स्वतंत्र मिश्र

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उदारीकरण में उदारता किसके लिये
Posted on 17 Apr, 2017 11:30 AM

जनता के बीच काम कर रहे संगठनों की जिम्मेदारी इसलिये और बढ़ जाती है, क्योंकि कई जनसंगठन अप

खेती को उद्योग बनने से बचाएँ
Posted on 16 Apr, 2017 12:11 PM

भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में छोटी-छोटी जोतों को बड़े-बड़े फार्म में तब्दील करके नकद

चाहत मुनाफा उगाने की
Posted on 16 Apr, 2017 11:35 AM

नई आर्थिक नीति 1991 में लागू होने के बाद खेती की जो पारम्परि
लोगों का गुस्सा बादल की तरह फटेगा
Posted on 18 Feb, 2017 01:48 PM

आपदा में बड़ी संख्या में पशु भी मारे गए हैं। पशुपालन निदेशालय
इशारे को समझे समाज
Posted on 22 Nov, 2014 11:54 AM

बड़े बांध और बड़ी परियोजनाओं के नाम पर हमेशा से शहर और गांव से लाखों की आबादी का विस्थापन होता

जिलाधीश नहीं बाबू उमराव तो जलाधीश हैं
Posted on 09 Oct, 2014 04:12 PM
उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास ही किसी गांव में जन्मे उमाकांत उमराव ने मध्य प्रदेश के देवास में जिलाधीश के पद पर लगभग डेढ़ साल की एक छोटी सी अवधि में यहां की पारंपरिक तालाब संस्कृति को अपने बूते जिंदा कर दिखाया जिसकी वजह से यहां के बच्चे-बूढ़े, औरतें सभी उनके दीवाने हो गए और उन्हें श्रद्धा से भरकर जलाधीश (जल देवता) कहकर पुकारने लगे।

मालवा क्षेत्र के सबसे सूखे जिले देवास में तबादले की खबर सुनते ही उनके घर-परिवार और दोस्त उन पर इस बात का दबाव बनाने लगे कि किसी तरह वे अपने तबादले का आदेश रुकवा लें। असल में देवास में 1990 से ही पीने का पानी रेलगाड़ियों में टैंकर भरकर लाया जाने लगा था।
<i>3-7 Oct 2013 in Dewas, MP by Waterkeeper India</i>
बाढ़ का शहरीकरण
Posted on 03 Oct, 2014 10:14 AM

पूरब के राज्यों में अंग्रेजों के समय से रेल के जाल बिछने और पानी के रास्तों को कहीं छोटे से पुल

Badh
बाढ़ की उल्टी गंगा
Posted on 26 Sep, 2014 03:50 PM

.बिहार, आसाम, बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश ये मुख्यतः बाढ़ के इलाके जाने जाते हैं। परंतु पिछले कुछ वर्षों से प्रकृति ने बाढ़ के संदर्भ में ‘उल्टी गंगा बहना’ मुहावरे को साकार कर दिया है। इस वर्ष राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में हुई बारिश ने तबाही मचा दी है। आश्चर्य तो यह है कि कुछ दिनों पहले इन इलाकों से पानी की कमी की खबरें आ रहीं थीं।

महाराष्ट्र को तो इस बार बाढ़ की प्राकृतिक विपदा रह-रहकर झेलनी पड़ी। राजस्थान में प्रत्येक साल जहां बूंद-बूंद के लिए लोग तरसते रहते हैं, वहीं इस बार प्रकृति ने उसे भी एक नए तरह की या यूं कहिये पारिस्थितिकी तंत्र में आ रहे जबरदस्त बदलाव से अनायास आए इस तरह की विपदा को झेलने की तैयारी की चेतावनी दे दी है।
<i>राजस्थान में बाढ़</i>
बीटी कपास भूजल को भी दूषित कर रहा है
Posted on 18 Sep, 2014 04:27 PM
दस साल पहले 2002 में बीटी (बेसिलस थुरिनजेनिसस) कपास को भारत के किसानों के हाथों में कई सारे फील्ड ट्रायल के बाद सौंप दिया गया। किसानों को इसे सौंपते हुए इसकी खूबियां गिनाई गईं। कहा गया - इसकी खेती की लागत सामान्य कपास के मुकाबले कम पड़ेगी और इसमें कीटनाशकों का खर्च भी कम आएगा। लेकिन नतीजे के तौर पर आज इस कपास के पीछे कई हजार किसानों को आत्महत्या तक का
<i>बीटी कपास</i>
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