/regions/khandwa-east-nimar-district
खंडवा (पूर्व निमाड़) जिला
जल सत्याग्रह: नर्मदा घाटी के निवासियों की अपील
Posted on 01 Sep, 2012 10:55 AMहाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक अंतरिम निर्णय में इंदिरा सागर बांध से बेदखल होने वालों के लिए भी जमीन के बदले जमीन के सिद्धांत को स्वीकार कर इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन को निर्देश भी दिए हैं। लेकिन शासन, प्रशासन एवं कंपनी की हठधर्मिता के चलते इस आदेश का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है।
इंदौर। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर एवं इंदिरा सागर बांध में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले एवं पुनर्वास नीति की अवहेलना करते हुए जलस्तर बढ़ाए जाने के बाद ओंकारेश्वर बांध क्षेत्र स्थित घोघलगांव में नर्मदा बचाओ आंदोलन की वरिष्ठ कार्यकर्ता चित्तरूपा पालित के नेतृत्व में 34 बांध प्रभावित जलसत्याग्रह हेतु विगत 25 अगस्त से पानी में प्रवेश कर गए हैं।पेयजल: निजीकरण से भी घातक है पीपीपी
Posted on 21 Dec, 2011 05:26 PMइस अनुबंधन में वित्तीय, संचालन संबंधी, नियामक और जल संसाधनों के स्थाई, समतामूलक और न्यायपूर्ण
खण्डवा (मध्यप्रदेश) में निजीकृत जलप्रदाय परियोजना का अध्ययन
Posted on 03 Nov, 2011 09:35 AMछोटे और मझोले आकार के शहरों की बुनियादी ढाँचा विकास परियोजना (यूआईडीएसएसएमटी) के तहत मध्यप्रदेश के कस्बे खण्डवा में जलप्रदाय आवर्धन हेतु निजी कंपनी से अनुबंध किया गया है। यह प्रारंभिक नोट इसी शहर के केस अध्ययन पर आधारित है। इस अनुबंध के तहत शहर की जलप्रदाय योजना एक निजी कंपनी विश्वा इंफ्रास्ट्राक्चर्स एण्ड सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दी गई है।![खण्डवा जिले का मैप](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/khandawa_district.preview_5.jpg?itok=7saLgDj5)
सम्पूर्ण जल प्रबंधन
Posted on 18 Jan, 2010 01:52 PMधरती पर गिरने वाले वर्षा जल की प्रत्येक बूंद को रोका जा सकता है। बशर्ते इसके लिए संरचनाओं की ऐसी श्रृंखला तैयार कर दी जायें कि पानी की एक भी बूँद 10 मीटर से अधिक दूरी पर न बहने पायें। इसे कोई जल संरचना रोक ले और धरती में अवशोषित कर ले यही संपूर्ण जल प्रबंधन है। जलग्रहण का सिद्धांत है कि ‘पानी दौड़े नहीं, चले’ है, जबकि संपूर्ण जल प्रबंधन का सिद्धान्त है कि ‘पानी न दौड़े न चले, बल्कि रेंगे और अंत
![Hydraulic structure](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Hydraulic%20structure_7.jpg?itok=fQfJHrz8)
खूनी भण्डारा का उद्धार हुआ
Posted on 28 Dec, 2009 12:49 PMखूनी भण्डारा बुरहानपुर शहर की एक अनूठी भूजल प्रबंधन व्यवस्था है, जिसे मुगलों ने 17वीं शताब्दी में स्थापित किया था। आज मध्य प्रदेश के खण्डवा जिले का बुरहानपुर नगर निगम और खण्डवा जिला प्रशासन मिलकर इस व्यवस्था को फिर से ज़िंदा करने में जुटे हैं, जिससे इस पूरे शहर में सालों-साल स्वच्छ और पर्याप्त मात्रा में भूजल उपलब्ध होता रहे। इस पहल से इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। भूजल व्यवस्था का कानर्मदा-ताप्ती को प्रदूषण से खतरा
Posted on 22 Sep, 2008 07:00 PMसचिन शर्मा/ मध्यप्रदेश की औद्योगिक पट्टी इंदौर क्षेत्र में बहने वाली नर्मदा और ताप्ती नदियों को औद्योगिक प्रदूषण से बेहद खतरा है। यह खतरा मुख्यतः क्षेत्र के पाँच जिलों इंदौर, खण्डवा, खरगौन, बुरहानपुर और बड़वानी में स्थित लगभग १२०० छोटी औद्योगिक इकाइयों से है जो कंजूसी में प्रदूषण नियंत्रण के मानकों की परवाह नहीं करतीं और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उन्हें यह काम करने से रोक भी नहीं पाता। इस पपूँजी की चपेट में पब्लिक का पानी
Posted on 13 Oct, 2018 06:21 PMजल, जंगल, जमीन की त्रयी में पानी सबसे जरूरी और सामुदायिक प्राकृतिक संसाधन है, लेकिन ‘खुले बाजारों में सब कु
![पानी का निजीकऱण](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/water%20privatization_10.jpg?itok=MwkXKMkz)