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महाराष्ट्र में किसानों को कर्ज माफी से ज्यादा राहत नहीं
Posted on 27 Dec, 2018 01:43 PM


जून 2017 में महाराष्ट्र में पेश कर्ज माफी योजना किसानों के लिये ज्यादा कारगर नहीं साबित हुई है। राज्य में कर्ज माफी की अर्जी देने वाले लगभग 80 लाख किसानों में से महज 40.8 लाख को कर्ज के बोझ से राहत मिल सकी है।

farmer
किसानोंं की समस्या का कब होगा निदान
Posted on 29 Nov, 2018 02:37 PM


मुश्किल यही है कि किसान का सवाल अर्थव्यवस्था और देश की दो-तिहाई आबादी के जीवन-मरण का सवाल न बनकर, चुनाव और राजनीति का सवाल ही बनकर रह गया है, केन्द्र और राज्य सरकारें जबर्दस्त तत्पर दिखती हैं, पर किसानों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। किसान जबर्दस्त उत्पादन करके भी कंगाल होता जा रहा है।

कृषि
वायु प्रदूषण से भी बढ़ रहा है मधुमेह
Posted on 18 Sep, 2018 05:08 PM

मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों संबंधी रिपोर्टें समय-समय पर सामने आती रहती हैं। आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में होने वाली कुल मौतों में से लगभग एक चौथाई वायु प्रदूषण के कारण होती हैं। प्रदूषित हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोन से कम आकार के महीन कण या पीएम-2.5 के संपर्क में आने से ये मौतें होती हैं। हाल ही में लेंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में प्रकाशित अमरिका के रोग विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक

वायु प्रदूषण
मिलिए मुम्बई की पैडवुमन से
Posted on 12 Aug, 2018 06:28 PM

डिएन डे मीनेजेस (फोटो साभार - इण्डियन वुमन ब्लॉग)अगर दुनिया के चुनिन्दा लोगों को दिये जाने वाला पुरस्कार किसी के हिस्से आये तो यकीनन वह व्यक्ति कोई उल्लेखनीय काम कर रहा है। मुम्बई की डिएन डे मीनेजेस को हाल ही में क्वीन्स यंग लीडर्स अवॉर्ड से नवाजा गया है। उनकी कहानी साझा कर रही हैं रिया शर्मा।

डिएन डे मीनेजेस
पाणी
Posted on 18 Feb, 2015 10:37 AM

पाणी (H2

water
मीठी नदी पर तीखी राजनीति
Posted on 03 Mar, 2011 09:27 AM हर साल मानसून आने के पहले मीठी नदी को लेकर राजनीति शुरू हो जाती है। मई महीने का आखिरी सप्ताह सभी दलों के नेताओं के लिए एक पिकनिक केंद्र बन जाती है। हर दिन नेताओं का काफिला लावलश्कर के साथ पहुंचता है और शुरू हो जाता है, एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला। मीठी नदी का विकास मनपा और एम्.एम्.आर.डी.ए.
शैतानी गैसों के साए में
Posted on 08 Dec, 2010 02:23 PM
दुनिया भर में इलेक्ट्रानिक और औद्योगिक कचरे के निपटान को लेकर बहस चल रही है। विकसित देश अपना कचरा विकासशील और अविकसित देशों के मत्थे मढ़ रहे हैं और उन देशों को बीमार और बदहाल बना रहे हैं। भारत में भी कई देश अपना कचरा डाल रहे हैं। इसका जायजा ले रहे हैं
Air pollution
जल में घुली राजनीति
Posted on 10 Nov, 2010 09:06 AM

पानी हवा जितनी मयस्सर नहीं, इसका प्रयोग तो नियमों के अधीन ही होगा


पानी का असमान वितरण, बाँधों के लिये विस्थापितों को अपर्याप्त मुआवज़ा, आर्थिक रूप से संपन्न और विपन्न उपभोक्ताओं में भेद-भाव। यह भारत में जल से जुड़ी आम बातें हैं। पत्रकार दिलीप डिसूजा इस पर गौर कर रहे हैं और सुझाव दे रहे हैं कि राजनीति के द्वारा ही स्थिति में बदलाव लाया जा सकता है।

इस लेख की शुरुआत होती है मुम्बई पूना राजमार्ग पर, कामशेत के निकट बने पावना बाँध के नेपथ्य में उभरी झील के किनारे बसे गाँव, ठाकुर शाही में। गाँव का एक युवक राजू बताता है की उसका परिवार बाँध कि वजह से विस्थापित हुआ। उनकी उपजाऊ कृषि भूमि इस झील ने लील ली।

संदर्भ राजस्थान: पानी के रास्ते में खड़े हम
Posted on 21 Sep, 2010 02:41 PM मौसम को जानने वाले हमें बताएंगे कि 15-20 वर्षो में एक बार पानी का ज्यादा होना या ज्यादा बरसना प्रकृति के कलेंडर का सहज अंग है। थोड़ी-सी नई पढ़ाई कर चुके, पढ़-लिख गए हम लोग अपने कंप्यूटर, अपने उपग्रह और संवेदनशील मौसम प्रणाली पर इतना ज्यादा भरोसा रखने लगते हैं कि हमें बाकी बातें सूझती ही नहीं हैं। वरूण देवता ने इस बार देश के बहुत-से हिस्से पर और खासकर कम बारिश वाले प्रदेश राजस्थान पर भरपूर कृपा की है। जो विशेषज्ञ मौसम और पानी के अध्ययन से जुड़े हैं, वो हमें बेहतर बता पाएंगे कि इस बार कोई 16 बरस बाद बहुत अच्छी वर्षा हुई है।

हमारे कलेंडर में और प्रकृति के कलेंडर में बहुत अंतर होता है। इस अंतर को न समझ पाने के कारण किसी साल बरसात में हम खुश होते हैं, तो किसी साल बहुत उदास हो जाते हैं। लेकिन प्रकृति ऎसा नहीं सोचती। उसके लिए चार महीने की बरसात एक वर्ष के शेष आठ महीने के हजारों-लाखों छोटी-छोटी बातों पर निर्भर करती है। प्रकृति को इन सब बातों का गुणा-भाग करके अपना फैसला लेना होता है। प्रकृति को ऎसा नहीं लगता, लेकिन हमे जरूर लगता है कि अरे, इस साल पानी कम गिरा या फिर, लो इस साल तो हद से ज्यादा पानी बरस गया।

water rajasthan
समुद्र में जाना, मगर संभलकर
Posted on 17 Aug, 2010 07:41 AM
मुंबई के समुद्र तट के पास सात अगस्त को दो पनामाई मालवाहक जहाज एमएससी चित्रा और मर्चेन्ट वेसल खलीजा की टक्कर के बाद एक जहाज में से तेल रिसाव होना शुरू हुआ। जहाजरानी महानिदेशालय द्वारा शुरू की गई प्रारंभिक जांच में पता लगा है कि सम्भवत: दोनों जहाजों के बीच संचालन संबंधी खामी और रेडियो संचार में नाकामी की वजह से यह टक्कर हुई। इसके बाद से हर दिन समुद्र में एक टन तेल गिर रहा है और इस जहाज में करी
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