ज्ञानेन्द्र रावत
ज्ञानेन्द्र रावत
क्या पेरिस सम्मेलन से बदलाव आएगा
Posted on 26 Nov, 2015 10:47 AMअगले हफ्ते फ्रांस की राजधानी पेरिस में 30 नवम्बर से आगामी 11 दिसम्बर तक होने वाले जलवायु शिखर सम्मेलन से पर्यावरण में हो रहे प्रदूषण को कम करने और कार्बन उर्त्सजन को कम करने की दिशा में दुनिया को खासी उम्मीदें हैं। वह बात दीगर है कि पिछले दिनों पेरिस में हुए आतंकी हमले ने समूची दुनिया को हिला दिया है।भूकम्प से अब कैसे बचेगी दिल्ली
Posted on 29 Oct, 2015 12:14 PM गत दिवस अफग़ानिस्तान में राजधानी काबुल से 256 किलोमीटर दूर हिन्दूकुश घाटी में 7.7 रिक्टर स्केल की तीव्रता वाले भूकम्प से पाकिस्तान सहित देश में उत्तर भारत के तकरीब आठ राज्य जिनमें जम्मू कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार सर्वाधिक रूप से प्रभावित हुए हैं।जल संसाधनों में सुधार बिना समस्या का निदान बेमानी
Posted on 18 Oct, 2015 02:13 PM दरअसल पानी की समस्या अकेले हमारे देश की ही नहीं समूचे विश्व की है लेकिन हमारे यहाँ जिस तरह पानी की बर्बादी होती है, उसे देखते हुए यदि इस पर समय रहते शीघ्र अंकुश नहीं लगाया गया तो फिर बहुत देर हो जाएगी और तब हम कुछ भी नहीं कर पाएँगे।आखिर कौन बचाएगा प्राकृतिक आपदाओं से हमें
Posted on 11 Oct, 2015 03:49 PMइंटरनेशनल नेचुरल डिजास्टर रिडक्शन दिवस, 13 अक्टूबर 2015 पर विशेष
क्या है स्वच्छ भारत अभियान की हकीकत
Posted on 30 Sep, 2015 03:40 PMस्वच्छता दिवस, 02 अक्टूबर 2015 पर विशेष
देश में कोई नहीं है नदियों का पुरसाहाल
Posted on 26 Sep, 2015 04:15 PMविश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष
इसे हम अपनी संस्कृति की विशेषता कहें या परम्परा कि हमारे यहाँ मेले नदियों के तट पर, उनके संगम पर या धर्म स्थानों पर लगते हैं और जहाँ तक कुम्भ का सवाल है, वह तो नदियों के तट पर ही लगते हैं जहाँ आस्था के वशीभूत लाखों-करोड़ों लोग आकर उन नदियों में स्नानकर पुण्य अर्जित कर खुद को धन्य समझते हैं। बल्कि गर्व का अनुभव करते हैं।
हिमालय पर मँडराता भूकम्प का खतरा
Posted on 08 Sep, 2015 03:53 PMहिमालय दिवस 9 सितम्बर 2015 पर विशेष
इसी साल अप्रैल माह में नेपाल में आये विनाशकारी भूकम्प ने साबित कर दिया है कि इस भूभाग में भूकम्प का सबसे ज्यादा खतरा देश के हिमालय और उसके आस-पास के क्षेत्र पर मँडरा रहा है। यह सब हिमालय की अनदेखी का परिणाम है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता। यह भूकम्प हिरोशिमा पर बरसाये परमाणु बम से 504.4 गुना ताकतवर था।