भारत

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पानी की हर बूंद कीमती है
Posted on 04 Apr, 2011 11:57 AM

22 मार्च यानी विश्व जल दिवस। पानी बचाने के संकल्प का दिन। पानी के महत्व को जानने का दिन और पानी के संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का दिन। प्रकृति जीवनदायी संपदा जल हमें एक चक्र के रूप में प्रदान करती है, हम भी इस चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस चक्र को गतिशील बनाए रखना हमारी ज़िम्मेदारी है, प्रकृति के ख़ज़ाने से हम जितना पानी लेते हैं, उसे वापस भी हमें ही लौटाना है। हम स्वयं पानी क

water drops
गर्मी, पानी और औरत
Posted on 04 Apr, 2011 10:03 AM

पानी और औरत मानों एक-दूसरे की पर्याय हैं। ग्रामीण क्षेत्र हो या महानगर की मलिन बस्तियां, परिवा

लुप्त होती नदियां
Posted on 02 Apr, 2011 04:36 PM

भारत नदियों का देश कहा जाता है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि हमारी नदियां आज लुप्त प्रायः होती जा रही हैं। नदियों की बात चलती है तो जेहन में सवाल उभरता है कि आखिर नदियां कैसे बनती हैं? कहां से आता है पानी इन नदियों में?

river
सहस्राब्दि विकास लक्ष्य और इंवायर्नमेंट सस्टेनेबिलिटी
Posted on 02 Apr, 2011 02:55 PM

प्रस्तुत प्रकरण में सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों-7 में पर्यावरणीय स्थिरता पर चर्चा की जा रही है। सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों के अनुसार पर्यावरणीय स्थिरता आर्थिक और सामाजिक खुशहाली का एक हिस्सा है।

environment
अभी कागजी तौर पर ही सफल है मनरेगा
Posted on 02 Apr, 2011 01:13 PM

मनरेगा को मैं सरकार ही नहीं देश की फ्लैगशिप योजना की तरह लेता हूं।

अर्घ्य
Posted on 01 Apr, 2011 12:38 PM पानी से पहला परिचय कब हुआ था? इस सवाल का सटीक जवाब किसी के पास भी मिलना मुश्किल है। इसी तरह मुझे भी याद नहीं कि पानी से मेरा पहला परिचय कैसे हुआ था। स्वाभाविक ही है, जन्म के भी पहले फ्लूइड के रूप में तरलता से पहला नाता बना। जन्म के बाद हुए हर संस्कार में पानी ही रहा हरदम मेरे साथ, जुड़वा की तरह।
नीर-क्षीर
Posted on 01 Apr, 2011 12:32 PM

पानी पुण्य है, पानी जीवन का पर्याय है। इसे कमाओ, इसे सहेजो, इसे संभालो, इसे माथे से लगाओ, अन्य

स्वस्ति
Posted on 01 Apr, 2011 12:30 PM

दो अक्षर का छोटा-सा शीर्षक ‘पानी’ और कोई 30-32 पन्नों की छोटी-सी पुस्तिका। लेकिन यह अपने में पूरा संसार समेट लेती है। पानी की तरलता और सरलता की तरह ही पंकज शुक्ला इन 30-32 पन्नों में बिल्कुल सहज ढंग से हमें पानी की गहरी से गहरी बातों में उतारते जाते हैं, उसमें डुबोते नहीं, तैराते ले जाते हैं। इसमें पानी का ज्ञान है, पानी का विज्ञान भी है। वे हमें बताते हैं कि किस तरह पानी दो छोर जोड़ सकता है तो

water
राष्ट्रीय भू-गर्भ विज्ञान पुरस्कार-2010 के लिए नामांकन
Posted on 31 Mar, 2011 11:56 AM खनन मंत्रालय द्वारा उत्कृष्ठता की दिशा में प्रयत्न करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मौलिक अथवा प्रयुक्त भू-गर्भ विज्ञान, खनन एवं संबंधित क्षेत्रों में उनके प्रतिभाशाली योगदानों को मान्यता प्रदान करने के लिए व्यक्तियों/भू-गर्भ वैज्ञानिकों के दल/अभियंताओं/टेक्नोलाजिस्टों/शिक्षा वेत्ताओं से नामांकन आमंत्रित किए जाते हैं/यह पुरस्कार प्रति वर्ष प्रदान किया जाएगा।
नदी
Posted on 31 Mar, 2011 10:46 AM न बैठो चुप
न सोचो हो गया सब कुछ
अभी कहाँ हुआ सृजन?
अभी तो रचना है एक संसार
जो होगा तुम्हारा
अभी तो तुम्हारा उद्गम है
नन्हीं नदी की तरह।
बहा दो राह के रोड़ो को
चलो तुम भी पत्थरों में
अपनी राह बुनते हुए
करो कम करने की कोशिश
समन्दर का खार,
आत्मसात कर बुरों को
बना दो अच्छा
नन्हीं नदी की तरह।
न कहो मिल गया सब कुछ
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