पेयजल और अन्य घरेलू उपयोग

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June 30, 2024 SHGs empower women, ensure sustainability: A model for water tax collection in Burhanpur
Rural water security (Image: Shawn, Save the Children USA; CC BY-NC-SA 2.0)
June 12, 2024 Leveraging research to optimise water programs for improved health outcomes in India
Closing the tap on disease (Image: Marlon Felippe; CC BY-SA 4.0, Wikimedia Commons)
March 25, 2024 Best practices and tips to reduce water consumption from Bangalore.
Saving every drop counts (Image Source: Wikimedia Commons)
January 7, 2024 Need to nudge state governments to evolve a detailed roadmap (planning, implementation and operations related strategies)—immediate, medium and long-term—for ensuring drinking water security.
Demand-responsive approach became the mainstay of the project with the initiation of sectoral reforms (Image: India Water Portal Flickr)
December 19, 2023 This IIM Bangalore study highlights the spillover effects of public investments in rural water supply systems in the form of employment generation.
The employment structure under Jal Jeevan Mission encompasses both direct and indirect employment during construction and O&M phases. (Image: Wallpaperflare)
December 1, 2023 A summary of case presentations from a national symposium organised by IIM Bangalore, appointed by the center as the JJM Chair for O&M in collaboration with Arghyam and eGovernments Foundation.
Drinking water sustainability in rural India (Image Source: IWP Flickr photos)
बाह्यग्रह में जल
Posted on 17 Sep, 2010 09:45 AM अमेरिकी खगोलवैज्ञानिकों के एक दल ने केवल 40 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित एक लाल-वामन तारे की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी जैसे ग्रह की खोज की है जिस पर जल के महासागरों की संभावना है। यह ग्रह, जिसे ‘जीजे1214बी’ (GJ1214b) नाम दिया गया है, पृथ्वी से मात्र लगभग 2.7 गुना बड़ा और लगभग 6.5 गुना भारी है।अमेरिकी खगोलवैज्ञानिकों के एक दल ने केवल 40 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित एक लाल-वामन तारे की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी जैसे ग्रह की खोज की है जिस पर जल के महासागरों की संभावना है। यह ग्रह, जिसे ‘जीजे1214बी’ (GJ1214b) नाम दिया गया है, पृथ्वी से मात्र लगभग 2.7 गुना बड़ा और लगभग 6.5 गुना भारी है। इसके घनत्व के आधार पर वैज्ञानिकों का विचार है कि ‘जीजे1214बी’ का लगभग तीन चैथाई भाग जल से बना है। उसमें ठोस आयरन (लोहे) और निकिल का क्रोड तथा हाइड्रोजन एवं हीलियम का वायुमंडल है। इसके खोजकर्ताओं के अनुसार ‘जीजे1214बी’ पृथ्वी की अपेक्षा अधिक गर्म है और उसका वायुमंडल हमारे वायुमंडल की अपेक्षा 10 गुना अधिक सघन है (नेचर, 17 दिसंबर 2009)।

हिमालयी झीलों से लुप्त होती मछलियां
Posted on 26 Jul, 2010 03:56 PM
हिमालय की झीलों में बढ़ते प्रदूषण के कारण मछलियों की कई प्रजातियां नष्ट होने की कगार पर पहुंच गई हैं। बढ़ते प्रदूषण और जल में कम होते ऑक्सीजन के कारण मछलियों की कई प्रजातियां आकार और भार में कमतर होती जा रही हैं। सबसे अधिक दुष्परिणाम झेलने वाली मछलियों में महाशीर मछली का नाम लिया जा सकता है। भीमताल स्थित राष्ट्रीय शीत मत्स्यकी अनुसंधान केंद्र के आंकड़े इन तथ्यों को तसदीक करते हैं जहां एक ओर
केवलादेव की राष्ट्रीय पहचान पर संकट मडराया
Posted on 11 Dec, 2009 12:38 PM राजस्थान की यूँ तो अपनी पहचान है. मगर उस पहचान के साथ भरतपुर के केवलादेव पक्षी विहार के जुड जाने से से उसमें वृद्वि ही होती है . प्रदेश के पूर्वी हिस्से के जिले भरतपुर में पक्षियों का स्वर्ग कहा जाने वाला पक्षी विहार है. इसे फिलहाल विश्व प्राकृतिक धरोहर का दर्जा मिला हुआ है.
भरतपुर के केवलादेव पक्षी विहार के उथले पानी में भोजन की तलाश करते परिन्दे
प्राकृतिक सफाईकर्मी गिद्ध पर एक नजर
Posted on 27 Nov, 2009 08:21 AM एशियाई पर्यावरण के संतुलन में गिद्धों की बड़ी भूमिका है।सदियों से ये गिद्ध ही मरे हुए जानवरों के अवशेष
vulture
जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय में ग्लेशियर पिघल रहे हैं, इस बात का कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है - जयराम रमेश
Posted on 22 Nov, 2009 08:42 AM आखिर इसके निहितार्थ क्या हैं? पर्यावरण और वन मंत्री जयराम रमेश द्वारा जारी की गई रिपोर्ट हिमालयन ग्लेशियर्स के अनुसार इस बात का कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय में ग्लेशियर पिघल रहे हैं। इस अध्ययन की कोई जिम्मेदारी न लेते हुए जयराम रमेश ने बड़ी तत्परता से इसमें जोड़ा कि इसका मतलब इस विषय पर चर्चा को आगे बढ़ाना था।
पिघलते ग्लेशियर पर रिपोर्ट जारी करते जयराम रमेश
संकट में सारस
Posted on 21 Nov, 2009 08:46 AM सारस पक्षी के लिये दुनिया का एक मात्र स्थल होने के बावजूद इटावा को पूरी तरह से सरकारी तौर पर उपेक्षित रखा गया है,जब कि सर्वोच्च न्यायालय के सारस संरक्षण के आदेशों को बलाये ताक रख कर आजतक ना तो केन्द्र सरकार और ना ही उत्तर प्रदेश सरकार ने कोई ठोस कार्य योजना अमल में नहीं लाई गई है.जब कि सारस पक्षी को उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य पक्षी का दर्जा देकर महज खाना पूरी कर रखी है.
सारस पक्षी
साइप्रस करेगा पानी का आयात
Posted on 03 Oct, 2009 08:02 PM
कभी सुना है कोई देश पानी का आयात कर रहा है? जी हाँ पानी का आयात.
जलचक्र (The Water Cycle)
Posted on 05 Aug, 2009 11:23 AM

धरती पर कितना पानी उपलब्ध है?

o एक जानकारी के अनुसार धरती पर 2,94,000,000 क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध है, जिसमें से सिर्फ़ 3% पानी ही शुद्ध और पीने लायक है।
नुकसानदेह है क्लोरीन
Posted on 06 Apr, 2009 02:04 PM पानी पीने से त्वचा में नमीं रहती है। ब्यूटीशियन की यह सलाह बेमानी है। ज्यादा पानी पीने से अब त्वचा बेरौनक हो रही है। पानी मे झौंकी जाने वाली क्लोरीन के चलते बाल झड़ने और गैस्ट्रिक की समस्या पैदा हो रही है। क्लोरीन पानी के कोलीफार्म बैक्टीरिया को भी नष्ट करता है लेकिन उसका अधिक इस्तेमाल सेहत के लिए नुकसानदेह भी है।
राष्ट्रीय ग्रामीण जल आपूर्ति कार्यक्रम - कार्यान्वयन के लिए फ्रेमवर्क(2008-12)
Posted on 12 Mar, 2009 09:33 PM ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में पेयजल आपूर्ति विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय (भारत सरकार) के द्वारा नए दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। यह कार्यक्रम राजीव गांधी राष्ट्रीय पेयजल मिशन (आरजीएनडीडब्ल्यूएम) के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है।
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