बांदा जिला

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राज-समाज के साझा प्रयास से बनेंगे 2000 तालाब
Posted on 15 Apr, 2016 01:54 PM
बुन्देलखण्ड में राज-समाज के साझा कोशिशों से 2000 तालाबों का काम धीरे-धीरे रुख लेने लगा है। बांदा के पिछले दौरे में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश ने 2000 तालाबों की बात कही थी। उसके लिये उन्होंने तालाबों के लिये अनुदान की पहली किस्त भी जारी कर दी है। फिलहाल 19 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड के सभी सातों जिलों में तालाब के काम का उद्घाटन होगा। इन सातों जिलों से एक-एक गाँव में तालाब बनाने
तालाब बनेंगे दो हजार खेत
Posted on 27 Mar, 2016 12:36 PM
जसपुरा/बाँदा। बुन्देलखण्ड में सूखे से मुकाबले के लिये दो हजार तालाब खोदे जाएँगे। शासन का मानना है कि खेत में तालाब खोदे जाने से पानी एकत्र होगा। जो सिंचाई के काम आयेगा। उद्देश्य यह है कि इस योजना से जहाँ किसान जल संचयन कर खेती किसानी के लिये पानी का सिंचाई के लिये प्रयोग करेंगे वहीं घटते जलस्तर को सुधारा जा सकता है। साथ ही प्यासे जानवरों को भी पीने के लिये पानी की व्यवस्था हो जायेगी। शासन न
सबका सपना - अपना तालाब
Posted on 18 Feb, 2016 12:12 PM
स्थानीय किसान इस बात से खासे उत्साहित हैं कि एक तालाब बनाने में कमोबेश उतना ही खर्च आता है जितना एक पक्का कुआँ बनाने मेंं। और यहाँ तो सरकार तालाब बनाने के लिये आधी मदद देने को भी तैयार है। एक औसत तालाब में 12 से 15 हजार घन फीट पानी आता है। इस पानी से लगभग 10-12 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली फसल को कम-से-कम दो बार सींचा जा सकता है। महोबा के तत्कालीन कलेक्टर अनुज कुमार झा की उत्सुकता और उत्साह ने इस अभियान की नींव डाली और मौजूदा कलेक्टर वीरेश्वर सिंह ने भी राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस मॉडल की सफलता का किस्सा उसके साथ साझा किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के बुन्देलखण्ड इलाके में 2,000 तालाब खुदवाने की घोषणा की है। शासकीय मदद से होने वाले इस काम को अपना तालाब अभियान का भी सहयोग हासिल है।

कमजोर मानसून ने यूँ तो पूरे देश को किसी-न-किसी तरह प्रभावित किया है लेकिन पारम्परिक रूप से सूखा पीड़ित बुन्देलखण्ड इलाके पर इसकी मार बाकी क्षेत्रों की तुलना में कुछ ज्यादा ही पड़ती है। हालात की गम्भीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने क्षेत्र में 2,000 तालाब खुदवाने की घोषणा की है। इस योजना के तहत तालाब खुदवाने में आने वाले खर्च का 50 फीसदी हिस्सा सरकार देगी जबकि बाकी खर्च खुद किसानों को वहन करना होगा।

इस योजना पर शीघ्र कार्रवाई के क्रम में ही गत 12 फरवरी को बांदा के मयूर भवन में अपना तालाब योजना को लेकर मंडलीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
तालाब एक उम्मीद का नाम भी है
Posted on 18 Feb, 2016 11:53 AM
पंकज अपनी जमीन पर एक तालाब खुदवा रहे हैं उनको यकीन है कि यह तालाब न केवल उनकी तकदीर बदलेगा बल्कि गाँव के लोगों को नई राह भी दिखाएगा। तालाब खुदाई के वक्त आयोजित समारोह में जब उमाकान्त उमराव ने पंकज को इस क्षेत्र का भगीरथ बनने की प्रेरणा दी तो दरअसल इसमें एक गहरा निहितार्थ छिपा था। भगीरथ जहाँ गंगा को स्वर्ग से धरती पर लाये थे वहीं पंकज के सामने चुनौती है दशकों से सूखे की मार झेल रहे इस क्षेत्र को हरियाली से आच्छादित करने की। बुन्देलखण्ड का एक इलाका ऐसा भी है जिसे बुन्देलखण्ड के बुन्देलखण्ड का नाम दिया जा सकता है। यहाँ पानी का संकट कल्पना से परे है। यहाँ के लोगों की सारी उम्मीदें एक तालाब की सफलता पर टिकी हैं। पिछले दिनों बांदा के जिलाधिकारी सुरेश कुमार और मध्य प्रदेश के वाटरमैन के नाम से जाने जाने वाले आईएएस उमाकान्त उमराव ने जब यहाँ तालाब की खुदाई के लिये कुदाल चलाई तो दरअसल एक साथ कई उम्मीदों के बीजों ने अंकुरित होने के लिये अंगड़ाई भरी।

यह गाँव है बुन्देलखण्ड के बांदा जिले के बड़ोखर खुर्द विकासखण्ड का खहरा गाँव। खहरा के रहने वाले पंकज सिंह भारतीय रेल में सहायक प्रबन्धक की नौकरी छोड़कर वापस गाँव लौट आये हैं।

देश भर में ऐसे लोगों के नाम अंगुलियों पर गिने जा सकते हैं जो जमी-जमाई तय आय वाली नौकरी छोड़कर दोबारा गाँव लौटते हैं। जो अपने खेत, अपने गाँव और अपने पूरे इलाके के लिये कुछ करने की मंशा रखते हैं।
खेती + लाभ + खुशहाली = प्रेमसिंह
Posted on 06 Feb, 2016 12:22 PM
जल संकट, अल्प वर्षा, सूखा और तमाम प्राकृतिक तथा मानव जनित समस्याओं से ग्रस्त बुन्देलखण्ड में कुछ चेहरे ऐसे भी हैं जिनको देखकर भविष्य को लेकर आश्वस्ति होती है। ऐसे ही एक शख्स हैं बुन्देलखण्ड के बांदा जिले के बड़ोखर खुर्द गाँव के 51 वर्षीय किसान प्रेम सिंह।
बुन्देलखण्ड : संकट में उम्मीद का सहारा
Posted on 15 Jan, 2016 11:31 AM

बुन्देलखण्ड यात्रा के दौरान आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार के सदस्यों से मिलने पर

बुन्देलखण्ड : पानी की त्राहिमाम, खेती की कौन कहे पीने के लाले
Posted on 14 Jan, 2016 02:29 PM

1. कुए, बाबड़ी, हैण्डपम्प सब सूखे
2. गाँव के अधिकतर लोग बाहर शौच जाने को मजबूर
3. गाँव में 377 वीपीएल परिवार


बुंदेलखंड में, ढूंढना है पानी
Posted on 09 May, 2014 11:28 AM कम अधिक पानी प्रत्येक साल बुंदेलखंड में बरसता है लेकिन हमारे पास कोई ठोस योजना नहीं है, बरसे हुए पानी को रोकने की..
तालाबों, पोखरों, नालों से अवैध कब्जा हटाए जाने के आदेश
Posted on 02 Oct, 2013 09:49 AM 18 जुलाई 2013, अतर्रा-बांदा। नगरपालिका परिषद अतर्रा ने तालाबों, पोखरों तथा नालों से अतिक्रमण हटाए जाने के आदेश दिए हैं। पंद्रह दिन के अंदर लोग अपना अतिक्रमण हटा लें वरना नगरपालिका परिषद चिन्हांकन करा कर वीडियोग्राफी कराते हुए अवैध कब्जे नगर निगम हटाएगा। निगम के हटाए जाने की स्थिति में हटाए जाने का खर्च भी कब्जाधारी से वसूला जाएगा।
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