हिमाचल प्रदेश

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शरगांव के सिंचाई टैंक
Posted on 31 Dec, 2009 05:33 PM अभी तीन साल पहले तक यानी सन् 1999 तक हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले स्थित राजगढ़ से 30 किलोंमीटर की दूरी पर शरगांव अन्य गांवों की तरह पिछड़ा था, जहां के सरकारी नौकरी-पेशे वाले लोग ही चैन की नींद सोते थे। बाकी गांववालों के पास सिंचाई के लिए पानी का काफी अभाव बना रहता था। इसके फलस्वरूप यहां के लोग काम की तलाश में अन्य शहरों की ओर पलायन करने को बाध्य हुए। लेकिन, जब गांव वालों ने यहां पानी का काम किया,
दिल्ली की प्यास
Posted on 12 Sep, 2009 05:58 PM

दिल्ली की प्यास बुझी नहीं है। पहले यमुना, फिर गंगा, फिर भगीरथी का पानी पी लेने के बाद भी दिल्ली प्यासी है। अब दिल्ली को हिमाचल से भी पानी मिलने वाला है।
यमुना किनारे गांवों में होगी पदयात्रा
Posted on 06 Sep, 2009 12:02 PM

यमुना बचाने की मुहिम में लगी यमुना संरक्षण समिति “गांधी स्वराज पदयात्रा” को यमुना बचाओ पदयात्रा के रूप में करेगी। हरियाणा में यमुना किनारे गांवों में होने वाली पदयात्रा यमुना के मुद्दे पर केन्द्रित होगी।

कपड़े धोने की ईको फ्रेंडली तकनीक
Posted on 03 Apr, 2009 01:31 PM

केले के पत्ते की राख

eco friendly
हिमालय के पानी के विरासत को बचाएं - कर्ण सिंह
Posted on 17 Mar, 2009 04:53 PM हिमालय सेवा संघ एवं उसकी सहयोगी संस्थाओं द्वारा हिमालय क्षेत्र में पानी के मुद्दों पर किए गये रचनात्मक एवं आंदोलनात्मक पहल को मजबूत करने की दृष्टि से एक तीन दिवसीय राष्ट्रीय बैठक का आयोजन 17-19 मार्च को नई दिल्ली, बाल भवन में हो रहा है।
दिल्ली की प्यास बुझाने के फैसले का हिमाचल में विरोध
Posted on 13 Feb, 2009 10:07 AM शिमला, 9 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के 'रेणुका बांध' से दिल्ली वालों की प्यास बुझाने के लिए जल मुहैया कराने की प्रस्तावित परियोजना का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं।
पर्वतीय विकास का चश्मा बदलिए
Posted on 31 Jan, 2009 07:34 AM भारत डोगरा

पर्वतीय विकास की विसंगतियों की शुरुआत ही यहां से होती है कि इस अंचल को बाहरी असरदार लोगों ने या तो होटल के रूप में देखा है या संसाधनों के पिटारे के रूप में। अंगरेजों व राजे-रजवाड़ों के दिनों से लेकर आज तक यहां वनों की कटाई और खनिजों का दोहन बदस्तूर चलता रहा है। ऐसे पर्यटन स्थल बनते रहे, जो पहाड़ी लोगों से कटे हुए थे। इन वनों के साथ कितने गांव वासियों का अस्तित्व जुड़ा हुआ है,
अध्ययन व जाग्रति यात्रा
Posted on 03 Jan, 2009 02:18 PM सिम्पोडियम ऑफ एडवोकेसी फॉर हिमालयन ईशूज (साही), एक जाग्रति यात्रा का आयोजन कर रहा है। साही, हिमाचल और उत्तराखण्ड के 15 गैर सरकारी संगठनों का संगठन है। यात्रा रेणुका जी से प्रारम्भ होकर पौंटा साहिब में समाप्त होगी। इस यात्रा के दौरान गिरि नदी पर प्रस्तावित रेणुका बाँध से निचले क्षेत्र में पानी के प्रवाह में कमीं आने से लोगों और कृषि पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन भी किया जाएगा।15 जनवरी से शुरु हो
पानी संग्रहण की परंपरागत पहाड़ी विधियां
Posted on 15 Sep, 2008 04:28 PM

नौलेनौलेपरम्परागत विधिया टिकाऊ और कम खर्चीली तो हैं ही साथ ही साथ हमारे वातावरण के लिये भी अनुकूल हैं। इनको संचालित करने के लिये किसी भी तरह की ऊर्

नौले
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