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उपभोक्तावाद की तानाशाही
Posted on 24 Jun, 2014 11:33 AM उपभोक्तावाद की गहराती जड़ों के चलते पश्चिमी देश अपनी इस्तेमाल करो औ
labour
विकास में भी झलकता भौगोलिक हाशिया
Posted on 24 Jun, 2014 11:26 AM प्राकृतिक सुंदरता के मामले में यह गांव देश के सबसे धनी गांवों में स
जो पानी का मोल न समझे, सबसे बड़ा अनाड़ी है
Posted on 13 Jun, 2014 04:14 PM भारत में सन् 1997 में जलस्तर 550 क्यूबिक किलोमीटर था। लेकिन एक अनुमान के मुताबिक, सन् 2020 तक भारत में यह जलस्तर गिरकर 360 क्यूबिक किलोमीटर रह जाएगा। इतना ही नहीं, सन् 2050 तक भारत में यह जलस्तर और गिरकर महज सौ क्यूबिक किलोमीटर से भी कम हो जाएगा। यदि हम अभी से नहीं संभले तो मामला हाथ से निकल जाएगा। वैसे भी पहले ही बहुत देर हो चुकी है। नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर देश में कई राज्यों के बीच दशकों से विवाद चल ही रहा है। कहीं इस सदी के पूर्वाद्ध में ही देश में पानी के लिए गृहयुद्ध न छिड़ जाए! भारतीय मौसम विभाग के एक पूर्वानुमान के अनुसार, देश में इस वर्ष अलनीनो के कारण मॉनसून में सामान्य से कम वर्षा होगी और औसत तापमान भी ऊंचा बना रहेगा। जाहिर है, इस बार इसका असर कृषि और महंगाई के साथ-साथ पानी की उपलब्धता पर भी पड़ेगा।

तेज गर्मी ने पहले ही दस्तक दे दी है और पानी की भारी किल्लत की संभावना अभी से सामने मुंह बाए खड़ी है। लेकिन पिछले दिनों की चुनावी सरगर्मी में इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया। वैसे भी किसी भी बड़ी या छोटी राजनीतिक पार्टी ने पानी को चुनावी मुद्दा नहीं बनाया था। सरकारी या निजी स्तर पर भी पानी की बचत या किसी व्यापक जलसंरक्षण अभियान को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई दे रही है।

यों पानी की किल्लत अब एक वैश्विक समस्या बन चुकी है। इसलिए पूरे विश्व में जलसंरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से सन् 1993 में ही संयुक्त राष्ट्रसंघ महासभा ने 22 मार्च को विश्व जल दिवस घोषित किया था।
जनभागीदारी की क्या है तैयारी
Posted on 13 Jun, 2014 03:17 PM गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने अपने राज्य के विकास के लिए
Narendra Modi
परिचर्चा : उत्तराखंड आपदा एवं भविष्य की चुनौतियां (भाग - 2)
Posted on 13 Jun, 2014 10:54 AM मैं आगे बताना चाहूंगा कि पहाड़ मेंं आमतौर से जो परिवर्तन हो रहे हैं
परिचर्चा : उत्तराखंड आपदा एवं भविष्य की चुनौतियां (भाग - 1)
Posted on 12 Jun, 2014 04:30 PM गढ़वाल के बारे में तो पता भी है लेकिन टिहरी के बारे में कुछ पता नही
उत्तराखंड में आपदा एवं राहत
Posted on 12 Jun, 2014 11:35 AM प्रभावित गांवों का प्राथमिकता के आधार पर संक्षिप्त विवरण प्रदेश के कई जिलों व विकास खंडों के गाँवों में अभी तक सरकार की राहत राशि व पुनर्वास के काम शुरू नहीं हो पाए हैं। इन इलाकों की विस्तृत सूची तो व्यापक सर्वे के बाद तैयार हो पाएगी अभी तक प्राप्त सूचनाओं व आकड़ों के आधार पर निम्न गांवों में त्वरित राहत खासकर अस्थाई आवास व भोजन, गर्म कपड़ों व बिस्तर की आवश्
सरकारी प्रतिबद्धता और जनसहभागिता से ही बनेगा काम
Posted on 11 Jun, 2014 11:23 AM

आज देश का जल प्रबंधन कम-से-कम 25 साल पिछड़ा हुआ है। मानसून में देरी, बाढ़-सूखा, आकस्मिक जलवायु

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