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उत्तराखंड
मायके से ही मैली होकर चलती है गंगा
Posted on 18 Jul, 2017 03:49 PM
गंगा अपने मायके में ही मैली हो जाती है। गोमुख से उत्तरकाशी के बीच दस छोटे-बड़े कस्बे हैं। तीर्थयात्रा-काल में इन स्थानों पर औसतन एक लाख लोग होते हैं। इनमें से कहीं भी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है। करीब छह हजार की स्थायी आबादी वाले देवप्रयाग कस्बे में भागीरथी और अलकनंदा के मिलने के बाद गंगा बनती है। इस कस्बे में छह नाले सीधे गंगा में गिरते हैं, ट्रीटमेंट प्लांट 2010 से बन ही रहा है। ऋषिकेश में 12 नाले गंगा में जाते हैं, वहाँ लक्ष्मण झूला और त्रिवेणी घाट के बीच ट्रीटमेंट प्लांट तो बन गया है, पर उसके संचालन में कठिनाई है और मलजल सीधे गंगा में प्रवाहित करने का आसान रास्ता अपनाया जाता है।
समाजिक कार्यकर्ता सुरेश भाई बताते हैं कि उत्तराखण्ड के 76 कस्बों व शहरों से रोजाना लगभग 860 लाख लीटर मलजल गंगा में बहाया जाता है। इसके अलावा 17 नगर निकायों से निकला लगभग 70 टन कचरा भी गंगा के हिस्से आता है।
![गंगा नदी](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Ganga%20river_4_3.jpg?itok=gV1w3svZ)
नैनी झील के कम होते जलस्तर के संरक्षण और बहाली की कोशिशों का लेखा-जोखा (भाग 4)
Posted on 16 Jul, 2017 10:00 AMझील के संरक्षण और बहाली के लिये कार्य
सप्तऋषि घाट हरिद्वार - बीमार गंगा
Posted on 15 Jul, 2017 11:44 AM2010 के हरिद्वार कुम्भ के बाद राष्ट्रीय नदी घोषित गंगा को आज
नैनी झील के घटते जलस्तर एवं उस पर किये गए वैज्ञानिक अध्ययन क्या कहते हैं (भाग 3)
Posted on 15 Jul, 2017 10:32 AMझील के पानी में गिरावट के कारण
नैनी झील के जल की विशेषता, वनस्पति एवं जीव के वैज्ञानिक विश्लेषण (भाग-2)
Posted on 14 Jul, 2017 10:37 AMझील के जल की विशेषता
जल प्रकृति में क्षारीय है (पीएच मान- 8.0- 9.0)। झील के आस-पास के जलग्रहण बेसिन से प्रवाह मिलता है जिसमें पहाड़ी ढलान और स्प्रिंग्स शामिल हैं।
नैनीताल झील पर वैज्ञानिक विश्लेषण – (भाग-1)
Posted on 13 Jul, 2017 11:23 AMनैनीताल झील एक प्राकृतिक झील है। यह झील भारत के उत्तराखण्ड राज्य के नैनीताल शहर में स्थित है। अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के लिये जहाँ विश्व प्रसिद्ध है। समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 1,937 मीटर है। सम्पूर्ण झील 1,410 मीटर लम्बी, 445 मीटर चौड़ी, 26 मीटर गहरी है। विशालदर्शी सात पहाड़ियों से घिरा हुआ नैनीताल झील, प्रसिद्ध रूप से नैनी झील के नाम से जाना जाता है, नै
![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/nainital_lake_3.jpeg?itok=jHqTrPwc)
उत्तरांचल में मात्स्यिकी विकास की सम्भावनाएँ (Fisheries development prospects in Uttaranchal)
Posted on 04 Jul, 2017 04:13 PM1. उत्तरांचल का भौगोलिक परिदृश्य
एक जलस्रोत ऐसा भी, जो भूत के नाम से प्रचलित हैं
Posted on 29 Jun, 2017 01:01 PM
सीमान्त जनपद उत्तरकाशी में बहने वाली यमुना नदी में सैकड़ों छोटी-छोटी जल धाराएँ संगम बनाती है। इनमें से एक जलधारा यमुना नदी की दाईं ओर कुड़ गाँव से निकलती है। जहाँ से यह जलधारा निकलती है वहाँ इस जलधारे को ‘भूत राजा का पन्यारा’ कहते हैं।
![भूत राजा का पन्यारा जलस्रोत](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%A4%20%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BE%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%20%E0%A4%9C%E0%A4%B2%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%A4_3.jpg?itok=GqaUM01R)