दिल्ली

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दुर्लभ होता जल
Posted on 16 May, 2016 01:14 PM
कुल सिंचित क्षेत्र, जो लगभग 63 मिलियन हेक्टेयर के आसपास बना
परमाणु विकिरण और पर्यावरण
Posted on 16 May, 2016 01:03 PM

परमाणु कचरे से लगातार हानिकारक विकिरण निकलते रहते हैं, जिनसे कैंसर जैसे भयानक रोगों का जन

पर्यावरण एवं विकास
Posted on 16 May, 2016 12:57 PM
14 नवम्बर 1992 को बाल दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के तीन मूर्त
सूखे से सेहत पर असर
Posted on 16 May, 2016 12:21 PM
आजादी के समय देश भर में करीब 24 लाख तालाब थे, लेकिन आज इनकी स
प्यास बड़ी है
Posted on 16 May, 2016 10:53 AM

लगातार सूखे ने न केवल लातूर बल्कि भारत के 250 से ज्यादा जिलों में पानी की कमी की गम्भीरता

सूखा से निपटने के लिये परम्परागत जलस्रोतों को सहेजना जरूरी
Posted on 16 May, 2016 10:08 AM
जिन क्षेत्रों में 200 सेंमी. से 1000 सेंमी.
बायोगैस: ऊर्जा का उपयोगी स्रोत (Biogas: useful source of energy)
Posted on 16 May, 2016 09:16 AM
लेखक का कहना है कि बायोगैस ग्रामीण जनता के लिये एक वरदान है, एक आदर्श खाना पकाने के ईंधन के अलावा भूमि को उपजाऊ बनाने और फसलों के उत्पादन में वृद्धि के लिये बायोगैस संयंत्र उत्तम खाद उपलब्ध कराते हैं। लेखक महसूस करता है कि इसके कई आर्थिक-सामाजिक लाभों को देखते हुए सरकार को बायोगैस इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन देने की अपनी नीति जारी रखनी चाहिए।

1976 में डीजल तेल की आपूर्ति में कमी से उत्पन्न परिस्थिति के कारण हरियाणा राज्य के किसानों ने बायोगैस और तेल के मिश्रण से चलने वाले इंजन के निर्माण का एक विकल्प प्रस्तुत किया।

बायोगैस खत्म न होने वाला ऊर्जा का स्रोत है, क्योंकि इसका उत्पादन व्यापक रूप से उपलब्ध गोबर से होता है, उत्पादन इकाइयों का निर्माण, संचालन और रख-रखाव आसान होता है तथा राष्ट्रीय और उपभोक्ता स्तर पर इससे कई फायदे मिलते हैं कूड़ा-करकट से बायोगैस बनाने का विज्ञान साधारण नहीं है क्योंकि बहुत छोटे जीव एक-साथ मिलकर मीथेन गैस का उत्पादन करते हैं जो बायोगैस का ज्वलनशील तत्व है। मीथेन का उत्पादन करने वाले जीवाणु अपनी ही किस्म के जीवाणु हैं, जिन्हें आर्केबैक्टीरिया के नाम से जाना जाता है और अब इन्हें जीव जगत के वर्गीकरण में अलग वर्ग में रखा गया है। इस विज्ञान में अभी कई ऐसी अनजानी बातें हैं जिन पर विकसित और विकासशील देशों में वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ कार्य कर रहे हैं। लेकिन मनुष्य ने दलदली भूमि में बायोगैस के उत्पादन की प्राकृतिक विधि की नकल करना सीख लिया है और इस विज्ञान की पूरी जानकारी मिलने से बहुत पहले बायोगैस उत्पादन इकाइयों का विकास करना शुरू कर दिया।
पन-बिजलीः समस्या तथा भविष्य (Hydropower: Problem and Future)
Posted on 15 May, 2016 03:26 PM

बिजली के उत्पादन की जितनी भी पद्धतियाँ हैं, उनमें से पन-बिजली पद्धति सर्वाधिक मितव्ययी व

सौर ऊर्जा से आवश्यकताओं की पूर्ति
Posted on 15 May, 2016 03:15 PM

सौर ऊर्जा का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्त्व है, विशेषकर इस तथ्य को देखते हुए कि तेल, कोयल

आठवीं योजना में ऊर्जा स्रोत
Posted on 15 May, 2016 12:01 PM
लेखक ने ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने और इसके अधिक से अधिक संरक्षण पद जोर दिया है। लेखक का कहना है कि इन दो कार्यों से सम्बंधित सभी परियोजनाओं को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिये ऊर्जा के अपारम्परिक स्रोतों के विकास के प्रयास तेज किए जाने चाहिए।
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