शोध पत्र

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पंचायत समिति सांगानेर की भूजल स्थिति
Posted on 05 Nov, 2015 11:29 AM
पंचायत समिति, सांगानेर (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5582 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति सांभर की भूजल स्थिति
Posted on 05 Nov, 2015 10:02 AM
पंचायत समिति, सांभर (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

सांभर पंचायत समिति में वर्ष 1984 में भूमि में उपलब्ध पानी का प्रतिवर्ष 52 प्रतिशत ही उपयोग करते थे लेकिन अब 303 प्रतिशत दोहन कर रहे हैं अर्थात कुल वार्षिक पुनर्भरण की तुलना में 108 मिलियन घनमीटर भूजल अधिक निकाला जा रहा है।

1984 में औसत 10 मीटर गहराई पर पानी उपलब्ध था जो अब 75 मीटर तक हो गया है।
पंचायत समिति फागी की भूजल स्थिति
Posted on 05 Nov, 2015 09:49 AM
पंचायत समिति, फागी (जिला जयपुर) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5582 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति कोटपूतली की भूजल स्थिति
Posted on 03 Nov, 2015 04:08 PM
पंचायत समिति, कोटपूतली (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5586 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति झोटवाड़ा की भूजल स्थिति
Posted on 03 Nov, 2015 04:06 PM
पंचायत समिति, झोटवाड़ा (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5586 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति जमवारामगढ़ की भूजल स्थिति
Posted on 03 Nov, 2015 04:04 PM
पंचायत समिति, जमवारामगढ़ (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5582 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति गोविंदगढ़ की भूजल स्थिति
Posted on 03 Nov, 2015 04:01 PM
पंचायत समिति, गोविंदगढ़ (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5586 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति दूदू की भूजल स्थिति
Posted on 03 Nov, 2015 01:29 PM


पंचायत समिति, दूदू (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5586 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।

Groundwater
पंचायत समिति चाकसू की भूजल स्थिति
Posted on 03 Nov, 2015 01:27 PM
पंचायत समिति, चाकसू (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5586 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति बस्सी की भूजल स्थिति
Posted on 03 Nov, 2015 01:24 PM
पंचायत समिति, बस्सी (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5586 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
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