रायगढ़ जिला

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एक प्रण से तालाब में फूँका प्राण, अब प्यास से पार पाने की कतार
Posted on 21 Apr, 2016 09:40 AM
जहाँ चाह वहाँ राहः जटियापाली के ग्रामीणों ने लिखी खुद की इबारत, सूखे तालाब को कर दिया लबालब

पीने के पानी की समस्या भीषण गर्मी के बाद शुरू
15 सालों से पानी का समस्या इतनी बढ़ी कि गाँव के लड़कों का शादियाँ नहीं हो पाती

इरादों से निकली पानी का कहानी

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे खरसई गाँव के लोग
Posted on 03 Apr, 2015 11:28 AM

मजबूरन इस्तेमाल करते हैं नाले और सड़क पर बहता पानी

पहाड़ी कोरवाओं की बेंवर खेती
Posted on 24 Jun, 2014 01:05 PM

कोरवा आदिवासी की बेंवर खेतीछत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है लेकिन यहां ऐसे समुदाय भी हैं, जो धान की खेती नहीं करते। उनमें से एक समुदाय है पहाड़ी कोरवा।

pahadi farming
छत्तीसगढ़ में विकास और पर्यावरण समस्या और संभावना
Posted on 09 Apr, 2014 10:07 AM छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगा उरला-सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र है।
महानदी का निजीकरण
Posted on 03 Sep, 2012 01:18 PM छत्तीसगढ़ में एक-एक कर नदियों के पानी पर कंपनियों को मालकियत दी जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय समुदाय के अधिकारों की अवहेलना कर कंपनियों को सौंपा जा रहा है। महानदी पर कई कंपनियां अपनी-अपनी बैराज बनाएंगी और इकट्ठा होने वाली पानी को बेचेगी। जिससे वे करोड़ों रुपए कमाएंगी। इतना ही नहीं सरकार ने उनको कई तरह की टैक्स में छूट भी दी है। महानदी के पानी के इस निजीकरण के बारे में बता रहे हैं संज
केलो नदी को बचाने की जरूरत
Posted on 08 Jun, 2010 07:32 AM

छत्तीसगढ़, रायगढ़ का ख़मरिया गांव भारत के बाक़ी गांवों से कम भाग्यशाली नहीं है. इसकी सा़फ-सुथरी गलियां, सलीके से बनाए गए मिट्टी के घर यह बताते हैं कि दूसरे ग्रामीण इलाक़ों की समृद्धि किस तरह हो सकती है. केलो नदी इसी गांव से होकर गुज़रती है. यही नदी इन इलाक़ों की कृषि के लिए सिंचाई का साधन है. गांव से मुख्य मार्ग तक पहुंचने का साधन भी आसान है. बिजली आदि सभी सुविधाएं होने के कारण शिक़ायत की कोई वजह नहीं हो सकती है. लेकिन, यदि कोई इस गांव के आवासीय इलाक़ों से होकर गुज़रता है तो उसके मन में इसकी ग़लत छवि क्यों उभर आती है? सबसे ख़ास बात यह कि वह पानी जो खमरिया और इसके पड़ोसी गांवों का पालन पोषण करता है, काला हो रहा है. यह पानी पीने, नहाने और सिंचाई के लायक़ बिल्कुल ही नहीं रह गया है.

खमरिया के पास केलो नदी की जलधारा कोयला खान मालिकों और मोनेट इस्पात एवं ऊर्जा लिमिटेड द्वारा नियंत्रित होती है. यदि कोई चिड़िया उड़कर आए तो कोयले की खान से खमरिया गांव की दूरी तीन किलोमीटर से ज़्यादा नहीं होगी.

अरपा और केलो नदी को बचाने के लिए हुए एकजुट लोग
Posted on 27 Sep, 2009 08:44 AM
बिलासपुर, रायगढ़ (छत्तीसगढ़)। लोग अब नदी के महत्व को समझने लगे हैं। छत्तीसगढ़ में दो शहरों बिलासपुर और रायगढ़ में नदी को बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। रायगढ़ में केलो नदी शहर के मध्य से बहती है तथा बिलासपुर में अरपानदी शहर के मध्य बहती है। औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और जनसंख्या बढ़ोत्तरी से नदी का जल स्तर बेहद कम हो गया है। बिलासपुर शहर के बीचो-बीच बहने वाली जीवनदायिनी अरपा नदी को सुरक्षित करने, उसमें
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