सफलता की कहानियां और केस स्टडी

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जब जीडीए को लेनी पड़ी तालाबों की सुध
Posted on 24 Feb, 2009 12:51 PM
आईबीएन-7/Aug 26, 2008/ सिटिज़न जर्नलिस्टसेक्शन
गाजियाबाद। कुछ वक्त पहले सिटीज़न जर्नलिस्ट शो में राजेन्द्र त्यागी ने गाजियाबाद में खत्म होते तालाबों का मुद्दा उठाया था। राजेन्द्र त्यागी ने बताया था कि कैसे गाजियाबाद के तालाबों पर अतिक्रमण कर लिया गया है। तालाबों के खत्म होने से ग्राउंडवाटर कई फीट नीचे चला गया है।
सौर ऊर्जा से खारा पानी बनेगा मीठा
Posted on 23 Feb, 2009 06:12 PM


जोधपुर. बाड़मेर जिले के पचपदरा के पास स्थित पिछड़े व पेयजल संकट झेल रहे गांव रूपजी राजा बेरी के रहवासियों को अब खारे की जगह मीठा जल मिलेगा। जल प्रबंधन के लिए विश्व की नई तकनीक जल पिरामिड का इस गांव में उपयोग किया गया है। इसके माध्यम से सौर ऊर्जा का उपयोग कर खारे को मीठे जल में बदला जाएगा।

 

चौथा रेनसेंटर बर्दवान में
Posted on 23 Feb, 2009 11:25 AM

भारत का चौथा रेनसेंटर बर्दवान (पश्चिम बंगाल) में

बावड़ियों ने सुलझाई पानी की समस्या
Posted on 23 Feb, 2009 09:42 AM
-विपिन दिसावर
‘बिन पानी सब सून’ यह कहावत शहरों के साथ-साथ गांवों और कस्बों और यहां तक कि जंगलों में भी लागू होती है। खासतौर पर संरक्षित वन क्षेत्रों में तो बिना पानी के वहां के आकर्षण को जीवंत रखना संभव ही नहीं है। ऐसे में बेहतर जल प्रबंधन का प्रयास ही कामयाब हो सकता है।

प्रत्येक स्तर पर हो जल संरक्षण
Posted on 21 Feb, 2009 07:03 AM
-रवि शंकर, भारतीय पक्ष

श्रीमती सविता गोखले (सचिव, अर्थकेयर फाउंडेशन) पर्यावरण प्रेमियों में एक जाना-माना नाम है। एक सफल व्यवसायी होने के बाद भी श्रीमती गोखले ने पानी की समस्या हेतु काम करना प्रारंभ किया। वे अर्थ केयर फाउंडेशन की कर्ताधर्ता हैं।
प्रकृति को हक़ देने वाला पहला देश : इक्वाडोर
Posted on 20 Feb, 2009 07:50 AM

October 11, 2008/ अफ़लातून
प्रकृति और पर्यावरण को हक़ देने वाला इक्वाडोर पहला देश बन गया है। २८ सितम्बर २००८ को देश के ६८ फीसदी जनता ने मतदान द्वारा इस देश के लिए एक नया संविधान मंजूर किया है। कॉलेज अथवा विश्वविद्यालय के तीसरे साल तक की मुफ़्त शिक्षा , सबके लिए मुफ़्त चिकित्सा के अलावा नदियों, जंगल, पौधों और जानवरों को भी अधिकार मिले हैं। नये संविधान की निसर्ग सम्बन्धी एक धारा कहती है - ‘इन कुदरती संसाधनों को बने रहने, फलने - फूलने और विकसित होने का अधिकार होगा।’

महिलाओं का मार्च
Posted on 19 Feb, 2009 09:55 AM

पीने के पानी के लिए महिलाओं का मार्च और 108 आरटीआई

खारे पानी में मीठा फल
Posted on 18 Feb, 2009 09:58 AM Feb 15,2009 / जागरण याहू
नई दिल्ली, [रणविजय सिंह]। बीएसएफ के रिटायर्ड कमानडेंट बलजीत सिंह त्यागी ने बंजर भूमि पर फलदार पेड़ लगाने में तीन बार विफल रहने पर भी हिम्मत नहीं हारे। कृषि वैज्ञानिकों से पता चला कि भूमिगत पानी खारा होने से यहा पेड़ नहीं उग सकते। उन्होंने अपनी मेहनत व लगन से डेढ़ लाख लीटर क्षमता के वाटर हार्वेस्टिंग व भूमिगत जल रिचार्ज टैंक से जमीन को मीठे पानी से तर कर दिया। जिससे बाझ जमीन की कोख उर्वरा हो गई।
अब स्कूल्स वाटर पोर्टल
Posted on 11 Feb, 2009 09:36 AM

स्कूल्स वाटर पोर्टल का उद्घाटन

इंडिया वाटर पोर्टल द्वारा हाल में शुरु किया गया स्कूल्स वाटर पोर्टल (Schools Water Portal), एक ऐसा अनोखा मंच है जहां अध्यापक, छात्र, माता-पिता और प्रधानाध्यापक एक साथ पानी के बारे में हर तरह की जानकारी हासिल कर सकते हैं।
 

भास्कर का अभियान
Posted on 09 Feb, 2009 09:52 PM

पांच करोड़ से बचेगा झील में 30 करोड़ लीटर ज्यादा पानी


भास्कर न्यूज/ भोपाल। करीब 71 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई झील का लगभग तीन चौथाई हिस्सा मिट्टी में तब्दील हो चुका है। पानी के नाम पर सात वर्ग किलोमीटर क्षेत्र से कम झील में जो कुछ बचा है उससे भोपाल की आबादी का अगली बरसात तक प्यास बुझाने का इंतजाम नहीं हो सकता। गर्मी का मौसम दूर नहीं है, जब पानी की खपत बढ़ जाएगी और झील का पानी तेजी से सूखेगा। 31 वर्ग कि.मी. की झील पर जमी हुई मिट्टी को हटाकर एक मीटर गहरीकरण के काम को अंजाम देने के लिए 200 करोड़ की पूंजी चाहिए

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