प्रेम पंचोली

प्रेम पंचोली
तिलाड़ी कांड - प्राकृतिक संसाधनों पर जनता के हक की लड़ाई
Posted on 30 Dec, 2018 05:04 PM

तिलाड़ी शहीद स्मारक में श्रद्धांजलि देते विधायक यमुनोत्री (फोटो साभार - ग्राउंड जीरो)तिलाड़ी गोली कांड के 88 वर्ष पूरे हो चुके हैं लेकिन जनता द्वारा प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार के लिये की जा रही माँग को दबाने के उद्देश्य से अंजाम दिये गए इस कांड की याद आज भी उत्तराखण्ड के बाशिन्दों के जेहन में ताजा ह

तिलाड़ी शहीद स्मारक में श्रद्धांजलि देते विधायक यमुनोत्री
संसाधनों का दोहन है विकास में बाधक
Posted on 24 Dec, 2018 08:50 AM
हिमालय की अनदेखी (फोटो साभार - डाउन टू अर्थ)उत्तराखण्ड के गठन के 18 वर्ष बीत जाने के बाद भी राज्य स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखकर किये जाने वाले विकास से मीलों दूर है। राज्य के डेढ़ दशक का सफरनामा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण बावत निराशा भरा ही कहा जाएगा। पानी, पेड़ और कृषि आदि का पिछले डेढ़ दशक में स
हिमालय की अनदेखी
गाँवों में गहराता जा रहा है पेयजल संकट
Posted on 16 Dec, 2018 04:11 PM

विलुप्त होते पहाड़ों से परम्परागत स्रोत (फोटो साभार - डाउन टू अर्थ)उत्तराखण्ड को एशिया के सबसे बड़े जल भण्डार के रूप में जाना जाता है। इस राज्य के भूभाग में स्थित हिमालय की हिमाच्छादित चोटियों से गंगा, यमुना, अलकनन्दा, पिण्डर, मन्दाकिनी, काली, धौली, सरयू, कोसी, रामगंगा आदि जैसी जीवनदायिनी नदियों का उद

विलुप्त होते पहाड़ों से परम्परागत स्रोत
पानी के अभाव में कुपोषित होते बच्चे
Posted on 16 Dec, 2018 03:45 PM

देशभर में लाखों बच्चे ऐसे हैं जिन्हें दो जून की रोटी के साथ ही प्रकृति प्रदत्त ‘‘पानी’’ भी मयस्सर नहीं होता। यह हालात तब हैं जब देश में बच्चों के पोषण के लिये केन्द्र अथवा राज्य के बाल विकास मंत्रालयों द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।

शौचालय और पानी विहीन स्कूल
निर्मल गंगा के लिये गाद का उपचार है जरूरी
Posted on 30 Nov, 2018 09:38 PM

कानपुर में सूखती गंगा नदी (फोटो साभार - स्क्रॉल)विशेषज्ञों की राय है कि जब तक गंगा या किसी अन्य नदी से गाद निकालने का काम सही तरीके से नहीं किया जाता तब तक नदियों का जल निर्मल नहीं होगा। उनका मानना है कि सतही सफाई से किसी भी नदी के जल की गुणवत्ता में सुधार की सम्भावना नगण्य रह जाती है।

कानपुर में सूखती गंगा नदी
यहाँ आज भी जिन्दा है जल संस्कृति
Posted on 22 Nov, 2018 07:45 AM
नौला (फोटो साभार - डाउन टू अर्थ)प्रकृति प्रदत्त ‘पानी’ अमूल्य है। इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पृथ्वी पर जैविक विकास की वजह भी पानी ही है। परन्तु पानी के अतिदोहन ने भारत ही नहीं विश्व के कई देशों को भयावह जल संकट से रूबरू होने पर मजबूर कर दिया है।
नौला
रूपीन-सुपीन घाटी, एक प्राकृतिक विरासत
Posted on 04 Nov, 2018 12:18 PM
वैसे तो पूरा उत्तराखण्ड प्राकृतिक सुन्दरता का भण्डार है। पर बात जब उत्तरकाशी की आती है तो मानों प्रकृति ने सबसे अधिक नेमते बक्शी हों। उत्तरकाशी मुख्यालय में विख्यात काशी विश्वनाथ मन्दिर है तो उसके बाईं ओर गंगा-भागीरथी कल-कल करती धारा हिन्दू संस्कृति की ध्वजवाहक बनी हुई हैं। यही नहीं, इसी जनपद में यमुना का भी उद्गम स्थल है।
सूपीन नदी
पेयजल की कमी और स्वच्छता बने चुनावी मुद्दे
Posted on 04 Nov, 2018 12:09 PM
त्रिवेंद्र सिंह रावत (फोटो साभार - वनइण्डिया)यह जगजाहिर है कि गाँव की अपेक्षा शहर गन्दगी से पटे रहते हैं जबकि स्वच्छता एवं कूड़े के निस्तारण के लिये सरकारी बजट की व्यवस्था होती है। इसके अलावा शहरों में पेयजल की समस्या भी बनी रहती है। अहम यह है कि प्रदेश में हो रहे नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों के चुनाव के
त्रिवेंद्र सिंह रावत
जल प्रदूषण, जानकारी ही बचाव है
Posted on 07 Sep, 2018 06:55 PM
जल प्रदूषण (फोटो साभार - विकिपीडिया)जल सभी जीवित प्राणियों के जीवन का आधार है। आधुनिक मानव सभ्यता के विकास के साथ, जल प्रदूषण की गम्भीर समस्या उत्पन्न हो गई है। औद्योगीकरण एवं शहरीकरण की प्रवृत्ति बढ़ रही है। गाँवों के आसपास तेजी से विभिन्न उद्योगों की स्थापना के साथ ही वे कस्बों एवं शहरों में तब्दील ह
जल प्रदूषण
आरओ को ना कहिए
Posted on 07 Sep, 2018 03:15 PM

स्लो सैंड फिल्टर (फोटो साभार - विकिपीडिया)लोगों की स्मृति में तकनीकी विकास ने इतनी गहरी पैठ जमा ली है कि उन्होंने सदियों तक साथ देने वाले परम्परागत तौर-तरीकों से मुँह मोड़ लिया है। उदाहरण के तौर पर सामान्य जल को पेयजल के रूप में परिष्कृत करने के लिये आरओ (Reverse Osmosis) का प्रयोग इतना बढ़ गया है कि ल

स्लो सैंड फिल्टर
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