आर्सेनिक

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December 30, 2023 भूजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड के मामले में एनजीटी ने "जिम्मेदारी से भागने" के लिए 28 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, सीजीडब्ल्यूए को नोटिस जारी किया।
भूजल में आर्सेनिक,फ्लोराइड जैसे जहरीले तत्व
December 28, 2022 Water anywhere straight to where it is needed
Bhisma drinking water of Patala Ganga which was drawn on earth by Arjuna (Image Source: Wikimedia Commons)
February 13, 2022 A study provides new evidence that drinking water contaminated with arsenic can lead to still births, recurrent pregnancy loss and infertility among women.
A well in Rajasthan (Image Source: IWP Flickr photos)
August 29, 2021 A study shows that high arsenic contamination of groundwater in Bihar is linked with increase in cancer cases. Districts located near the Himalayan river basins have more people with cancer.
Drinking water in Bihar, linked to cancer (Image Source: IWP Flickr photos)
March 3, 2021 Need to remove arsenic from the food chain and not just drinking water in endemic areas
Median excess lifetime cancer risk of 2 per 10,000 from food arsenic exposure in Bihar. (Image: Wikimedia Commons)
July 25, 2019 A young college graduate shares his experience working with Tata Trusts in Assam on water issues.
Stream Network in Tezpur, Assam. Image credit: Rohit Sar
समस्या की जड़
Posted on 07 Sep, 2015 03:49 PM

(क) भूजल में आर्सेनिक की उपस्थिति

सुरक्षित क्या है
Posted on 06 Sep, 2015 12:42 PM
1. वर्तमान में, भारत में आर्सेनिक की निर्धारित सीमा क्या निश्चित हुई है?
बांग्लादेशः आर्सेनिक का प्रकोप
Posted on 06 Sep, 2015 11:34 AM
1. बांग्लादेश में आर्सेनिक की समस्या की उत्पत्ति कैसे हुई ?
आर्सेनिक: भयावह विस्तार
Posted on 06 Sep, 2015 10:45 AM
संसद में केन्द्रीय जल संसाधन मन्त्रालय से जुलाई 2004 में पानी में आर्सेनिक (संखिया) और फ्लोराइड के दूषण के विस्तार पर एक सवाल पूछा गया। मन्त्रालय ने जवाब दिया कि आर्सेनिक से पश्चिम बंगाल के आठ जिले- मालदा, दक्षिण 24-परगना, उत्तर 24-परगना, नादिया, हुगली, मुर्शिदाबाद, बर्धमान और हावड़ा प्रभावित हैं। इनके अलावा बिहार में सिर्फ एक भोजपुर जिला अत्यधिक आर्सेनिक से प्रभावित माना जाता है।
बंगाल की महाविपत्ति (Arsenic: Bengal 's disaster)
Posted on 05 Sep, 2015 04:44 PM
यदि आर्सेनिक (संखिया) के प्रदूषण पर बलिया ने अंकुश नहीं लगाया तो उसका भी वही हाल होगा जो पश्चिम बंगाल का हुआ है। ‘डाउन टू अर्थ’ ने अपने 15 अप्रैल 2003 के अंक में बंगाल में आर्सेनिक के फैलते प्रकोप का वर्णन किया है, जिसके कुछ अंश यहाँ दिये गए हैं…
आर्सेनिक का कहर (Arsenic havoc)
Posted on 05 Sep, 2015 01:48 PM
भारतवासी जिस भूजल को पीते हैं, उसमें जहरीला आर्सेनिक (संखिया) आखिर किस हद तक फैल चुका है? दिल्ली में एक डाॅ.
आर्सेनिक : खामोश कातिल (Arsenic : Silent Killer)
Posted on 06 Aug, 2015 03:33 PM

समस्या


वर्ष 2000 से पहले आर्सेनिक के मामले बांग्लादेश, भारत और चीन से ही सामने आते थे। मगर पिछले दशक के शुरुआती सालों में आर्सेनिक प्रदूषण का फैलाव दूसरे एशियाई मुल्कों जैसे मंगोलिया, नेपाल, कम्बोडिया, म्यांमार, अफगानिस्तान, कोरिया, पाकिस्तान आदि में भी दिखने लगा है। साथ ही बांग्लादेश, भारत और चीन में भी आर्सेनिक की अधिक मात्रा के मामले कई और नए इलाकों में भी सामने आने लगे हैं। महज कुछ दशक पहले तक आर्सेनिक का जिक्र पानी के मुद्दों में अमूमन नहीं होता था। लेकिन पिछले कुछ दशकों से आर्सेनिक प्रदूषण के मामले चर्चा के केन्द्र में आ गए हैं। दुनिया भर में 20 से भी ज्यादा मुल्कों के भूजल में आर्सेनिक होने के मामले सामने आये हैं (बोरडोलोई, 2012)। खासतौर पर हमारे दक्षिण एशियाई देशों में लगातार पेयजल में आर्सेनिक के मामले प्रकाश में आ रहे हैं और बड़ी संख्या में लोगों के इससे पीड़ित होने का पता चल रहा है और अब इसे वृहद जनस्वास्थ्य समस्या के रूप में देखा जाने लगा है।

हालांकि भूजल में आर्सेनिक की उपस्थिति भूगर्भ में होने की वजह से होता है। पर कई और वजहें भी हैं भूजल में आर्सेनिक की सान्द्रता बढ़ने की। इनमें से कुछ प्राकृतिक वजहें हैं, जैसे, आर्सेनिक चट्टानों के टूटने और सेडिमेंटरी डिपोजीशन (रेजा एट एल., 2010), मानवजनित वजहें जैसे धात्विक खनन, खेती में आर्सेनिकयुक्त उर्वरकों का इस्तेमाल (स्मेडली एट एल., 1996), फर्नीचर आदि के आर्सेनिकयुक्त प्रीजरवेटिव्स और कीटनाशकों के इस्तेमाल (एफएक्यू, 2011)
बंगाल के भूजल में आर्सेनिक मानव इतिहास की गंभीरतम त्रासदी (Arsenic in Bengal groundwater gravest tragedy of human history)
Posted on 02 Jul, 2015 12:24 PM आर्सेनिकयुक्त जल का नियमित सेवन चर्मरोग, पेट के रोग और फेफड़ा एवं
आँखों को बेनूर कर रहा पानी
Posted on 03 Dec, 2014 08:40 AM
बिहार के भोजपुर जिले के बीहिया से अजय कुमार, शाहपुर के परशुराम, बरहरा के शत्रुघ्न और पीरो के अरुण कुमार ये लोग भले ही अलग-अलग इलाकों के हैं, पर इनमें एक बात कॉमन है, वो है इनके बच्चों की आंखों की रोशनी। इनके साथ ही सोलह और अन्य परिवारों में जन्में नवजात शिशुओं की आँखों में रोशनी नहीं है। इनकी आँखों में रोशनी जन्म से ही नहीं है। बिहार के सबसे ज्यादा आर्सेनिक प्रभावित भोजपुर जिले में पिछले कुछ
contaminated water
बिहार के आठ जिलों का पानी ही पीने लायक
Posted on 22 Nov, 2014 02:58 PM

38 जिलों वाले बिहार राज्य के आठ जिलों का पानी ही प्राकृतिक रूप से पीने लायक है, शेष 30 जिलों के इलाके आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन से प्रभावित हैं। इन्हें बिना स्वच्छ किए नहीं पिया जा सकता। बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने राज्य के 2,70,318 जल स्रोतों के पानी का परीक्षण कराया है।

इस परीक्षण के बाद ये आंकड़े सामने आए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग के 9 जिले के पानी में आयरन की अधिक मात्रा पाई गई है, जबकि गंगा के दोनों किनारे बसे 13 जिलों में आर्सेनिक की मात्रा और दक्षिणी बिहार के 11 जिलों में फ्लोराइड की अधिकता पाई गई है। सिर्फ पश्चिमोत्तर बिहार के आठ जिले ऐसे हैं जहां इनमें से किसी खनिज की अधिकता नहीं है। पानी प्राकृतिक रूप से पीने लायक है।

Arsenic water
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