प्रेमविजय पाटिल
नहर से सिंचाई के लिये किसानों को पानी मिलने में दिक्कत
Posted on 27 Nov, 2016 11:31 AM
धार। लम्बे इन्तजार के बाद ओंकारेश्वर परियोजना की उप नहर डीवाय-19 से समीपस्थ ग्राम ननोदा क्षेत्र के किसानों के खेतों में सिंचाई के लिये पानी मिलने लगा। इससे रबी की सूखती फसलों को सहारा मिला है। हालांकि नहर के दो सायफनों में अभी हल्का-सा पानी रिसाव जरूर हो रहा है। विभाग के अधिकारी आगामी समय में नहर बन्द होने के बाद दुरुस्त करने की बात कह रहे हैं।
कृषिभूषण राम पाटीदार को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से नवाजा
Posted on 26 Nov, 2016 10:50 AM
धार। धरमपुरी तहसील के ग्राम कुंदा की पहाड़ी पर हरियाली महोत्सव के तहत ग्राम पटलावद के कृषिभूषण राम पाटीदार को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड से नवाजा गया। यह अवार्ड एक लाख पौधे रोपित कर इस बंजर पहाड़ी पर हरियाली एवं जैव विविधता लाने के लिये दिया गया।
तालाबों में पानी कम, विवाद ज्यादा
Posted on 26 Nov, 2016 10:19 AMवर्षा की कमी, गर्मी की अधिकता और अपर्याप्त ठंड की वजह से इस ब
सड़क पर बहाने की बजाय खेत तक पहुँचाया गन्दा पानी
Posted on 20 Nov, 2016 11:07 AM
गाँव के तीन भाइयों ने जुगाड़ कर समस्या को दूर करने का प्रयास किया
हरियाली पहल - स्मृति वन को और किया जाएगा हरा-भरा
Posted on 20 Nov, 2016 11:01 AM
धार। बारिश का मौसम शुरू हो चुका है। गर्मी से बदरा ने जहाँ राहत दी है, तो वहीं दूसरी तरफ पेड़-पौधों का महत्त्व भी सम्भवतः समझा जाने लगा है। धरा को अधिक-से-अधिक हरा-भरा करने के लिये यूँ तो कई प्रयास हुए हैं। लोगों ने अपने स्तर पर पेड़ पौधे भी लगाए, लेकिन इस बार जो होने जा रहा है वह न सिर्फ लीक से हटकर, बल्कि मानवोपयोगी भी होगा।
लाखों खर्च, जीरो हरियाली
Posted on 20 Nov, 2016 10:57 AM
धार। सन 2014 में मनरेगा के अन्तर्गत मुंगेला पंचायत के गुंदीखेड़ा में 53 लाख 57 हजार की लागत से रोपे गए 13 हजार पौधों में से आधे पौधे भी जीवित नहीं बच पाये। जो पौधे बचे हैं, वे भी देखरेख के अभाव में दम तोड़ते नजर आ रहे हैं।
अपने दम पर हरियाली की कोशिश
Posted on 20 Nov, 2016 10:49 AM
यहाँ एक टापू पर पूर्व में जिन पौधों को लगाया गया था, आज वे पेड़ के रूप में तब्दील होकर लोगों को छाँव के साथ फल और फूल दे रहे हैं। राहगीर इन पेड़ों के नीचे रुककर अपनी थकान उतारते हैं। कड़ौदकलाँ में बस स्टैंड के समीप मेला मैदान जो की तालाब के अन्दर बना हुआ है। वहाँ बारिश के दिनों में पानी भरा रहता है।