लखनऊ जिला

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नाला नहीं, अब सदानीरा बनेगी कुकरैल नदी
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चलाया गया एक अतिक्रमण विरोधी अभियान राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहा। वैसे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद उनके बुलडोजर की बहुत चर्चा रही है। लेकिन इस बार लखनऊ में जब बुलडोजर चलाया गया तो इसके पीछे उद्देश्य सरकारी संपत्ति को कब्जा मुक्त कराना या किसी अपराधी को उसके किए का सबक सिखाना मात्र नहीं था। इसके पीछे जो कारण था वह बहुत ही पवित्र और पर्यावरण हितैषी था। Posted on 15 Jul, 2024 11:41 AM

दरअसल योगी आदित्यनाथ ने ठान लिया है कि दशकों से नाला बनने को अभिशप्त रही गोमती की सहायक नदी कुकरैल को वह सदानीरा बनाएंगे। कुकरैल की भूमि को कब्जा मुक्त कराने के लिये योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़नी पड़ी, लेकिन अटल इच्छाशक्ति के धनी योगी आदित्यनाथ ने सुनिश्चित किया कि कुकरैल को नाला से नदी बनाने की राह में आ रही हर अड़चन दूर की जाएगी। लखनऊ के अकबरनगर में चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान अ

कुकरैल नदी प्रदूषण
जल का महत्व निबंध : समस्या और समाधान
आज लखनऊ में भी भूजल स्तर प्रति वर्ष तीन फीट नीचे जा रहा है। शहर की झीलें और तालाब सूखे पड़े हैं तथा अनाधिकृत कब्जे में है। शहर की अधिकांश भूमि पक्की होने के कारण वर्षा जल रिचार्ज होने के बजाय बह जाता है। भविष्य में भारी जल संकट आ सकता है। इससे बचाव के लिए आवश्यक है कि लखनऊ के सभी तालाब, झील, नदी अतिक्रमण से मुक्त कराकर उनमें पर्याप्त जल रहे, उनके आसपास अधिक से अधिक पीपल, बरगद, पाकड़ के पेड़ लगाये जाएं, बड़े-बड़े मकानों का नक्शा स्वीकृत करने के समय छत के पानी की रिचार्जिग व्यवस्था यानी रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य किया जाय। Posted on 05 Jul, 2024 08:35 AM

हमारे जीवन में चौबीस घंटे जल की आवश्यकता होती है। प्रातःकाल उठने के बाद नित्य क्रिया हेतु जल आवश्यक है। कपड़ा साफ करना, घर की सफाई, बर्तनों की सफाई, घर का निर्माण करने के पूर्व पर्याप्त जल की व्यवस्था करना होता है। जल हमारी दिनचर्या का अंग है। खेती का कार्य, पौधों को लगाना तथा उन्हें पालकर बड़ा करना जल के बिना संभव नहीं है। जहां जल नहीं है वहां पेड़-पौधे नहीं है। यहां तक कि बिना जल के घास का एक

भूगर्भ जल यानी भूजल हर वर्ष 3 फिट नीचे जा रहा है लखनऊ में
नदियों के पुनरुद्धार का प्रकल्प 'गोमती गौरव अभियान' का संकल्प
लखनऊ गोमती नदी के किनारे पर बसा है। उत्तर प्रदेश मे गोमती नदी पीलीभीत से प्रारम्भ होकर गाजीपुर में गंगा नदी में मिल जाती है। गोमती नदी में जल गंगा-यमुना आदि की तरह किसी पहाड में बर्फ के पिघलने से नहीं आता है बल्कि तमाम सहायक नदियों और नालों का जल गोमती में गिरता है और नदी में शामिल होकर बडा आकार ले लेता है। Posted on 10 May, 2024 06:59 AM

लोक भारती अनेक वर्षों से गोमती संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है। गोमती पुनरुद्धार के प्रयासों को गति देते हुए लोक भारती ने अब लखनऊ में 'गोमती गौरव अभियान' प्रारम्भ करने का संकल्प लिया है। 26 फरवरी को लखनऊ स्थित मनकामेश्वर मन्दिर, अलीगंज में महन्त देव्यागिरि की अध्यक्षता में लोक भारती द्वारा लखनऊ में गोमती संरक्षण के लिए व्यापक रूप से 'गोमती गौरव अभियान' चलाने का निश्चय किया गया है। इस अभियान के संयोजन

गोमती संरक्षण अभियान,Pc-लोक सम्मान 
स्वच्छ भारत के निर्माण का आधार आदर्श मोहल्ला अभियान ले रहा आकार
जब प्रत्येक घर का रसोई कचरा, हमारे कचरा निस्तारण पात्र के माध्यम से न केवल घर में ही निस्तारित हो जाएगा, बल्कि उससे हमें तरल खाद भी प्राप्त होगी तो इससे नगर स्वच्छता के परिदृश्य में सुधार होगा। साथ ही तरल खाद के उपयोग से विकसित घरेलू वाटिका से प्रत्येक घर को ताजी और हरी-भरी सब्जियां प्राप्त होंगी जिनमें रसायनों का इस्तेमाल नहीं हुआ होगा। इनके उपयोग से परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य में सुधार होगा। हमें विश्वास है कि धीरे-धीरे अधिकांश परिवारों तक घरेलू कचरा निस्तारण करने और इससे तरल खाद प्राप्त करने की यह विधि पहुंच जाएगी। फिर हम गर्व से कह सकेंगे Posted on 09 Oct, 2023 02:13 PM

हमारा शहर स्वच्छ हो और सुंदर हो, यह सभी चाहते हैं लेकिन ऐसा तभी संभव है जब नगर का प्रत्येक मोहल्ला और कालोनी स्वच्छता के मानकों पर खरे उतरे। इसी दृश्टिकोण से 4  जनवरी 2023  को लोक भारती की मासिक बैठक में आदर्श मोहल्ला बनाने पर विचार किया गया। लखनऊ के इंदिरा नगर सेक्टर 11 के एक मोहल्ले को आदर्श मोहल्ले के रूप में परिवर्तित करने का विचार यहां की समाज सेविका एवं लोक भारती कार्यकर्ता श्रीमती प्राची

स्वच्छ भारत के निर्माण का आधार आदर्श मोहल्ला अभियान,Pc- लोक सम्मान
शारदा सहायक कमांड क्षेत्र में अधिकतम धान के उत्पादन एवं जल उत्पादकता हेतु जल प्रबंधन तकनीक
कृषि के लिये जल एक सीमित संसाधन है जिसकी फसलोत्पादन में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। जल की कमी ना अत्यधिक मात्रा के कारण फसल उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है संसार के समस्त जल संसाधनों का केवल 2.6 प्रतिशत जल ही पीने एवं फसलों को सिंचाई के लिये उपलब्ध है। Posted on 18 May, 2023 11:58 AM

कृषि के लिये जल एक सीमित संसाधन है जिसकी फसलोत्पादन में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। जल की कमी ना अत्यधिक मात्रा के कारण फसल उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है संसार के समस्त जल संसाधनों का केवल 2.6 प्रतिशत जल ही पीने एवं फसलों को सिंचाई के लिये उपलब्ध है। इसलिये कृषि में इसका उपयोग आवश्यकतानुसार संतुलित मात्रा में करना बहुत ही आवश्यक है अतः आज के इस जलवायु परिवर्तन के दौर में कृषि में जल क

शारदा सहायक कमांड क्षेत्र में अधिकतम धान के उत्पादन एवं जल उत्पादकता हेतु जल प्रबंधन तकनीक,Pc-The Third Pole
मानसून आने को है, लेकिन 10 प्रतिशत नाले भी साफ नहीं
Posted on 20 May, 2019 03:50 PM

इस बार बारिश में शहर वासियों को फिर जलभराव की भीषण समस्या से जूझना तय है। मौसम वैज्ञानिक अगले महीने मानसून की आने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं। और अभी भी नगर निगम के अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। शहर के महज दस प्रतिशत नाले ही साफ हो पाए हैं।

लखनऊ शहर में एक गन्दी नाली कचरे से पटा हुआ
बदली हसनपुर तहसील की तस्वीर
Posted on 23 Nov, 2018 12:12 PM

उत्तर प्रदेश के अमरोहा की हसनपुर तहसील क्षेत्र के दर्जनभर गाँवों में खुशहाली ने दस्तक दी है। पलायन थम गया है। ग्रामीणों को साल भर काम मिल रहा है। यह बदलाव आया है क्षेत्र के कुछ किसानों के नर्सरी कारोबार से जुड़ने से। चाय की प्याली में यूकेलिप्टस की पौध उगाकर तीन दशक पहले शुरू किया गया नर्सरी कारोबार आज दो हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहा है।
employment in agriculture
तालाबों का गाँव
Posted on 06 Apr, 2017 11:45 AM

महोना गाँव में अधिक आबादी होने के कारण यहाँ तालाबों की संख्या भी अन्य गाँवों की अपेक्षा सबसे ज्यादा है। कहावत है कि यहाँ हर बिरादरी के नाम से उनके मोहल्ले में एक तालाब है जिसमें लोग अपना पानी छोड़ते हैं। हर घर से एक-न-एक तालाब आपको जरूर दिखेगा। गाँव के लोगों के लिये ये गर्व की बात है कि उनका इकतौला ऐसा गाँव है जहाँ पर इतने तालाब हैं। गाँव का हर शख्स इस बात की कोशिश में लगा रहता है कि वह अपनी इस विरासत को बचाए रखे।

जब शहरों से लेकर गाँवों तक तालाबों पर कब्जे हो रहे हैं। उनको बन्द कर कहीं प्लाटिंग तो कहीं मकान बनाए जा रहे हैं। ऐसे दौर में लखनऊ से चन्द किलोमीटर की दूरी पर बसा गाँव महोना एक अलग ही नजीर पेश कर रहा है। इस गाँव में आज भी दो दर्जन से ज्यादा तालाब हैं। जो न सिर्फ बारहों महीने पानी से लबालब भरे रहते हैं बल्कि ये सूखने न पाएँ इसके लिये बाकायदा जिम्मेदारी तक तय की गई है।

इस गाँव की खासियत यह है कि यहाँ के हर घर से एक-न-एक तालाब दिखता है। जो इटौंजा से तकरीबन तीन किलोमीटर दूर कुर्सी रोड पर बसा है। तकरीबन चालीस साल पहले इस गाँव को नगर पंचायत का दर्जा मिला था लेकिन सरकारी बदहाली के चलते प्रदेश के इस खूबसूरत तालाबों वाले गाँवों की ओर सरकार की नजरें इनायत नहीं हुई।
भूकम्प के लिहाज से यूपी के 50 जिले संवेदनशील
Posted on 02 May, 2015 08:00 AM - नेपाल के विनाशकारी भूचाल ने यहाँ बजा दी है खतरे की घण्टी
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