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चंपावत जिला
जैविक प्रचुरता और प्रतिनिधित्व
Posted on 24 Jan, 2019 05:47 PMकेन्द्रीय विषय वस्तु को छूने से पूर्व, हमारा प्रयास विषय की गहनता व वैश्विक स्वीकार्यता का एक परिचय कराने का रहेगा। कोशिश यह भी रहेगी कि चयनित क्षेत्र की बात करने से पूर्व हम हिमालय, जिसका छोटा सा प्रतिनिधि क्षेत्र है पिथौरागढ़-चम्पावत, के सन्दर्भ में इस विषय वस्तु की झलक देखें।एक था सरोवर सोर घाटी में
Posted on 07 Jan, 2019 05:09 PMबचपन में अपने ‘मुलुक’ के बारे में पूछता था तो दादी बताती थीं एक ऐसे मैदान के बाबत, जिसमें मीलों तक पत्थर दिखते ही न थे। पहली बार सोर घाटी देखी तो लगा कि दादी ने अतिश्योक्ति की थी। वर्षों घूमा, सर्वेक्षण किया, अध्ययन किया, किन्तु मैदान न दिखा। दिखे पहाड़ ही पहाड़, पत्थर ही पत्थर। थल-सेनाध्यक्ष जनरल विपिन चन्द्र जोशी के आग्रह पर पानी की तलाश में एक बार निकला तो अकस्मात दादी अम्मा का बताया मैदान प
![सरोवर निर्माण प्रक्रिया](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/sarovar_3.jpg?itok=Oj8Igm9j)
पिथौरागढ़ का भूगर्भीय परिचय
Posted on 05 Jan, 2019 11:41 AMदक्षिणी छोर से यदि आरम्भ करें तो भूगर्भीय दृष्टिकोण से चम्पावत-पिथौरागढ़ क्षेत्र को चार भू-भागों में बाँटा गया है-शिवालिक, लघु हिमालय, उच्च हिमालय तथा टैथिस हिमालय। ये भू-भाग एक-दूसरे से चार प्रमुख भ्रंशों या दरारों द्वारा विभाजित हैं: अग्रगामी भ्रंश (हिमालयन फ्रन्टल फाल्ट-HFF), मुख्य सीमा भ्रंश (मेन बाउन्ड्री थ्रस्ट-MBT), मुख्य मध्य भ्रंश (मेन सेन्ट्रल थ्रस्ट-MCT), तथा हिमाद्रि भ्रंश (ट्रान्स
![भूगर्भीय तथा विवर्तनिक मिजाज](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/tectonic%20shift_3.jpg?itok=fOuSSkMJ)
पिथौरागढ़ का भौगोलिक स्वरूप
Posted on 04 Jan, 2019 01:18 PMकिसी भी क्षेत्र का भूगोल उसकी पर्यावरणीय, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, आर्थिक एवं भाषाई स्वरूप के साथ-साथ उसके लोक जीवन के सभी पक्षों को प्रभावित और निर्धारित करता है।
![pithoragarh](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/pithoragarh_4.jpg?itok=MczO6nby)
पहाड़ की तरफ पसरने लगा पपीता
Posted on 15 Nov, 2018 01:22 PMऔषधीय गुणों से भरपूर, पपीता मैदानी इलाकों का सर्वश्रेष्ठ फल माना जाता है। पर मौजूदा समय में यह पहाड़ की तरफ भी दिखने लगा है। चम्पावत जिले के निचले क्षेत्रों में जहाँ तापमान 38 से 44 डिग्री सेल्सियस के मध्य रहता है पपीता के पेड़ उग आये हैं। जिले के चिल्थी क्षेत्र के निवासी मोहन बिष्ट के बगान में लगे पेड़ पपीता के फल से भर गए हैं।![पपीते के खेत में मोहन बिष्ट](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/papaya_farming_3.jpg?itok=R7ONTgeY)
व्यक्तिगत प्रयासों ने खोली तरक्की की राह
Posted on 11 Feb, 2015 12:33 AMउत्तराखण्ड राज्य में जनपद चम्पावत विकासखण्ड के अन्तर्गत एक छोटा-सा गाँव है— तोली। यह गाँव जनपद मुख्यालय से 45 कि.मी.![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/15871643244_dfaece066f_z_4.jpg?itok=kvP5ZJHA)