Posted on 06 Feb, 2010 01:12 PMएक अर्थशास्त्री श्री एनएस जोधा राजस्थान में सार्वजनिक संपदा-संसाधनों के क्षय संबंधी अपने एक अध्ययन में बताते हैं कि राजस्थान जैसी आबोहवा वाली परिस्थिति में अपनी जमीन रखकर उसमें अनाज पैदा करने की अपेक्षा सार्वजनिक जमीन में पशु पालन ज्यादा लाभदायक रहा है। परंपरागत पद्धति में पशुओं को ज्यादातर बाहर ही चराते हैं, बहुत थोड़े से पशुओं को ही बांधकर खिलाया जाता है। इसलिए इस पद्धति में प्रति पशु खिलाने-पिल
Posted on 05 Feb, 2010 01:55 PMराजस्थान के सूखे इलाके में खेती के बाद महत्वपूर्ण संपदा पशु ही है। राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में, जहां अक्सर सूखा पड़ता रहता है, लोगों का प्रमुख उद्योग पशुपालन है। राजस्थान में कोई चार करोड़ जानवर हैं। राजस्थान पशुधन वाले राज्यों में तीसरे स्थान पर है। देश के कुल दूध का 10 प्रतिशत और ऊन का 50 प्रतिशत इसी राज्य से आता है। ढुलाई-खिंचाई करने वाले ताकतवर पशु भी खूब हैं। राजस्थान में गाय, बैल, भेड़,