पालमू जिला (झारखंड)

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जलागम विकास में लाभों का बँटवारा, एवं गरीब वर्ग का सशक्तिकरण
Posted on 25 Aug, 2015 11:41 AM पाठ-8

भूमिका


भारत में तेजी से घट रही प्राकृतिक सम्पदाओं का कारण है देश की बढ़ती जनसंख्या तथा उनकी बढ़ती हुई जमीन पर निर्भरता। 1952 से 1981 तक के बीच भारत में खेती योग्य भूमि 0.48 हेक्टेयर/व्यक्ति से घट कर 0.20 हेक्टेयर/व्यक्ति हो गई है।
मेदिनीनगर में पानी का हाहाकार, कोयल नदी से चैनल काट की जा रही आपूर्ति
Posted on 13 May, 2019 04:05 PM

मेदिनीनगर,

भीषण गर्मी में पानी संकट गहरा गया है। इससे शहरवासी इन दिनों काफी परेशान हैं। कोयल नदी सूख चुकी है। पीएचइडी द्वारा बेलवाटिका पंपू कल में नदी में चैनल काटकर किसी तरह पानी की सप्लाई की जा रही है। वह भी अनियमित सप्लाई हो रही है।

कभी झारखंड के कई क्षेत्रों की लाइफ लाइन रही कोयल नदी अब सूखी पड़ी है
कारगर प्रयास हो, तो संभव है सुखाड़ से मुक्ति
Posted on 22 Sep, 2010 09:55 AM सुखाड़ और अकाल पलामू की नियति बन चुकी है। मानसून की तानाशाही के कारण। झारखंड का यह इलाका गुजरे कई सालों से सूखे की चपेट में है। नतीजा यह कि इसने आजीविका के संकट से लेकर भुखमरी, पलायन और कृषि समस्या तक को बुरी तरह प्रभावित किया है। पेश है इस संबंध में शोधपरक रिपोर्ट की पांचवी और अंतिम कड़ी :
सुखाड़ व अकाल में ‘तीसरी फ़सल’
Posted on 22 Sep, 2010 09:45 AM
सुखाड़ और अकाल पलामू की नियति बन चुकी है। मानसून की तानाशाही के कारण। झारखंड का यह इलाका गुजरे कई सालों से सूखे की चपेट में है। नतीजा यह कि इसने आजीविका के संकट से लेकर भुखमरी, पलायन और कृषि समस्या तक को बुरी तरह प्रभावित किया है। पेश है इस संबंध में शोधपरक रिपोर्ट की तीसरी कड़ी :
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