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विकास का हिंद स्वराज मॉडल ही हमें बचाएगा
Posted on 09 Jan, 2010 10:38 AM जलवायु परिवर्तन पर कोपेनहेगन शिखर सम्मेलन शुरू होने के पहले ग्लोबल वार्मिंग से जुड़े सवाल पर एक नोबेल पुरस्कार सम्मानित अर्थशास्त्री ने कहा था कि आज अगर महात्मा गांधी जीवित होते, तो उनके पास भी इस संकट से निपटने का कोई नुस्खा न होता। लेकिन मेरी दृष्टि में उनका यह कहना ज्यादा सार्थक होता कि गांधी जी ने हिंद स्वराज में औद्योगिक सभ्यता के जिन संकटों को लेकर दुनिया को चेताया था, उन पर यदि अमल हुआ होता, तो ग्लोबल वार्मिंग की नौबत नहीं आती।

बहरहाल, एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी पीयू रिसर्च सेंटर ने अपने हालिया सर्वेक्षण में बताया है कि धरती के बढ़ते तापमान को लेकर 67 प्रतिशत भारतीय चिंतित हैं। चीन में यह महज 30 प्रतिशत
भोजन के समय पानी पीने के गुण
Posted on 09 Jan, 2010 10:38 AM

भुक्तस्यादौ जलं पीतमग्नि (ति?) सारं कृशाङ्गताम्।अन्त्ये करोति स्थूलत्वं ऊर्ध्वममाशात्कफम्।।मध्ये मध्यगतं सात्म्याद्धातूनां जनकं सुखम्।।अत्यम्बुपादनापिच्यतेSन्नं अनम्बुपानाच्च स एव दोषः।तस्मान्नरो वह्निविवर्धनाय मुहुर्मुहुवीरि पिबेदभूरि।।तृष्णातो न तु भुञ्जीत क्षुधार्तो न पिबेज्जलम्।तृष्णार्तो जायते गुल्मी क्षुधार्तश्च भगन्धरी।।

गरम पानी के गुण
Posted on 08 Jan, 2010 06:08 PM

शस्तं शुद्धनवज्वरेषु विहितं वारि स्वरुग्वाहनं

हिक्काश्वाससमीरणप्रशमनं कामग्निसंदीपनम्।आमं चोदरपीनसेषु शमनं स्वच्छां परं पाचनं।कण्ठ्यं वक्त्रविशोधनं लघु जयेद्धर्माणमुष्णोदकम्।।
बाहटे-
दीपनं पाचनं कण्ठ्यं लघूष्णं वस्तिशोधनम्।हिड्माड्माद्यनिलश्लेष्म सद्यश्शुद्धि नवज्वरे।।
मतान्तरे-
काले केले के जल का गुण
Posted on 08 Jan, 2010 05:07 PM

कृष्णरम्भाजलं हृद्यं त्रिदोषघ्नं तृषापहम्।मूत्रकृच्छहरं स्वादु वृष्यं प्रदरनाशनम्।।
काले केले (के पौधे) का जल मनोरम, त्रिदोषनाशक, प्यास दूर कर तृप्ति देने वाला, मूत्र की कमी या रोक हटाने वाला, स्वादिष्ट, शक्तिवर्धक या पोषक एवं प्रदर रोग नष्ट करने वाला होता है।

चन्द्रकान्त-जल के गुण
Posted on 08 Jan, 2010 04:01 PM

रक्षो (जो) घ्नं दीपनं हृद्यं मदतापविषापहम्।चन्द्रकान्तोद्भवं वारि पित्तघ्नं विमलं स्मृतम्।।

मतान्तरे-

चन्द्रकान्तमणिस्पृष्टशुभैश्चन्द्रांशुभिर्निशि।यन्मूर्न्धा निर्मितं वारि पानादिष्वमृतोपमम्।।

नदी या तालाब की बाढ़ के पानी के गुण
Posted on 08 Jan, 2010 03:09 PM मधुरं पित्तशमनं विदार्योद्भावितं जलम्।नदीजलं शुक्लविवर्धनञ्च सुखप्रदं पित्तकफनिलघ्नम्।संतर्पणं दाहतृषाहरन्तु संदीपनं स्वच्छतरं लघु स्यात्।।
जलगुण
Posted on 08 Jan, 2010 02:31 PM

त्रिदोषशमनं पथ्यं स्वादु हृद्यं च जीवनम्।आम-ल्कम-पिपासान्धं दिव्यं वारि मनोहरम्।।
दिव्य जल मनोहर होता है। वह वात, पित और कफ नामक तीनों दोष शान्त करने वाला, पथ्य या स्वास्थ्य प्रदान करने वाला, स्वादिष्ट, रोचक, जीवन (रुप) होता है तथा अजीर्ण थकान और प्यास नष्ट करता है।

प्रावृड् जलनिर्मुक्तं अव्यक्तं स्वादुलक्षणम्।वारि स्फटिकसंकाशं आन्तरिक्षमिति स्मृतिम्।

भोज देवकृत-जलमंगल
Posted on 08 Jan, 2010 11:09 AM

रहिमन पानी राखिये बिन पानी सब सून।पानी गये न ऊबरे मोती मानुस चून।।

वर्षावन में इतने अधिक प्रकार के पौधे और जीव-जन्तु क्यों पाये जाते हैं ?
Posted on 26 Dec, 2009 04:04 PM

उष्ण कटिबंधिय वर्षावन पृथ्वी पर सजीवों की सबसे अधिक जैव विविधता को आश्रय प्रदान करते हैं।यद्यपि ये पृथ्वी की सतह के 2% से भी कम भाग को ढकते हैं, फिर भी इनमें पृथ्वी के 50% से अधिक पौधे और जीव-जन्तु पाये जाते हैं। वर्षावनों की समृद्धि के कुछ उदाहरण नीचे दिये गये हैं-

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Rainforest bird
वर्षावन क्यों महत्वपूर्ण है?
Posted on 26 Dec, 2009 02:04 PM

वर्षावन विश्व स्तरीय पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) के लिए महत्वपूर्ण हैं। वर्षावन:

manambolo river
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