पंकज चतुर्वेदी

पंकज चतुर्वेदी
मैला ढोने वालों की त्रासदी
Posted on 21 Oct, 2010 03:01 PM


शुष्क शौचालयों की सफाई या सिर पर मैला ढोने की कुप्रथा हालांकि संज्ञेय अपराध है।

Manual scavenger
गागर में सिमटते सागर
Posted on 16 Oct, 2010 09:48 AM

सरकार संसद में बता चुकी है कि देश की 11 फीसदी आबादी साफ पेयजल से महरूम है। जबकि कुछ दशक पहले लोग स्थानीय स्रोतों की मदद से ही पीने और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी जुटाते थे। एक दौर आया जब अंधाधुंध नलकूप लगाए जाने लगे। जब तक संभलते तब तक भूगर्भ का कोटा साफ हो चुका था। एक बार फिर लोगों को पुराने जल-स्रोतों की ओर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। लेकिन पीढ़ियों का अंतर सामने खड़ा है। पारंपरि
drinking water
अफ्रीकी टिड्डों के हमले की आशंका
Posted on 17 Sep, 2010 02:01 PM


इस साल बारिश के सभी पुराने रिकार्ड टूट गए हैं। राजस्थान व गुजरात के वे इलाके जो बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते हैं, के बाशिंदे बाढ़ से जूझ चुके हैं।

African locust
आखिर क्यों उफन जाती हैं नदियां
Posted on 28 Aug, 2010 07:27 AM


मई-जून के महीनों में जब तीन-चौथाई देश पानी के लिए त्राहि -त्राहि कर रहा था, पूर्वोत्तर राज्यों में भी बाढ़ से तबाही का दौर शुरू हो चुका था। अभी बारिश के असली महीने सावन की शुरुआत है और लगभग आधा हरियाणा, पंजाब का बड़ा हिस्सा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार का बड़ा हिस्सा नदियों के रौद्र रूप से पानी-पानी हो गया है।

river
मानसून की टेढ़ी चाल
Posted on 01 Aug, 2010 09:34 AM


मानसून की टेढ़ी चाल से भारत में सभी हतप्रभ हैं। पिछले कुछ वर्षो से जिस तरह से मानसून दगा दे रहा है वो भारत जैसे कृषि प्रधान देश में भारी चिंता का विषय हैं। सामान्यतः मानसून शब्द का उपयोग भारी वर्षा के पर्याय के रूप में होता है, लेकिन वस्तुतः यह हवा कि दिशा बदलने का प्रतीक है, जिससे वर्षा कि सम्भावनाएं ज्ञात होती है।

monsoon
खतरे में वादी की झीलें
Posted on 29 Jun, 2010 12:22 PM


अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर डल झील के वजूद पर हर रोज खतरा बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण और बेहतर रखरखाव न होने की वजह से डल की सूरत बिगड़ रही है। सरकार के साथ-साथ स्थानीय लोगों की उदासीनता इसकी बड़ी वजह है। डल झील के हालात का जायजा ले रहे हैं - पंकज चतुर्वेदी।

Lake
दफन होते दरिया
Posted on 27 Jun, 2010 01:32 PM

Drinking water
खतरे में है टीकमगढ़ की तालाब संस्कृति: भाग 1
Posted on 08 Mar, 2010 01:08 PM

बुंदेलखंड की पारंपरिक संस्कृति का अभिन्न अंग रहे हैं ‘तालाब। आम बुंदेली गांव की बसावट एक पहाड़, उससे सटे तालाब के इर्द-गिर्द हुआ करती थी। यहां के टीकमगढ़ जिले के तालाब नौंवी से 12वी सदी के बीच वहां के शासक रहे चंदेल राजाओं की तकनीकी सूझबूझ के अद्वितीय उदाहरण है। कालांतर में टीकमगढ़ जिले में 1100 से अधिक चंदेलकालीन तालाब हुआ करते थे। कुछ को समय की गर्त लील गई और कुछ आधुनिकीकरण की आंधी में ओझल हो

Tikamgarh pond
कूड़ा ढोने का मार्ग बन गई हैं नदियाँ
Posted on 16 Mar, 2015 12:44 PM

विश्व जल दिवस पर विशेष


अब सुनने में आया है कि लखनऊ में शामे अवध की शान गोमती नदी को लन्दन की टेम्स नदी की तरह सँवारा जाएगा। महानगर में आठ किलोमीटर के बहाव मार्ग को घाघरा और शारदा नहर से जोड़कर नदी को सदानीरा बनाया जाएगा। साथ ही इसके सभी घाट व तटों को चमकाया जाएगा। इस पर खर्च आएगा ‘महज’ छह सौ करोड़।
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