Posted on 03 May, 2013 12:31 PMमनरेगा पर सीएजी की रिपोर्ट आने के बाद से इस महायोजना पर एक बार फिर देश भर में बहस तेज हो गई है। बहस का मुद्दा यह भी है कि अगर इस योजना में कुछ सालों में ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने की संभावना तलाशी जा रही थी तो फिर चूक कहां हो रही है? क्या इन सात सालों में मनरेगा ने भ्रष्टाचार को गांव और गलियों तक पहुंचा दिया है? कुछ ऐसे ही सवालों पर यह फोकस
Posted on 30 Apr, 2013 01:53 PMमहात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के माध्यम से भारत में आर्थिक सामाजिक व राजनीतिक परिवर्तन की आस बंधी है। दिवा अरोरा द्वारा कुछ समय पूर्व यह साक्षात्कार लिया गया था जिसमें मनरेगा व सूचना का अधिकार कानून के संबंध में उनसे चर्चा की गई थी। यह दो आलेखों की श्रृंखला का पहला साक्षात्कार है।
Posted on 16 Jan, 2013 03:45 PMमनरेगा के तहत खोदे गए तालाब ज्यादातर उपयोगी नहीं है। कारण कि उनको बनाते समय न तो स्थान, न ही उनके कैचमेंट और न ही निकासी का ध्यान रखा गया है। इन कारणों से ये तालाब बहुत उपयोगी नहीं रह गए हैं। ज्यादातर सूखे पड़े हुए हैं। तालाबों को बनाने में न तो लोक ज्ञान का इस्तेमाल किया गया है, न ही परंपरागत ज्ञान का इस्तेमाल हुआ है और न ही आधुनिक विज्ञान का। इनको बनाने में दबंगई, पैसा और लूट-खसोट का इस्तेमाल
Posted on 16 Jan, 2013 03:23 PMदेश की बहुप्रतिक्षित योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानि ‘मनरेगा’ बद से बदतर होती जा रही है। ग्राम प्रधान से लेकर अधिकारी तक सभी लूट-खसोट में लगे हैं। मनरेगा के तहत जिनको जॉबकार्ड की जरूरत है उनको न दे करके अपने सगे-संबंधियों को जॉबकार्ड बांटा जा रहा है तथा तालाब केवल कागजों पर ही खोदे जा रहे हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 30 नए काम जोड़कर मनरेगा को मनरेगा-2 क
Posted on 08 Dec, 2012 11:05 AMसरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में तालाबों की मरम्मत को जोड़ा गया तो उम्मीद यह लगाई गई कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना से तालाबों का जीर्णोंद्धार हो जाएगा। कयास यह लगाया जा रहा था कि परंपरागत तालाब भले ही आधुनिक विकास के कारण उपेक्षित हो गए हों लेकिन कम से कम रोजगार की चाहत में तालाबों की मिट्टी निकलेगी और धरती की सबसे मूल्यवान तत्व में पानी सहेजने के प्रति लोग जागरूक होंगे। इन योजनाओं को लाग