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कार्बन डाईऑक्साइड रिकार्ड हाई से बाढ़-सूखे का खतरा
पृथ्वी को गर्म करने में कार्बन डाई ऑक्साइड की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि वायुमंडल में इस गैस के स्तर में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। कार्बन की खतरनाक बढ़त ने मौसम की एक्सट्रीम कंडीशन को बढ़ाया है यानी बाढ़-सूखे का खतरा बहुत बढ़ गया है। 




Posted on 11 May, 2024 03:47 PM

नई दिल्ली, एजेंसियां। पृथ्वी को गर्म करने में कार्बन डाई ऑक्साइड की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि वायुमंडल में इस गैस के स्तर में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। कार्बन की खतरनाक बढ़त ने मौसम की एक्सट्रीम कंडीशन को बढ़ाया है यानी बाढ़-सूखे का खतरा बहुत बढ़ गया है। 

कार्बन डाईऑक्साइड रिकार्ड स्तर पर
दुबई में बाढ़ क्यों
Posted on 10 May, 2024 01:08 PM

दुबई, जो रेगिस्तान के बीच में बसा, एक शहर, जिसकी आधुनिकता से हर कोई प्रभावित हो जाता है। 16 अप्रैल 2024 को अचानक भारी वर्षा से शहर डूब गया। इस अप्रत्याशित बाढ़ ने विभिन्न स्थानों को प्रभावित किया, जिसमें हवाई अड्डे, मेट्रो स्टेशन, और शॉपिंग मॉल शामिल हैं। स्कूल बंद कर दिए गए और सोशल मीडिया पर इस आपदा की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए। दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 24 घंटों में 160 मिलीमीटर वर्षा द

फ्लैश फ्लड
पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में मददगार सौर ऊर्जा
भारत, जो विश्व के सबसे जनसंख्या वाले देशों में से एक है, के लिए सौर ऊर्जा एक आदर्श ऊर्जा स्रोत है क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल है और कार्बन डाइऑक्साइड नहीं छोड़ती। यह गैर-नवीकरणीय ऊर्जा का एक श्रेष्ठ विकल्प है क्योंकि यह अक्षय है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इसका उपयोग खाना पकाने, सुखाने और बिजली जैसे विभिन्न कार्यों के लिए कर सकते हैं। भारत में बिजली का उत्पादन महंगा होने के कारण, सौर ऊर्जा एक बेहतर विकल्प है। Posted on 10 May, 2024 06:34 AM

सौर ऊर्जा ऊर्जा क्षेत्र में एक नवीकरणीय, अक्षय और किफायती रूप है। सौर उपकरण दो प्रकार के होते हैंः सक्रिय और निष्क्रिय। सौर ऊर्जा के प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषण को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। सौर ऊर्जा के सबसे स्वच्छ और शुद्धतम रूपों में से एक।

सौर उर्जा
ग्रीन करियर : पवन ऊर्जा में है भविष्य का मजबूत करियर
पवन ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार का मजबूत भविष्य है। विशेषज्ञों का मानना है कि साल 2035 तक पवन ऊर्जा जनरेट करने की लागत आज के मुकाबले 17 से 35 फीसदी तक कम हो जायेगी और पवन ऊर्जा का उत्पादन आज से कई सौ फीसदी बढ़ जायेगा। इसलिए इस ऊर्जा का भविष्य अक्षय है, क्योंकि यह प्राकृतिक संसाधन कभी कम नहीं होगा। पवन ऊर्जा प्रदूषण रहित है, जिस कारण जलवायु परिवर्तन से निपटने में इसके जरिये मदद मिलती है। Posted on 09 May, 2024 07:18 AM

इन दिनों ग्लोबल वार्मिंग के चलते पूरी दुनिया में जीवाश्म ऊर्जा का यानी फासिल-फ्यूल का बहुत तेजी से विकल्प ढूंढ़ा जा रहा है और कहना न होगा कि बड़े पैमाने पर इसे ढूंढ़ भी लिया गया है। इन्हीं विकल्पों में से एक पवन ऊर्जा का विकल्प भी है। भारत में पवन ऊर्जा का विकास 1990 के दशक में शुरू हुआ था और पिछले कुछ सालों में इसमें बहुत तेजी आयी है। 31 दिसंबर 2023 तक भारत में पवन ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता

पवन उर्जा भारत का भविष्य
पर्यावरण प्रदूषण और विकट समस्या जलवायु परिवर्तन से महासागर को सहेजना आवश्यक
पर्यावरण प्रदूषण और मौजूदा समय की विकट होती समस्या जलवायु परिवर्तन का महासागर पर क्या असर होता है? और इसके विपरीत महासागर पर्यावरण और मानव जीवन पर किस तरह से प्रतिक्रिया करता है, इन तमाम बातों को समझने के लिए भारतीय वैज्ञानिक लगातार अनुसंधान कर रहे हैं। What is the impact of environmental pollution and climate change on the ocean? And on the contrary, Indian scientists are continuously doing research to understand how the ocean reacts to the environment and human life. Posted on 08 May, 2024 02:23 PM

हमारी पृथ्वी का करीब दो तिहाई हिस्सा पानी से ढंका हुआ है और यहाँ पर मौजूद कुल पानी का 96.5 प्रतिशत महासागरों में मौजूद है। इसलिए स्वाभाविक तौर पर ये समुद्र हमारे वर्तमान और भविष्य के लिए ऊर्जा के सबसे बड़े स्रोत हैं। महासागर, नदी, तालाब, झील, ग्लेशियर, हवा या मिट्टी की नमी पानी हर जगह मौजूद होता है। पौधों, जंतुओं और हम मनुष्यों के शरीर की मूलभूत जैविक इकाई लाखों कोशिकाओं के जीवद्रव्य में भी करी

पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन का महासागर पर असर
भारत के जलनायक
प्राचीन वैदिक काल में ही नहीं बल्कि मध्यकाल और उसके बाद के समय में भी जल विकास और संचयन के क्षेत्रों में उत्कृष्ट निर्माण कार्य किए गए। जल विकास और संचयन के अनेक प्रमुख कार्य तो स्वाधीनता संग्राम के साथ-साथ ही चलाए गए जिनके निर्माण में भारतीय इंजीनियरों, स्वतंत्रता सेनानियों, रजवाड़ों और राजघरानों के शासकों और अनेक अज्ञात नायकों ने उल्लेखनीय सफलताएँ प्राप्त करके देश में अपनी अमिट छाप लगा दी। Not only in the ancient Vedic period but also in the medieval period and thereafter, excellent construction works were done in the fields of water development and harvesting. Many major works of water development and harvesting were carried out simultaneously with the freedom struggle, in the construction of which Indian engineers, freedom fighters, rulers of princely states and royal families and many unknown heroes achieved remarkable successes and left their indelible mark in the country. Posted on 06 May, 2024 03:09 PM

यद्यपि भारत ने ब्रिटिश काल के दौरान 200 वर्ष तक अनेक दुःख झेले परंतु उस कठिन समय में भी उसकी संघर्ष की भावना में ज़रा भी कमी नहीं आई। भारत एक अमर पक्षी की भाँति अपने काले अतीत से निकलकर इस समय विश्व के प्रमुख देशों की पंक्ति में शामिल हो रहा है। प्राचीन वैदिक काल में ही नहीं बल्कि मध्यकाल और उसके बाद के समय में भी जल विकास और संचयन के क्षेत्रों में उत्कृष्ट निर्माण कार्य किए गए। जल विकास और संच

जल समृद्ध परंपरा
पर्यावरण-अनुकूलन के लिए विविधीकृत खेती अपनाएं
एक विविधिकृत फार्म क्या है? क्या पानी-पर्यावरण और पर्यावरण अनुकूलन में उपयोगी है? Posted on 04 May, 2024 11:23 AM

एक विविधिकृत फार्म यह है जिसमें कई उत्पादन उद्यम या आय के स्रोत हैं, लेकिन आय का कोई भी स्रोत उस स्रोत से कुल आय के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं है। ऐसे खेतों के किसान आय के अनेक स्रोतों पर निर्भर रहते हैं

विविधिकृत खेती
कम दबाव (लो हेड) ड्रिप सिंचाई प्रणाली क्या है
ड्रिप सिंचाई प्रणाली एक प्रकार की सिंचाई प्रणाली है जहां पानी को छोटे ट्यूबों और उत्सर्जकों के माध्यम से सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है, जिससे पानी का सटीक और कुशल उपयोग सुनिश्चित होता है, बर्बादी कम होती है और पौधों के इष्टतम विकास को बढ़ावा मिलता है। Posted on 03 May, 2024 04:23 PM

जानिए कम दबाव (लो हेड) ड्रिप सिंचाई प्रणाली क्या है? 

ड्रिप सिंचाई प्रणाली एक प्रकार की सिंचाई प्रणाली है जहां पानी को छोटे ट्यूबों और उत्सर्जकों के माध्यम से सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है, जिससे पानी का सटीक और कुशल उपयोग सुनिश्चित होता है, बर्बादी कम होती है और पौधों के इष्टतम विकास को बढ़ावा मिलता है। विश्व की 17 प्रतिशत जनसंख्या भारत में निवास करती है। हमें इस बड़ी आबादी

ड्रिप सिंचाई प्रणाली
बूंद-बूंद उपयोग: धान के खेत में मछली पालन
जानिए धान संग मछली पालन के तहत किसान क्या कर सकता है? धान की खेती और मछली पालन क्या एक साथ संभव है। Posted on 03 May, 2024 03:51 PM

धान संग मछली पालन के तहत किसान एक साथ धान की खेती और मछली पालन कर सकते हैं। इस तरह की खेती का चलन चीन, बांग्लादेश, मलेशिया, कोरिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड मैं बढ़-चढ़कर है। भारत में हालांकि ये तकनीक अभी कम प्रचलित है, लेकिन इसे बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत में भी झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश समेत कई इलाकों में धान संग मछली पालन के जरिए किसान दोगुनी कमाई कर रहे हैं। भारत में मछली की प

धान संग मछली पालन
धरती धधक रही है
चर्चा है कि मानवीय गतिविधियों द्वारा फिलहाल तो पर्यावरण के लिए भयानक संकट पैदा हो गया है। प्रकृति बार-बार विभिन्न तरीके से चेतावनी दे रही है, फिर भी लोग अनसुना कर रहे हैं। करीब करीब दो दशक पहले तक देश के ज्यादातर राज्यों में अप्रैल माह में अधिकतम तापमान औसतन 32-33 डिग्री रहता था अब वह 40 के पार प्राय: रहता है।  Posted on 02 May, 2024 02:08 PM

हमारी प्राकृतिक संसाधनों की दुर्लभता और मानवता के पर्यावरणीय अपव्यय के कारण, हमारे प्राकृतिक संतुलन में असंतुलन का सामना करना अब एक बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। धरती की धधकना एक चिंताजनक विषय है जो हमें सावधान करने के लिए आहत करता है। न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी तथा मौसम का निरंतर बिगड़ता मिजाज अब डराता है। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिर्वतन से निपटने के ल

धरती गरम हो रही है
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