हरिद्वार जिला

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खनन से गंगा तट पर बसे गांव में तेजी से गिर रहा भूजल स्तर
Posted on 01 Aug, 2014 11:02 AM पंजनहेड़ी/ कटारपुर (हरिद्वार) गंगा तट के किनारों के आसपास पोपुलर के पेड़ों के खेतों के बीच बसे इन गांवों में खनन अब स्थायी हो गया है। पंजनहेड़ी के साधुराम कहते हैं, खनन हो कहां नहीं रहा है। सारे गांवों में हो रहा है और नियमित हो रहा है और हम लाठी-गोली के साए में जीते हैं।

इन गांवों में आने वाले हर आदमी को शक की नजरों से देखा जाता है। छोटे-छोटे बच्चे बार-बार की कोशिश के बाद ही मुंह खोलते हैं। उन्हें समझाया गया है कि वे बाहरी लोगों से कोई बात नहीं करें।

कटारपुर गांव के अक्षय मक्की के खेत में पानी देने में व्यस्त हैं, खनन कितने बजे होता है, सर रात 8 से सुबह आठ तक। इतना बोलकर फिर खेत में चले जाते हैं। गांव के बाहर गंगा तट से तकरीबन 30 मीटर दूर स्थित शिव मंदिर में बाबा बृहस्पत पिछले 10 सालों से टिके हैं।
मन की यात्रा
Posted on 11 Feb, 2014 04:08 PM हरिद्वार और गंगा जैसे एक दूसरे के पर्याय हैं। श्रद्धालु वहां मुक्ति की आस में जाते हैं, तो सैलानी सौंदर्य खोजने। लेकिन कभी-कभी यह यात्रा भीतर की यात्रा भी बन जाती है। ऐसी ही एक यात्रा के बारे में बता रहे हैं राजेश कुमार व्यास।
जी डी अनशन में कब दिखेगी समाज की हनक
Posted on 09 Jul, 2013 09:15 AM दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तराखंड त्रासदी के बावजूद भी शासन आज हरिद्व
GD Agrawal
“गंगा- हिमालय संरक्षण संकल्प अभियान”
Posted on 15 Jun, 2013 10:40 AM दिनांक : 23 जून-2013, सायं 4 बजे से
स्थान : अलकनंदा घाट (बिरला घाट के सामने), हरिद्वार, उत्तराखंड


सेवा में,
आदरणीय..


राष्ट्रीय नदी गंगा पर इसके हिमालयी क्षेत्र में ही बन रहे बांधों का विषय आज गंगा के अस्तित्व के सामने सबसे बड़ा संकट बन खड़ा है, पहले ही टिहरी, मनेरी व कोटेश्वर बांधों में गंगा की लगभग 120 किलोमीटर धारा सुरंगों व झीलों में कैद कर क्षत-विक्षत की जा चुकी है, आगे गंगा-भागीरथी, अलकनंदा व मंदाकिनी पर ही लगभग 70 बांधों का निर्माण प्रक्रिया में तथा इसके हिमालयी बेसिन में 500 से अधिक स्थान बांध निर्माण हेतु चिन्हित हैं। आज देव-भूमि की धारी देवी सिद्ध पीठ को 330 मेगावाट की श्रीनगर परियोजना की बलि चढ़ाये जाने की तैयारी है, कल इसी क्रम मं पंच-प्रयागों सहित देव-भूमि की संस्कृति ही भारी खिलवाड़ की ओर धकेली जा रही है। भौतिकवाद की आंधी में भोगप्रधान जीवनशैली को विकास बताकर भूकंप, भूस्खलन एवं पर्यावरण के प्रति अत्यंत संवेदनशील हिमालयी जोन में गंगा के साथ ऐसा भीषण खिलवाड़ गंगा के मूल गुण-धर्मों सहित इसके प्रवाह से जुड़े सांस्कृतिक व आध्यात्मिक स्वरूप (गंगात्व) को ही नष्ट कर गंगा के प्राणों पर ही आघात है। वैज्ञानिक अध्ययन भी यह प्रमाणित कर रहे हैं। जिसके बाद मैदानी भागों में गंगा के नाम पर बहने वाला जल वास्तव में गंगा-जल ही नहीं रहेगा और तब आगे गंगा के नाम पर इस जल की सफाई/निर्मलता आदि के कार्य देश के साथ एक छलावा मात्र साबित होंगे।

विगत वर्षों से इस हेतु चल रहे संघर्ष के स्वर को लगातार दो बार संसद में भी उठाया गया।
गंगा-अविरलता चिंतन यात्रा
Posted on 15 Mar, 2013 11:58 AM यात्रा :- 05-08 अप्रैल 2013
स्थान :- हरिद्वार से बद्रीनाथ (उत्तराखंड)
(यात्रा में शामिल होने के लिए आयोजकों से सहमति ले लें।)


सदैव ही माँ गंगा एक नदी से कहीं बढ़कर इस भारतवर्ष की पहचान, इसकी संस्कृति एवं सभ्यता का प्रवाह रही है। इसी राष्ट्रीय नदी गंगा की अविरलता, आज गंगा भक्तों व प्रेमियों में प्राथमिक रूप से चिंता व संघर्ष का विषय बनी हुई है। इस हेतु चिंता एवं विरोध के विभिन्न स्वरों से अवगत राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण एवं इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री इस विषय की गंभीरता को स्वीकारने के बाद भी अब तक व्यवहारिक धरातल पर संवेदनहीन व उपेक्षित रवैया अपनाकर अपने आश्वासनों का सरेआम उल्लंघन कर रहे हैं। परिणामस्वरूप आने वाली 13 मई 2013 को श्रीनगर क्षेत्र की स्थानीय संस्कृति एवं आस्था का प्रतीक माँ धारी देवी सिद्ध पीठ को अलकनंदा पर बनाए जा रहे श्रीनगर बाँध परियोजना की बलि चढाए जाने की तैयारी हो चुकी है। ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में गंगा की अविरलता हेतु सरकारों, प्राधिकरण व संसद में रख चुके अपने वैचारिक एवं सैद्धांतिक स्वर को व्यावहारिक भूमि पर भी तेजी से उठाने हेतु आवश्यकता आन पड़ी है।
आमरण अनशन पर बैठे स्वामी निगमानंद के गुरु
Posted on 07 Aug, 2012 09:26 AM हरिद्वार, 6 अगस्त। गंगापुत्र स्वर्गीय स्वामी निगमानंद के गुरुस्वामी शिवानंद सोमवार से अपने आश्रम मातृ सदन में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने पांच मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू किया है। उनकी पांच मांगे हैं- कुंभ क्षेत्र हरिद्वार को दोगुना किया जाए, सीबीआई के देहरादून के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए क्योंकि उन्होंने निगमानंद की मौत की क्लोजर रिपोर्ट जांच ठीक ढंग से किए बिना ही दे दी। उन्होंने सीबीआई पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। सीबीआई न्यायिक मजिस्ट्रेट योगेंद्र कुमार सागर को सस्पेंड किया जाए, सीबीआई निदेशक निगमानंद की मौत की जांच के लिए एक मेडिकल जांच समिति बनाए, सीबीआई के देहरादून के एसपी निलाभ और डीएसपी वी. दीक्षित को स्वामी शिवानंद ने खनन ठेकेदारों से सांठगांठ करने के आरोप में निलंबित करने की मांग की है।

गंगापुत्र निगमानंद के गुरु स्वामी शिवानंद
गंगा और विज्ञान
Posted on 27 Jun, 2012 10:30 AM गंगा को बचाने के लिए उसके हिमनदों, सहायक नदियों और जलागम क्षेत्र का वैज्ञानिक प्रबंधन बहुत जरूरी है। एक वैज्ञानिक जल प्रबंधन के लिए जरूरी है कि प्राकृतिक संसाधनों की प्रबंधन में वैज्ञानिक प्रबंधन की शुरूआत करें। गंगा के लिए वैज्ञानिक प्रबंधन के जरूरत को दर्शा रहे हैं धीरेंद्र शर्मा।
देवभूमि पर भूमाफिया का कसता शिकंजा
Posted on 24 Apr, 2012 10:59 AM

सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार आज दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में स्थित कुल चार सौ छिहत्तर तालाब

गंगा बचेगी तो हम बचेंगे
Posted on 14 Apr, 2012 03:40 PM

बांध निर्माण का गंगा और उसकी अनेक सहायक नदियों पर प्रतिकूल असर पड़ा है। बहुत जल्दबाजी में सही लाभ-हानि का मूल्या

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