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मिशन फॉर क्लीन गंगा-2020 ब्यूरोक्रेट्सों की चोंचलेबाजी और चालबाजी है : आचार्य जितेंद्र
Posted on 24 Aug, 2012 03:54 PM गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री और लड़ाकू तेवर के धनी आचार्य जितेंद्र गंगा के विभिन्न सवालों पर लगातार सक्रिय और संघर्षरत रही है। गंगा एक्शन प्लान में खर्च होने वाले 15 हजार करोड़ रुपए के बंदरबांट को लेकर ब्यूरोक्रेट्स और एनजीओ के खेल से वे काफी चिंतित हैं। प्रस्तुत है आचार्य जितेंद्र से निराला की बातचीत।

गंगा की अविरलता और निर्मलता में कौन अहम मसला है?
सामुदायिक परियोजनाओं के माध्यम से रोजगार
Posted on 24 Aug, 2012 01:09 PM सीमित भूमि, घटती उत्पादकता केवल छोटे एवं सीमांत खेतों में फसल उत्पादन से होने वाली रोजगार की संभावना तथा आम कृषक परिवारों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होती। इसका परिणाम प्रायः यह होता है कि कृषक परिवार निर्धन होते हैं। वे भुखमरी और कुपोषण के शिकार होते हैं। विभिन्न क्षेत्रों में घोर अड़चनों से ग्रस्त निर्धन किसान इस स्थिति में नहीं होते कि वे खेती तथा उससे जुड़े कार्यों
जैवप्रौद्योगिकी में करियर (Career in Biotechnology in India)
Posted on 23 Aug, 2012 10:34 AM
जैवप्रौद्योगिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का युग्मक है, जो जीवन से संबंधित है। यह जीवन के मूल को जानने और प्रौद्योगिकी के उपयोग द्वारा इसके प्रबंधन एवं/या अन्य प्रौद्योगिकियों में इसके उपयोग का विज्ञान है। जैवप्रौद्योगिकी एक ऐसा वैज्ञानिक विषय है जिसमें अन्य सभी विषय परस्पर मिश्रित होते हैं। विज्ञान की सभी शाखाएं मोलेक्यूलर स्तर पर अभिसरित होती हैं और इस तरह जैवप्रौद्योगिकी विज्ञान के सभी छात्
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में करियर
Posted on 23 Aug, 2012 10:19 AM एक व्यवसाय के रुप में पुस्तकालयाध्यक्षता (लाइब्रेरियनशिप) रोजगार के विविध अवसर प्रदान करती है। पुस्तकालय तथा सूचना-विज्ञान में आज करियर की अनेक संभावनाएं हैं। अर्हताप्राप्त लोगों को विभिन्न पुस्तकालयों तथा सूचना केन्द्रों में रोजगार दिया जाता है। प्रशिक्षित पुस्तकालय व्यक्ति अध्यापक तथा लाइब्रेरियन दोनों रूप में रोजगार के अवसर तलाश कर सकते हैं। वास्तव में, अपनी रुचि तथा पृष्ठभूमि के अनुरूप पुस्तका
राष्ट्रीय जलनीति 2012 का संशोधित मसौदा : थोड़ा ठीक हुआ, काफी कमियां बाकी
Posted on 22 Aug, 2012 12:11 PM प्रस्तुति
राजीव चन्देल


यदि राज्य सरकारें व स्थानीय निकायें यह सुनिश्चित करें की नजीकरण को प्रोत्साहित किया जाना है। लेकिन एक तरफ तो निजीकरण कम करने की पहल की गई है, वहीं दूसरी तरफ यह कहा जा रहा है कि प्राइवेट सेक्टर को शर्तों के आधार पर सेवा प्रदाता बनाया जा सकता है, लेकिन इन नीतियों के बनिस्बत यह भी देखना है जो कि समान रूप से महत्वपूर्ण है। देश में जल प्रबंधन को निजी हाथों में अनुबंधित किये जाने के बाद प्रायः यह देखा गया कि वह सेवा प्रदाता व्यक्तिगत लाभार्थी के रूप में इस उद्देश्य से बदल गये जिससे निजी कंपनियों को मुनाफा हो।

राष्ट्रीय जल नीति का संशोधित मसौदा, जिसे हाल में ही सामने लाया गया है, उसमें पहले की अपेक्षा स्पष्ट तौर पर सुधार हैं। नये मसौदे से यह प्रतीत होता है कि ड्राफ्ट कमेटी ने पहले तैयार किये गये मसौदे (पूर्व योजना) में कई आपत्तियों को शामिल किया है। बावजूद इसके, इसे अंतिम नहीं मान लेना चाहिए। अभी इस पर अत्यधिक कार्य होना चाहिए। भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय ने 25 जुलाई 2012 को राष्ट्रीय जल नीति (2012) के संशोधित प्रारूप (Revised) को सार्वजनिक किया। पहले इस मसौदे को इसी साल जनवरी में जनता के समक्ष रख कर इस पर टिप्पणियां मांगी गई थी। लेकिन इस मसौदे के साथ भी वही कुछ हुआ, जो कि आम सहमति पर किये जाने वाले विकास योजनाओं के साथ होता आया है। कुछ को छोड़कर कई अन्य मामलों के अनुभव ऐसे हैं जिनमें सरकारें पहले लोगों से टिप्पणियां (comments) मांगती हैं, लेकिन मिल जाने पर प्रायः उन पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता।
ऑटोमोबाइल उद्योग में रोजगार के असीम अवसर
Posted on 22 Aug, 2012 11:24 AM भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से परिवर्तन हुए हैं। भारत में स्वदेशी और विदेशी, दोनों ऑटोमोबाइल कंपनियां, अब अपनी प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों में बदलाव लाने पर ध्यान केन्द्रित कर रही हैं ताकि बेहतर उत्पाद तैयार किए जा सकें और बाजार में अपनी भागीदारी बढ़ा सकें। इसे देखते हुए प्रशिक्षित ऑटोमोबाइल इंजीनियरियों की मांग बढ़ गयी है। 2011-12 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार सितम्बर
सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग में भविष्य
Posted on 22 Aug, 2012 11:13 AM समय के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल करियर के निर्माण या उसे दिशा देने में पर्याप्त क्षमता वाले साधन के रूप में उभरकर सामने आया है। अकसर देखा जाता है कि कुछ लोग तकनीकी रूप से बड़े ही प्रतिभावान होते हैं और साथ ही वे अपने क्षेत्र में निपुण भी होते हैं, किंतु उनके करियर में एक निश्चित बिंदु के बाद ठहराव-सा आ जाता है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनमें नेतृत्व क्षमता, समूह में काम करना, सामाजिक सम्प्रेषण तथा सं
पोषण एवं आहार विज्ञान में करियर के अवसर
Posted on 21 Aug, 2012 12:06 PM आहार विज्ञान पोषण के सिद्धांतों पर आधारित मनुष्य के भोजन का विज्ञान एवं कला है। इसे ‘‘मनुष्य की पोषणिक देख-रेख का विज्ञान एवं कला” भी कहा जाता है। रोगियों से जुड़ी संस्थापनाओं में आहार चिकित्सा-विज्ञान तथा इसका अनुप्रयोग आहार विज्ञान का एक मुख्य केंद्र बिंदु है। इस तरह आहार-विज्ञान (क) व्यक्ति पर संकेन्द्रित पोषण देख-रेख एवं निगरानी तथा (ख) समूह पर संकेन्द्रित पोषण देख-रेख एवं निगरानी से संबंधित ह
प्रबंधन एक करियर के रूप में
Posted on 18 Aug, 2012 04:37 PM प्रबंधन एक ऐसा शब्द है जिसके अनेक अर्थ हैं। इसे किसी व्यवसाय के प्रबंधन एवं पर्यवेक्षण की प्रक्रिया तथा कंपनी अथवा संगठन के परिचालन कार्य की प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यहां किसी कंपनी के परिचालन कार्य से संबंधित तथ्यों तथा आंकड़ों के भाग को ध्यान में रख कर नई व्यवसाय नीतियां बनाई जाती हैं। एक सफल प्रबंधक होने के लिए किसी भी व्यक्ति में निर्णय लेने, वित्तीय विश्लेषण तथा अंतर वैय
कृषि में करियर
Posted on 18 Aug, 2012 01:12 PM यदि आप कृषि के विज्ञान पक्ष में करियर बनाने के इच्छुक हैं तो पशु विज्ञान इस संबंध में विशेष क्षेत्र है। पशु वैज्ञानिक मांस, मछली तथा डेयरी उत्पादों के उत्पादन तथा प्रसंस्करण में सुधार लाने के अनुसंधान कार्य करते हैं। वे पालतू बनाए गए फार्म पशुओं, आनुवंशिक, पोषण, पुनर्जनन, वर्धन तथा विकास का अध्ययन करने के लिए जैवप्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हैं। कुछ पशुवैज्ञानिक पशुधन खाद्य उत्पादों का निरीक्षण तथा
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