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कैसे बचेगा पानी
Posted on 30 Mar, 2011 02:19 PM जल संकट से निपटने के लिए जागरुकता के लिए जागरुकता के साथ वैज्ञानिक तरीकों को भी अपनाए जाने की जरूरत है। सबसे कारगर तरीका है बारिश का पानी बचाना। हम छत का पानी बचा कर भू जलस्तर बढ़ा सकते हैं। इजरायल, सिंगापुर, चीन, आस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग पर काफी काम किया जा रहा है। यहाँ बेहतर परिणाम मिले हैं। सिंगापुर में तो यह पानी का प्रमुख स्रोत बन गया है, जबकि चेन्नई में तेजी से गिरत
बिन पानी सब सून
Posted on 30 Mar, 2011 02:16 PM • मुंबई में वाहन धोने के लिए 50 लाख लीटर पानी खर्च कर दिया जाता है। भोपाल में हर दिन किसी न किसी जगह लीकेज होने से करीब 500 लीटर पानी रोजाना बह जाता है।
धरती, जल,हवा, वन कोई नहीं रहा पावन
Posted on 30 Mar, 2011 01:41 PM धरती, जल, वायु और वन, जीवन के लिए अनिवार्य इन तत्वों में से कोई शुद्ध नहीं बचा। धरती बंजर हो रही है, पानी जहरीला होता जा रहा है। हवा दूषित है और आकाश में धुँआ और धूलकण हैं। केन्द्र सरकार की स्टेट आफ इंवायरमेंट रिपोर्ट 2009 इसी कड़वी हकीकत को बयान करती है। रिपोर्ट के अनुसार देश की 328.73 मिलियन हेक्टेयर जमीन बंजर हो रही है। इसमें से 93.68 मिलियन हेक्टेयर पानी के क्षरण तथा 16.03 मिलियन हेक्टेयर पानी
अपना नलकूप बढ़ा रहा जल संकट
Posted on 30 Mar, 2011 11:41 AM 9 फीसदी आबादी की नल पर निर्भरता घटी
2 हजार बसाहटों में नहीं जल स्रोत
घर-घर हो रहे नलकूप खनन, पानी बचाने में रुचि नहीं
जगमग शहर, सीवेज उपचार में फिसड्डी
Posted on 30 Mar, 2011 09:39 AM

रोजाना यूँ ही बहा दिया जाता है 26 हजार मिलियन लीटर पानी

धन गंवाया, पानी गया, सूखे रह गये खेत
Posted on 23 Mar, 2011 04:49 PM

दस सालों में 90 फीसदी घट गया सिंचाई रकबा


अगस्त 1986 में राज्यों के सिंचाई मंत्रियों को संबोधित करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने कहा था-‘सोलह सालों से हमने धन गंवाया है। सिंचाई नहीं, पानी नहीं, पैदावार में कोई बढ़ोतरी नहीं, लोगों के दैनिक जीवन में कोई मदद नहीं। इस तरह उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ है।’
32 हजार स्कूलों में पानी अनुपस्थित
Posted on 23 Mar, 2011 04:45 PM

8 हजार स्कूलों में विद्यार्थी प्यासे

आपका पानी कौन सा?
Posted on 23 Mar, 2011 04:35 PM आदमी बुलबुला है पानी का और पानी की बहती सतह पर टूटता भी है, डूबता भी है, फिर उभरता है, फिर से बहता है, न समंदर निगल सका इसको, न तवारीख तोड़ पाई है, वक्त की मौज पर सदा बहता आदमी बुलबुला है पानी का।
पानीदार लोग
Posted on 23 Mar, 2011 04:29 PM पानी बचाने का संकल्प भी कैसा है। जैसे खराब परीक्षा परिणाम के बाद अगले सत्र के पहले दिन से हाड़तोड़ पढ़ाई का संकल्प..जैसे बीमारी के बाद संयमित जीवन का संकल्प..दफ्तर में समय पर आने का संकल्प..नशे की लत को छोड़ देने का संकल्प..
..वो सुराही...वो यादें
Posted on 23 Mar, 2011 04:24 PM एक शेर है..
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