डा. के.सी. खंडेलवान

डा. के.सी. खंडेलवान
बायोगैस: ऊर्जा का उपयोगी स्रोत (Biogas: useful source of energy)
Posted on 16 May, 2016 09:16 AM

लेखक का कहना है कि बायोगैस ग्रामीण जनता के लिये एक वरदान है, एक आदर्श खाना पकाने के ईंधन के अलावा भूमि को उपजाऊ बनाने और फसलों के उत्पादन में वृद्धि के लिये बायोगैस संयंत्र उत्तम खाद उपलब्ध कराते हैं। लेखक महसूस करता है कि इसके कई आर्थिक-सामाजिक लाभों को देखते हुए सरकार को बायोगैस इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन देने की अपनी नीति जारी रखनी चाहिए।

1976 में डीजल तेल की आपूर्ति में कमी से उत्पन्न परिस्थिति के कारण हरियाणा राज्य के किसानों ने बायोगैस और तेल के मिश्रण से चलने वाले इंजन के निर्माण का एक विकल्प प्रस्तुत किया।

बायोगैस खत्म न होने वाला ऊर्जा का स्रोत है, क्योंकि इसका उत्पादन व्यापक रूप से उपलब्ध गोबर से होता है, उत्पादन इकाइयों का निर्माण, संचालन और रख-रखाव आसान होता है तथा राष्ट्रीय और उपभोक्ता स्तर पर इससे कई फायदे मिलते हैं कूड़ा-करकट से बायोगैस बनाने का विज्ञान साधारण नहीं है क्योंकि बहुत छोटे जीव एक-साथ मिलकर मीथेन गैस का उत्पादन करते हैं जो बायोगैस का ज्वलनशील तत्व है। मीथेन का उत्पादन करने वाले जीवाणु अपनी ही किस्म के जीवाणु हैं, जिन्हें आर्केबैक्टीरिया के नाम से जाना जाता है और अब इन्हें जीव जगत के वर्गीकरण में अलग वर्ग में रखा गया है। इस विज्ञान में अभी कई ऐसी अनजानी बातें हैं जिन पर विकसित और विकासशील देशों में वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ कार्य कर रहे हैं। लेकिन मनुष्य ने दलदली भूमि में बायोगैस के उत्पादन की प्राकृतिक विधि की नकल करना सीख लिया है और इस विज्ञान की पूरी जानकारी मिलने से बहुत पहले बायोगैस उत्पादन इकाइयों का विकास करना शुरू कर दिया।
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