ज्ञानेन्द्र रावत

ज्ञानेन्द्र रावत
रखना होगा बूंद-बूंद का हिसाब
Posted on 22 Mar, 2011 08:24 AM

वैज्ञानिक चेता रहे हैं कि जल सकंट दूर करने के ठोस कदम न उठाये गये तो मानव अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा। पानी के लिए यदि समय रहते कुछ सार्थक कर पाने में नाकाम रहे तो दुनिया से मिट जाएंगे। यह जानते-समझते हुए भी जिम्मेदार लोग अपेक्षित पहल करते नहीं दिखते। उन्हें इसकी कतई चिंता नहीं कि देश में प्रदूषित पानी पीने के कारण हर साल हजारों लोग जानलेवा बीमारियों का शिकार होकर असमय मौत के मुंह में चले जाते

water
अब मुश्किल है साफ हवा में जीना
Posted on 15 Jan, 2018 03:03 PM

प्रदूषण को लेकर जितना खतरा मेट्रो शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों को है, उतना ही खतरा ग्रामीण इलाकों में भी है

air pollution
कैसे स्वच्छ होगी गंगा
Posted on 12 Oct, 2010 03:32 PM


करोड़ों भारतीयों की आस्था की प्रतीक गंगा का जल आज पीने लायक तक नहीं रह गया है।

Ganga river
तापमान पर अंकुश से ही बचेगी दुनिया
Posted on 08 Jul, 2010 03:27 PM

दुनिया में पर्यावरण क्षरण और जलवायु परिवर्तन का सवाल आज सबसे अहम बना है। जब तक इसका हल नहीं निकलेगा, दुनिया पर संकट मंडराता रहेगा।संयुक्त राष्ट्र सहित दुनिया के अधिकतर सरकारी, गैर-सरकारी व निजी संस्थानों के हालिया अध्ययन व शोध इसकी पुष्टि करते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण ही आज महासागरों में मौजूद बर्फीली चट्टानों (आईसबर्ग) का उन्मुक्त बहते रहना पर्यावरण संतुलन के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा ह

Global warming
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