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स्कूलों में जल का पाठ्यक्रम अलग से जोड़ने की जरूरत
Posted on 04 Sep, 2015 02:02 PM

विश्व साक्षरता दिवस 08 सितम्बर 2015 पर विशेष


ज्ञान-विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में नई-नई चुनौतियाँ खड़ी हो रही हैं। कुछ ऐसी चुनौतियाँ जिनका समाधान हमें पारम्परिक ज्ञान से मिलने में दिक्कत आ रही है। ऐसी ही एक समस्या या संकट जल की उपलब्धता का है। वैसे ज्ञान-विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में कम-से-कम दो हजार साल का ज्ञात इतिहास हमारे पास है। दृश्य और लौकिक जगत में अपने काम की लगभग हर बात के पता होने का हम दावा करते हैं। लेकिन जल से सम्बन्धित ज्ञान-विज्ञान का पर्याप्त पाठ्य हमें मिल नहीं रहा है।

जल प्रबन्धन पर पारम्परिक और आधुनिक प्रौद्योगिकी जरूर उपलब्ध है लेकिन पिछले दो दशकों में बढ़ा जल संकट और अगले दो दशकों में सामने खड़ी दिख रही भयावह हालत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सामने बिल्कुल नई तरह की चुनौती खड़ी कर दी है।

हालांकि जागरूक समाज का एक बहुत ही छोटा सा हिस्सा जल संकट को लेकर पिछले एक दशक से वाटर लिटरेसी यानी जल शिक्षा या जल जागरुकता की मुहिम चलाता दिख जरूर रहा है लेकिन नतीजे के तौर पर देखें तो ऐसे आन्दोलन का कोई असर नजर नहीं आया।
नदी पुनर्जीवन की भूजल विज्ञान अवधारणा
Posted on 22 Aug, 2015 01:40 PM
आदिकाल से कलकल करती सदानीरा नदियाँ स्वच्छ जल का स्रोत रही हैं। समाज ने उनके जल का विविध उपयोग कर अपनी प्यास बुझाई है। गरीबों ने आजीविका कमाई है। किसानों ने खेती की जरूरतें पूरी की हैं। वह, समाज की निस्तार जरूरतों को पूरा करने वाला भरोसेमन्द साधन भी रहा है। यह पानी नदियों में रहने या पलने वाले जलचरों और जलीय वनस्पतियों की भी जरूरतों को पूरा करता है। नदीतंत्र में बहने वाला पानी महत्त्वपूर्ण सं
River rejuvenation
पर्यावरण मित्र बांस की आर्थिक संभावनाएँ
Posted on 25 Jul, 2015 08:32 AM बांस विश्व का सबसे तेज बढ़ने वाला पौधा व सबसे लंबी घास है। अपने कद
सूक्ष्म जीवाणुओं की विलक्षण क्षमता
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समुद्र में कशीदाकारी : प्रवाल भित्तियाँ
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एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइटोकैमिकल्स से स्वास्थ्य को होने वाले लाभ
Posted on 18 Jul, 2015 11:07 AM “भोजन को औषधि बनाएं; और औषधि को भोजन” हिप्पोक्रेट्स (431 ईसा पूर्व)
मछली पालन और एक्वाकल्चर क्षेत्र में अवसर
Posted on 18 Jul, 2015 08:17 AM मछली पालन एक महत्त्वपूर्ण व्यावसायिक क्षेत्र है, जो लाखों लोगों के लिए प्रोटीन के प्रमुख स्रोत के रूप में उपलब्ध है। राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में इसका करीब 1.4 प्रतिशत और एक्वाकल्चर क्षेत्र में कुल मिलाकर जीडीपी का 4.5 प्रतिशत येागदान है। व्यापक संदर्भ में इसमे अंतर्देशीय और समुद्री, एक्वाकल्चर, सामग्रियाँ, नौवहन, महासागर विज्ञान, मछलीघर प्रबंधन, मत्स्य प्रजनन, प्रसंस्करण, समुद्री खाद्य पदार्थों
'पाइलिन' से बचाव के लिए प्रभावकारी आपदा तैयारी
Posted on 12 Jul, 2015 03:50 PM भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया है कि उत्तर हिंद महासागर में हर
पृथ्वी प्रणाली विज्ञान संगठन
Posted on 12 Jul, 2015 03:40 PM पृथ्वी प्रणाली विज्ञान संगठन (ईएसएसओ) धरती की प्रक्रियाओं से संबंध
विकास योजनाएँ तथा आपदा प्रबंधन
Posted on 12 Jul, 2015 03:32 PM भारत में आपदा प्रशमन की दिशा में कतिपय प्रयास विगत पाँच दशकों में
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