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पेयजल और अन्य घरेलू उपयोग
सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य अभी दूर
Posted on 29 Aug, 2011 11:18 AMरिपोर्ट में स्वास्थ्य पर किए जाने वाले अधिक व्यय और व्यक्तियों के जीवनकाल में बढ़ोत्तरी को भी र
खोजी गयी बैक्टीरिया की आत्मरक्षा प्रणाली
Posted on 26 Aug, 2011 03:19 PMवैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया में मौजूद एक ऐसी आत्मरक्षात्मक प्रक्रिया के बारे में पता लगाया है जिससे आगे चलकर खतरनाक बैक्टीरिया समाप्त करने के लिए कारगर दवा इजाद की जा सकती है। वॉशिंगटन में यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसीन के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में यह खोज की है। अध्ययन में पाया गया कि क्यों कुछ बैक्टीरिया पर दवा का असर नहीं होता। शोधकर्ताओं ने बैक्टीरिया स्ट्रेप्टोकोकस की कोशिकाओं से निकलने वाल
मछलियों का प्रणय संसार
Posted on 23 Aug, 2011 02:22 PMविभिन्न प्रकार की मछलियों के परस्पर संभोग से पैदा होने वाली पीढ़ी को जो रूप-रंग प्राप्त होता है
बंगाल से बांग्लादेश तक हिल्सा डिप्लोमेसी
Posted on 22 Aug, 2011 03:09 PMबंगाल और बांग्लादेश की नदियों में विचरतीं हिल्सा मछलियाँ स्थानीय जनमानस को गहरे स्तर पर प्रभाव
भूमंडल में भारत : जन-स्वास्थ्य के नजरिये से
Posted on 15 Aug, 2011 11:54 AMजनांदोलनों के प्रखर नायक शैलेन्द्र शैली की संकलित रचनाओं पर एक किताब प्रकाशित हुई थी ‘भूमंडल में भारत’ जिसमें भूमंडलीकरण तथा हमारे देश पर रचनाएं शामिल थीं। यह शीर्षक ‘भूमंडल में भारत’ हमें प्रेरित करता है कि भूमंडलीकरण के आज के दौर में हमारा देश कहां तक पहुंचा है, इस पर विवेचना की जाए। हम अपने इस लेख में स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारे देश ने कितनी प्रगति की है इसका तुलनात्मक अध्यय
चंबल घड़ियाल अभ्यारण्य का दावा खटाई में
Posted on 28 Jul, 2011 11:45 AMतीन प्रदेशों में फैले 'राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभ्यारण्य' का यूनेस्को की प्राकृतिक विश्व धरोहर में शामिल होने का दावा खटाई में पड़ गया है। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तैयार किए प्रस्ताव को केन्द्र ने साढ़े तीन साल बाद भी कोई जवाब नहीं दिया। अपने आप में अनोखा ये जल अभ्यारण्य अब बिना अंतर्राष्ट्रीय पहचान के यूँ ही रह जाएगा। देश का एकमात्र नदी अभ्यारण्य 'चंबल घड़ियाल' अपनी जैव वि
चंबल नदी में घड़ियाल ही घड़ियाल
Posted on 28 Jul, 2011 11:20 AMभोपाल। चंबल नदी में जो राष्ट्रीय अभ्यारण्य बना है, उसमें घड़ियाल ही घड़ियाल पैदा हो सकते हैं। बशर्ते यहां लोकल हेचरी यानी स्थानीय प्रजनन गृह नदी क्षेत्र में ही बना दिया जाए। इसे बनाने की अनुमति भारत सरकार से मद्रास के क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट ने मांगी है लेकिन ट्रस्ट को इसकी इजाजत नहीं दी गई है। जबकि ट्रस्ट ने हार नहीं मानी है, उसकी कोशिश जारी है।
चंबल से मगर का मोहभंग
Posted on 28 Jul, 2011 10:12 AMकोटा। कहीं रेत भरते ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की धड़धड़ाहट तो कहीं अवैध खनन के धमाके। अब ऐसे में कोई अपने नन्हें बच्चों को कैसे छोड़ सकता है? बरसों को चंबल नदी में रह रहे मादा मगरमच्छों की भी ऐसी ही स्थिति है। चंबल की कराइयों में बढ़ती मानवीय गतिविधियों के चलते इन्होंने अपने प्रजनन स्थल बदल लिए हैं। अब ये चंबल छोड़कर उसकी सहायक नदी चंदलोई व उसमें गिरने वाले नालों के इर्दगिर्द अण्डे दे रही हैं।
चंबल में सियार साफ कर रहे हैं घड़ियाल
Posted on 28 Jul, 2011 09:46 AMइटावा। घड़ियालों को संरक्षित करने की दिशा में केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं को नाकारा चंबल सेंचुरी के अफसरों की लापरवाही के चलते पूरी तरह से धूल में मिल गई है। इन अफसरों की हीला-हवाली के चलते घड़ियालों के अंडे सियारों का निवाला बन रहे है और चंबल सेंचुरी के अफसर अपनी जेबों के वजन को बढ़ाने में लगे हुये है। घड़ियालों के अंडों के सियारों के निवाला बनने का यह वाक्या उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में चं
रेणुका झील के कछुओं का अस्तित्व खतरे में
Posted on 14 Jul, 2011 04:50 PMसंगड़ाह। देश के उच्च श्रेणी वैट लैंड क्षेत्रों में शामिल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील श्री रेणुका जी में पाए जाने वाले दुनिया के दुर्लभ श्रेणी के कछुओं व अन्य जल जीवों के संरक्षण के प्रयास न होने से इनका अस्तित्व खतरे में है। विशेषज्ञों के मुताबिक यहां पाए जाने वाले निलसोनिया ह्यूरम, रिवर टैरापिन व पिकॉक सोफ्ट शिल्ड आदि लुप्तप्रायः कछुओं की वंश वृद्धि रुक चुकी है। दुनिया के इंडेंजर्ड अथवा