सुधार
Posted on 05 Dec, 2014 06:32 PMआरसी झा
दक्षिण एशिया ने पिछले 21 वर्षों में काफी प्रगति की है। वर्ष 1990 से 2011 तक उन्नत स्वच्छता सुविधाओं का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या में 18 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इसी अवधि में ‘खुले में शौच’ के अभ्यस्त व्यक्तियों के अनुपात में 27 प्रतिशत कमी हुई, हालांकि विश्वभर में खुले में शौच करने वालों के लगभग 65 प्रतिशत भाग दक्षिण एशिया के हैं।
