डॉ. दिनेश मिश्र
कोलकाता बाढ़ सम्मेलन (1897)
Posted on 17 Apr, 2012 03:38 PM24 फरवरी 1897 को कोलकाता में भारत सरकार सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक हुई जिसमें पिछले दो वर्षों में कोसी घाटी में बाढ़ से हुये नुकसान की समीक्षा की गई और स्थानीय अधिकारियों, नील उत्पादकों और रेलवे प्रशासन द्वारा किये गये अध्ययन और सर्वेक्षण पर चर्चा की गई। “प्रस्तावित परियोजना की सफलता पर सन्देह व्यक्त किया गया और यह भी कहा गया कि परियोजना बहुत महंगी है। यह तय पाया गया कि बहुत सी धाराओंकोसी पर पड़ती आँखें
Posted on 17 Apr, 2012 03:06 PMतटबन्धों से होने वाले फायदे एकदम साफ हैं और इनका तुरन्त लाभ मिलता है। लेकिन कम से कम बंगाल में
आवा-जाही सुधरी मगर बाढ़ भी खतरनाक हुई
Posted on 17 Apr, 2012 10:07 AMगंगा की भूमि निर्माण का अर्थ था मानसी कटिहार रेल लाइन के दक्षिण नदी की पेटी का धीरे-धीरे ऊपर उ
परिवहन व्यवस्था में सुधार-अंग्रेजों की मजबूरी
Posted on 17 Apr, 2012 08:53 AMब्रिटेन में दो घटक और मुखर थे जो कि भारत में रेल सेवाओं के विस्तार के प्रति उतने ज्यादा उत्साह
रेल सेवा की शुरुआत और आजादी की पहली लड़ाई (1857)
Posted on 16 Apr, 2012 11:02 AM1859 में 32 किलोमीटर की लम्बाई में तुड़वा दिया जिससे तटबंधों के निर्माण के कारण जो बाढ़ के लेव
दामोदर नदी ने रास्ता दिखाया
Posted on 16 Apr, 2012 10:18 AM‘‘कोई भी गाँव वाला इस तरह की स्पष्ट तकनीकी राय नहीं दे सकता था अगर उसने अपने बाप-दादों से यह क
तटबन्धों की मदद से बाढ़ की रोक-थाम-ब्रिटिश हुकूमत की परेशानी
Posted on 14 Apr, 2012 11:44 AMतटबन्धों ने नदी की बहुत सी धाराओं का स्रोत ही समाप्त कर दिया था जिसकी वजह से पानी में और भी अध
नदियों के किनारे तटबन्धों की शुरुआत
Posted on 14 Apr, 2012 11:15 AMतटबन्धों के कारण बारिश का वह पानी जो कि अपने आप नदी में चला जाता वह तटबन्धों के बाहर अटक जाता
कोसी की बाढ़
Posted on 12 Apr, 2012 11:49 AMवह इलाके जिनसे होकर कोसी गुजर चुकी होती थी, उनकी हालत कोई बहुत अच्छी रहती हो ऐसा नहीं था मगर इ