Kritsnam where engineering meets hydrology, founded by K. Sri Harsha focuses on developing accurate, easy to install, tamper-proof, and weather-proof smart water metering solutions to deal with the growing water crisis in India.
The rising trend of abandoning open wells for borewells in Chikkaballapur and Annamayya districts, and the potential negative consequences of this shift.
बेहिसाब भूजल दोहन भूकंप के खतरे को विनाशकारी बना देगा। हाल फिलहाल के दो अध्ययन हमारे लिए खतरे का संकेत दे रहे हैं। एक अध्ययन पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में भूकंप के आवृत्ति और तीब्रता बढ़ने की बात कर रहा है। तो दूसरा भूजल का अत्यधिक दोहन से दिल्ली-NCR क्षेत्र के कुछ भाग भविष्य में धंसने की संभावना की बात कर रहा है। दोनों अध्ययनों को जोड़ कर अगर पढ़ा जाए तस्वीर का एक नया पहलू सामने आता है।
Posted on 05 Nov, 2015 11:46 AM पंचायत समिति, जैसलमेर (जिला जैसलमेर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा जैसलमेर जिले में 18855 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 14559 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की निरन्तर कमी हो रही है।
Posted on 05 Nov, 2015 11:42 AM पंचायत समिति, सम (जिला जैसलमेर) सुरक्षित श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा जैसलमेर जिले में 18855 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 14559 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की निरन्तर कमी हो रही है।
Posted on 05 Nov, 2015 11:36 AM पंचायत समिति, शाहपुरा (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5586 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 05 Nov, 2015 11:29 AM पंचायत समिति, सांगानेर (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5582 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 05 Nov, 2015 10:02 AM पंचायत समिति, सांभर (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
सांभर पंचायत समिति में वर्ष 1984 में भूमि में उपलब्ध पानी का प्रतिवर्ष 52 प्रतिशत ही उपयोग करते थे लेकिन अब 303 प्रतिशत दोहन कर रहे हैं अर्थात कुल वार्षिक पुनर्भरण की तुलना में 108 मिलियन घनमीटर भूजल अधिक निकाला जा रहा है।
1984 में औसत 10 मीटर गहराई पर पानी उपलब्ध था जो अब 75 मीटर तक हो गया है।
Posted on 05 Nov, 2015 09:49 AM पंचायत समिति, फागी (जिला जयपुर) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5582 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 03 Nov, 2015 04:08 PM पंचायत समिति, कोटपूतली (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5586 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 03 Nov, 2015 04:06 PM पंचायत समिति, झोटवाड़ा (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5586 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 03 Nov, 2015 04:04 PM पंचायत समिति, जमवारामगढ़ (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5582 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 03 Nov, 2015 04:01 PM पंचायत समिति, गोविंदगढ़ (जिला जयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2004 में भूजल की मात्रा जयपुर जिले में 8890 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 5586 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।