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समाचार और आलेख
भारी बारिश से जलाशयों में बढ़ा जलस्तर,टूटा 10 साल का रिकॉर्ड
Posted on 14 Oct, 2022 12:28 PM
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने गुरुवार को अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि देश के 143 प्रमुख जलाशयों में औसत जल स्तर सालाना 8% और पिछले 10 वर्षों के औसत से 17% अधिक है।
तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक
Posted on 04 Oct, 2022 04:13 PMपरम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीत
बेहद खास हैं भारत के परम्परागत तालाबों की विरासत
Posted on 29 Sep, 2022 02:09 PM
अनुपम मिश्र ने अपनी किताब आज भी खरे है तालाब में लिखा था कि सैकड़ों, हजारों तालाब अचानक शून्य से प्रगट नहीं हुए थे। इनके पीछे एक इकाई थी बनवाने वालों की, तो दहाई थी बनाने वालों की। यह इकाई दहाई मिलकर सैंकड़ा हजार बनती थी।
उत्तराखंड में प्राकृतिक जल स्रोतो के संरक्षण के लिए बनेगी कमेटी
Posted on 13 Sep, 2022 12:54 PM
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में हिमालय दिवस पर हिमालय के संरक्षण के लिए शपथ दिलाई और श्रीमद्भागवत गीता पर संक्षेप व सरल भाषा में लिखी पुस्तक का विमोचन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने श्री हरि मंदिर रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
रिसर्च में दावा-पृथ्वी पर पानी अंतरिक्ष से आया है
Posted on 16 Aug, 2022 01:25 PM
पानी पृथ्वी की सतह का लगभग 71% भाग कवर करता है। पृथ्वी में समुद्र, महासागरों, नदियों और झीलों में पानी के आलावा सतह के नीचे चट्टानों ,ग्लेशियरों और वायुमंडल में वाष्प के रूप में पानी मौजूद है और साथ ही हम इंसानो में भी लगभग 55 से 78% पानी हैं।
एनशिंएट टैंक - रिस्टोरेशन एंड रिजूवेनेशन कोर्स (Ancient Tank - Restoration and Rejuvenation Course)
Posted on 04 Aug, 2022 12:51 PMगांव-गांव फैले हुई जल संकट से निजात पाने को प्राचीन जल संरचनाओं का पुनर्जीवन ही एकमात्र रास्ता है। बुंदेलखंड सहित पूरा मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा सहित पूरा महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल का एक बड़े हिस्से को बड़े एनशिएंट-टैंक हजारों साल से पानी पिलाते रहे हैं।