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विकेंद्रकीकृत प्रबंधन पर हो जोर
Posted on 03 Jun, 2019 01:04 PM

बढ़ते सुखाड़ का घाव अब नासूर बन चुका है। अगले पांच साल बाद हालात बेहद गंभीर होंगे। जरूरत राहत की नहीं, रोग की जड़ पर जाकर उसका नाश करने की है। सिंचाई और उद्योग-पानी के दो सबसे बड़े उपभोक्ता हैं। इन दोनों से उनकी जरूरत के पानी के इंतजाम की जवाबदेही खुद उनके हाथ में देने की प्राथमिकता पर लाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।

water crisis
सौंग, जाखन में खनन बंद
Posted on 25 May, 2019 12:20 PM

देहरादून की मुख्य नदी सौंग और जाखन में 26 मई से खनन नहीं होगा। केन्द्र से खनन के लिए मिली 10 साल की मंजूरी 25 मई को खत्म हो रही है। फिलहाल दोबारा अनुमति की उम्मीद नहीं है।

वन निगम को सौंग नदी में तीन और जाखन नदी में दो लाॅटों के लिए खनन की मंजूरी 26 मई 2009 में मिली थी। जो 10 साल के लिए वैध थी, 25 मई के बाद यहां खनन नहीं होगा।

mining
गंगा की अविरलता जरूरी
Posted on 23 May, 2019 11:45 AM

जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि गंगा की अविरलता के लिए अब पूरे देश में जन-जागृति शुरु कर दी है। गंगा की अविरलता के लिए देश की नई सरकार एवं सांसदों से मिलजुल कर कार्य किया जाएगा। यदि इसके बाद भी कार्यवाही नहीं होती है, तो गंगा के लिए सत्याग्रह किया जाएगा।

ganga
पानी के लिए शासन से मांगे 8 करोड़
Posted on 20 May, 2019 03:59 PM

ग्राम पंचायतों को हैंडओवर हो चुकी पाइप पेयजल योजनाओं की दशा बदतर हो चुकी है। कहीं के पाइप टूटे हैं तो किसी स्थान पर मोटर आदि में खराबी के चलते जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। इस तरह प्रभावित पच्चीस पाइप पेयजल योजनाओं की मरम्मत के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी ने सात करोड़ इक्यासी लाख रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा है।

water
जलाशयों में 100 फीट बोरवेल जरूरी
Posted on 11 May, 2019 11:27 AM

हिन्दुस्तान, गया, 11 मई 2019

भीषण गर्मी और पेयजल संकट के बीच शुक्रवार को गया कलेक्ट्रेट में गया के प्रभारी सचिव आरके महाजन ने पेयजल की स्थिति पर बिंदुवार समीक्षा की। बताया गया कि गया में कुल 40,896 चापाकल हैें, जिसमें 5,869 नाकाम हैं। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता विवेक कुमार ने बताया कि जिले का जल-स्तर 40-45 फीट निचे चला गया है।

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