मध्य प्रदेश

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जाजमखेड़ी में फ्लोराइडयुक्त पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
Posted on 17 Apr, 2015 01:25 PM

जल शुद्धिकरण यन्त्र के रिचार्ज के लिये मजदूर वर्ग के पास नहीं होते रुपए
बच्चों के दाँत हो रहे खराब, अधेड़ महिला की कमर झुकी

Fluoride in water
गर्मी में बहती है ठंडी बयार
Posted on 14 Apr, 2015 11:48 AM

पृथ्वी दिवस पर विशेष


अब तक लगाए 11 लाख पौधे, आसपास का बदल गया है पर्यावरण

 

 

मीणा के इस समर्पण की भाषा वन्य प्राणी भी समझने लगे हैं, तभी तो जब वे मोर को पुकारते हैं, तो वह उनके पास आकर दाना चुगने लगता है और हिरण और अन्य छोटे जानवर उनके पास कुलाँचे भरने में भयभीत नहीं होते। वृक्ष मित्र होने के नाते श्री मीणा लोगों को प्रेरित करते हैं कि वे ज्यादा-से-ज्यादा पौधा लगाएँ और हाँ, जो लोग यह सोचते हैं कि पानी के अभाव में पौधा कैसे लगा सकते हैं, तो उन्हें वे सन्देश देते हैं कि एक पौधे को जीवित रखने के लिये बहुत ही कम पानी की जरूरत होती है, जिसे ड्रॉप तकनीक का उपयोग कर पौधारोपण किया जा सकता है।

राजस्थान की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के एक छोटे से गाँव बांसोद में प्रवेश करते ही आसपास के इलाके से वहाँ कुछ अलग ही वातावरण मिलता है। मुख्य सड़क से गाँव को जोड़ने वाली सड़क के दोनों किनारे नीम, आम, जामुन, पीपल के बड़े-बड़े पेड़ और ठंडक का अहसास।

श्योपुर भले ही पालपुर कुनो नेशनल पार्क के सघन जंगल के कारण जाना जाता है, पर इसके कई इलाकों में सूखे जैसी स्थिति है। लेकिन इन सबसे हटकर बांसोद और उसके आसपास का इलाका हरियाली से ढँका हुआ है। यह किसी प्राकृतिक कारण से नहीं, बल्कि एक जुनूनी शख्सियत जयराम मीणा के कारण सम्भव हुआ है।

जयराम मीणा को आसपास के लोग वृक्ष मित्र के रूप में जानते हैं। जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर बड़ोदा विकासखण्ड से थोड़ा आगे से दाईं ओर मुड़कर 10 किलोमीटर चलने के बाद बांसोद आता है। इस बीच कहीं भी वृक्ष मित्र के बारे में पूछा जाए, कोई शख्स उनका पता बताने में असमर्थ नहीं दिखता है।

वन क्षेत्र विनाश के कारण मिट्टी का बहाव चिन्ताजनक
Posted on 02 Apr, 2015 03:33 PM

इंग्लैंड की डरहम यूनिवर्सिटी में किए गए शोध से खुलासा हुआ है कि नर्मदा नदी बेसिन और विन्ध्यांचल क्षेत्र में अत्यधिक वनों की कटाई व कृषि भूमि में विस्तार से यह क्षेत्र खतरनाक पर्यावरणीय परिस्थिति से गुजर रहे हैं जिसके कारण क्षेत्र में मृदा अपरदन (मिट्टी के कटाव) में अत्यधिक वृद्धि रिकार्ड की गई है जो अपने उच्चतम स्तर पर हैं।

save earth
पानी की जुगाड़ में गुजर रही है आधी जिन्दगी
Posted on 31 Mar, 2015 12:43 PM

विश्व जल दिवस पर विशेष


एक हजार की आबादी और ढाई सौ परिवार वाले आमेठ में इन दिनों कोई चहल-पहल नहीं दिखती। बारिश के कुछ महीनों में बड़े और बच्चों की चहलकदमियों से गुलजार रहने वाले इस गाँव का जीवन अन्य महीनों में सूख जाता है।
नर्मदा नदी की निर्मलता में योजनाओं की बाढ़
Posted on 24 Mar, 2015 04:02 PM

विश्व जल दिवस पर विशेष


जल मानव सभ्यता के लिए सबसे जरूरी प्राकृतिक संसाधन है। इसलिए नदियों को मानव सभ्यता की पालक माना जाता है। बिजली, सिंचाई और आजीविका का आधार होने के कारण नदियाँ विकास की धुरी रही हैं। जल ग्रहण क्षेत्र की जमीन का दोषपूर्ण उपयोग एवं घटते वृक्ष आवरण की वजह से भू-क्षरण और प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है।
river
नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए जन-आन्दोलन जरूरी
Posted on 17 Mar, 2015 10:14 AM

जन अभियान परिषद की कार्यशाला में ऊर्जा मन्त्री श्री शुक्ल

 

Narmada
इटारसी में पानी का निजीकरण
Posted on 11 Mar, 2015 04:17 PM इटारसी नगर में अतिरिक्त पानी लाने की जरूरत ही नहीं थी क्योंकि इटारस
water
भूजल के लिए प्रतिस्पर्धा और टकराव
Posted on 10 Mar, 2015 11:45 AM

महानदी घाटी की पहचान विभिन्न किस्म की भूगर्भीय संरचनाओं और शैलों की भारी विविधता से होती है। जह

सात खामियाँ दूर है नर्मदा का पानी
Posted on 08 Mar, 2015 04:35 PM पाँच साल में 800 करोड़ खर्च होने के बाद भी नहीं मिल पा रहा शहर को पानी
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