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साक्षात्कार
भारत का जल संकट
Posted on 16 Sep, 2008 11:27 AMनित्या जैकब के साथ फ्रेडरिक नोरोंहा की बातचीत
पूर्व बिजनेस और पर्यावरणीय पत्रकार नित्या जैकब ने भारतीय उपमहाद्वीप में पानी पर आधारित एक पर्यावरणीय यात्रा वृतांत लिखने जैसा अद्भुत काम किया है।
दिल्ली के रहने वाले इस लेखक ने अपने अनुभव से यह देखा कि अधिक पानी और जल प्रबंधन की विश्व में सबसे अधिक परंपराओं में से एक होने के बावजूद भी भारत में जल संकट बहुत गंभीर है।
महंगी पड़ी चूक
Posted on 16 Sep, 2008 10:24 AMकेंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री जयप्रकाश यादव से संजय सिह की बातचीत
अंतरराष्ट्रीय कुसहा बांध के टूटने से बिहार में महाप्रलय की स्थिति पैदा हो गयी है, उसे बचाने के लिए केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने क्या किया?
पानी के मसले एक ही मंत्रालय के पास हो
Posted on 07 Sep, 2008 09:46 PMहर आम और खास की सबसे बड़ी जरूरत है पानी। बढ़ती आबादी व सीमित पानी को देखते हुए झगड़े भी बढ़ रहे हैं। देश में पानी राज्यों का विषय है और केंद्रीय स्तर पर भी पानी कई मंत्रालयों में बंटा है। इन हालात में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सैफुद्दीन सोज का आए दिन किसी न किसी नए विवाद से सामना होता रहता है। उनका स्पष्ट मानना है कि पानी के लिए तो एक ही मंत्रालय होना चाहिए। 'दैनिक जागरण' के विशेष संवाददात
पैसा नहीं पानी कमाएंगे लोग- शेखर कपूर
Posted on 01 Sep, 2008 07:48 PMयथार्थ को पर्दे पर उतारनेवाले शेखर कपूर 'पानी' बना रहे हैं. इस फिल्म में 2035 के उस भविष्य की कल्पना की गई है जब पानी का नामों-निशां नहीं होगा. फिल्म 'पानी' के बारे में निर्माता-निर्देशक शेखर कपूर से बातचीत.
क्या पानी ऐसा मुद्दा है जिस पर एक पूरी फिल्म बनाई जाए?
हल्की बारिश से ही पूरी दिल्ली पानी–पानी हो जाती है, जानलेवा भी
Posted on 14 Jul, 2024 04:01 PMप्रश्न - जलभराव से आखिर‚ कैसे निपटा जाएॽ
- रेनी सीजन से पूर्व मई–जून की तैयारियों में और जोर देना होगा। दिल्ली नगर निगम‚ दिल्ली जल बोर्ड और लोक निर्माण विभाग को आपस में तालमेल बिठाना चाहिए। समस्या होने पर एक–दूसरे पर आरोप–प्रत्यारोप से बचें। निपटने के इंतजाम ईमानदारी से हों। बारिश से पहले जल बोर्ड पंप सेट‚ सीवरेज ट्रॉली और सीवर जेटिंग मशीन से पूरी दिल्ली के नालों की माद निकाली जाए। स
बढ़ते शहर से भी बढ़ रही है बाढ़
Posted on 12 Jul, 2024 09:18 AM■ शहरों में हल्की बारिश भी होती है तो शहरों में जलभराव की समस्या का सामना क्यों करना पड़ जाता है?
देश के बड़े और छोटे शहरों में कोई बेहतर जल प्रबंधन की व्यवस्था नहीं है। बारिश के दिनों में इससे एक तो हम पानी का संरक्षण नहीं कर पाते हैं, दूसरा जलभराव और बाढ़ की समस्या खड़ी रहती है। जमीनी हकीकत तो यह है कि इस पर कोई ध्यान नहीं है कि पानी का संरक्षण कहां और कैसे किया जाए। दिल्ली की ही बा
सभी लोग पानी-पर्यावरण के लिए कार्य करें
Posted on 23 Jan, 2024 05:08 PMवरिष्ठ लेखक डॉ. खुशालसिंह पुरोहित से आशीष दशोत्तर की बातचीत
वरिष्ठ लेखक, पत्रकार एवं पर्यावरणविद् डॉ. खुशालसिंह पुरोहित पर्यावरण डाइजेस्ट के सम्पादक हैं। आपने मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. शिवमंगल सिंह 'सुमन' के निर्देशन में पीएच.डी. की उपाधि के बाद पर्यावरण विषय में नीदरलैण्ड से डी.
अपनी कब्र खोद रही है दुनिया – सोपान जोशी
Posted on 27 Oct, 2023 12:09 PMप्रश्न- क्लाइमेट चेंज की भारत में जो स्थिति है, सो तो है ही, लेकिन विदेशों में; खासकर विकसित देशों में, अपनी हर समस्या के समाधान के लिए जिनकी तरफ हम देखते हैं, उनकी क्या स्थिति है, वो क्या कर रहे हैं?
स्वच्छता उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण है
Posted on 21 Oct, 2023 02:36 PMस्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के दौरान महात्मा गांधी ने या प्रसिद्ध उक्ति कही थी स्वच्छता स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण है यह मानते हुए कि हमारे राष्ट्र के उज्जवल भविष्य की यात्रा हमारे परिवेश की स्वच्छता और हमारे लोगों के कल्याण के साथ शुरू होनी चाहिए।