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संदूषण, प्रदूषण और गुणवत्ता
आईआईटी धनबाद करेगी प्रदूषण जांच के लिए अध्ययन
Posted on 14 May, 2019 03:34 PM
राज्य में 101 स्थानों पर प्रदूषण जांच की ऑटोमेटिक मशीन लगाने से पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन स्कूल ऑफ़ माइंस) धनबाद तकनीकी अध्ययन करेगा। इस संबंध में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी) को निर्देशित किया है।
![There are several power plants in the state, one of the main reasons for pollution](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Kodarma%20Thermal%20Power%20Plant_0_3.jpg?itok=ZB26ikug)
आर्सेनिक मिला पानी युवाओं के दिल के लिए खतरा
Posted on 08 May, 2019 05:56 PMअमेरिकन हेल्थ एसोसिएशन की एक जर्नल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ आर्सेनिक मिले हुए पानी के सेवन से युवाओं में दिल की बीमारी का ख़तरा कई गुना बढ़ जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक आर्सेनिक के कारण दिल में खून की पंपिंग करने वाला हिस्सा अधिक मोटा हो जाता है। जिसके चलते भविष्य में दिल की बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऑस्ट्रिया के ‘हॉस्पिटल हीत्जिंग’ के शोधकर्ता ‘गेर्नोट पिचलर’ ने कहा है कि भूमिगत जल का इस्त
हाईकोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से 10 जून तक रिपोर्ट मांगी
Posted on 30 Apr, 2019 12:17 PMनैनीताल हाईकोर्ट ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदेश में ऐसे फैक्ट्रियों की जांच के आदेश दिए हैं जो प्रदूषण फैला रही हैं। साथ ही जांच रिपोर्ट को 10 जून तक कोर्ट में पेश करने का आदेश भी जारी किया है। इसके बाद इस मामले की अगली सुनवाई 13 जून को की जाएगी उसी समय जांच रिपोर्ट अदालत में पेश की जाएगी। इससे पहले भी अदालत इस मामले में आदेश दे चुकी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन औ
![Nainital High Court](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/naini%20HC_3.jpg?itok=k6YFIOaI)
प्राकृतिक रंगाईः परम्परा एवं वर्तमान
Posted on 20 Mar, 2019 12:02 PMरंग का विचार मन में आते ही अनुभूति होती है हर्ष एवं उल्लास की अभिव्यक्ति की। हो भी क्यों नहीं क्योंकि रंग एवं रंगाई सदियों से हमारे जीवन का अतंरंग हिस्सा होेने के साथ हमारी रचनात्मक सोच की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम भी रहे हैं।
![Natural painting](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Natural%20painting_3.jpg?itok=quojAISr)
जल प्रदूषणः समस्या एवं समाधान
Posted on 19 Mar, 2019 03:54 PMबदलते पर्यावरण की अठखेलियाँ व बिगड़ते पानी का स्वरूप, दिन प्रतिदिन मानव के लिए उपलब्ध यह जीवनदायी धरोहर, एक चुनौती बनता जा रहा है। फलस्वरूप उपलब्ध जल, वातावरण, वनस्पति व विभिन्न जीव जन्तुओं पर प्रश्न चिह्न सा लगता जा रहा है। पर्यावरण व उपलब्ध जल स्रोतों पर भी विनाशकारी प्रभाव नजर आने लगे हैं। अब यह आवश्यक है कि जो भी कार्य पर्यावरण व जल संसाधनों के वांछित रख-रखाव में बाधा डालता हो उस पर तुरन्त
![water pollution](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/water%20pollution_36.jpg?itok=Fpfa5kKc)
जंगल पंचायत
Posted on 16 Mar, 2019 02:00 PMमानव सभ्यता के प्रारम्भ से ही मनुष्य का जंगल से गहरा रिश्ता रहा है। हवा, पानी तथा भोजन जंगलों से जुटाए जाते रहे हैं।
![Forest](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Forest_30.jpg?itok=jYI2G7vx)
राष्ट्रीय जल स्वास्थ्य मिशन
Posted on 18 Feb, 2019 05:26 PM इनरेम फाउंडेशन द्वारा नीति आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई मिशन की एक झलक
मुख्य बिंदु:
- पानी की खराब गुणवत्ता और उससे पैदा होने वाली बीमारियों से लड़ने के लिये एक राष्ट्रीय कार्यक्रम
![फ्लोरोसिस](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/fluorosis_32.jpg?itok=hW1qRC5i)
फ्लोरोसिस स्थानिक राजस्थान में दुर्लभ जेनू-वेल्गम सिंड्रोम
Posted on 08 Jan, 2019 02:07 PMराजस्थान प्रदेश का पहला जेनू- वेल्गम सिंड्रोम केस (Fluoride, Epub 013)प्रकाशित शोध आंकड़ों के अनुसार राजस्थान के सभी जिलों का भू-जल फ्लोराइड से दूषित है। ऐसे फ्लोराइडयुक्त जल का दीर्घकालीन सेवन करना सेहत के लिये बेहद खतरनाक व हानिकारक होता है। इससे जनित फ्लोरोसिस बीमारी प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बे
![राजस्थान प्रदेश का पहला जेनू- वेल्गम सिंड्रोम केस (Fluoride, Epub 013)](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/knock%20knees_3.jpg?itok=oRmPnmaq)
बेखौफ हाइड्रो-फ्लोरोसिस के कहर से त्रस्त ग्रामीण भारत, नियंत्रण बेहद जरूरी
Posted on 03 Jan, 2019 01:36 PMदीर्घकालीन फ्लोराइड युक्त पानी पीने से न केवल इंसानों में बल्कि घरेलू पालतू पशुओं में भी कई तरह की शारीरिक विकृतियाँ एक के बाद एक विकसित हो जाती है इन्हें हाइड्रो-फ्लोरोसिस (फ्लोरोसिस) कहतें हैं। ये विकृतियाँ मूल रूप से पानी में मौजूद फ्लोराइड रसायन के दुष्प्रभाव अथवा इसके विषैलेपन के कारण विकसित होती हैं। इसका असर सबसे पहले दाँतों व हड्डियों पर दिखाई पड़ता है। इसके विषैलेपन से दाँत बदरंग एवं कम
![युवक के दाँतों पर हाइड्रो-फ्लोरोसिस का दुष्प्रभाव](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/fluorosis%20in%20animal_3.jpg?itok=cEjOTAY2)