बालसुब्रमण्यम

बालसुब्रमण्यम
हवा में घुली मौत
Posted on 03 Aug, 2011 11:02 AM

निजी वाहनों को प्रोत्साहन देने के बजाए बस, रेल आदि आम यातायात के वाहनों को बढ़ावा देना चाहिए। व

भारतीय मानसून की विशेषताएं
Posted on 02 Feb, 2011 02:30 PM

भारत की जलवायु के बारे में कहा गया है कि भारत में केवल तीन ही मौसम होते हैं, मानसून पूर्व के महीने, मानसून के महीने और मानसून के बाद के महीने। यद्यपि यह भारतीय जलवायु पर एक हास्योक्ति है, फिर भी भारत की जलवायु के मानसून पर पूर्णतः निर्भर होने को यह अच्छी तरह व्यक्त करता है।

शुष्क बागवानी
Posted on 02 Feb, 2011 02:28 PM

ग्रीष्मकाल की चिलचिलाती धूप और तपतपाती गरमी से त्रस्त आंखों को चंद हरे-भरे पौधों के गमले या हरियाली युक्त बाग-बगीचे कितनी अधिक राहत दे सकते हैं, इससे तो सभी भली-भांति परिचित होंगे।

बाल नाटकः पृथ्वी को बुखार आ गया है
Posted on 02 Feb, 2011 01:41 PM

प्रथम दृश्य


नीलू की मां उसे लेकर स्कूल से घर लौट रही है।
नीलू – मां, तुझे पता है, आज टीचर ने क्या सिखाया हमें?

मां – हां बता तो।

नीलू – टीचर ने कहा, पृथ्वी को बुखार आ रहा है।

मां – क्या?

नीलू – बुखार, पृथ्वी बीमार हो गई है।

मां – अच्छा?

5जून-क्या खास है इस दिन
Posted on 02 Feb, 2011 01:37 PM


5 जून को विश्व भर में पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व का उपयोग करके युनेप (संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम) विश्व भर में पर्यावरणीय चेतना जगाने की कोशिश करता है।

वर्षाजल का संचय
Posted on 01 Feb, 2011 10:31 AM

आज विश्व के हर भाग में मनुष्यों को पानी की कमी महसूस हो रही है। जरा इन तथ्यों पर गौर करें:-
• एशिया के तीन में से एक व्यक्ति को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं है।
• शहरी गरीबों में से 40 प्रतिशत को और कई ग्रामीण बस्तियों को सुरक्षित पेयजल नहीं मिलता।

अंटार्कटिका-दुनिया का सबसे ठंडा महाद्वीप
Posted on 31 Jan, 2011 09:37 AM

सातों महाद्वीपों में से सबसे ठंडा महाद्वीप अंटार्कटिका महाद्वीप है। वह सबसे दुर्गम तथा मानव-बस्तियों से सबसे दूर स्थित जगह भी है। वह साल के लगभग सभी महीनों में दुनिया के सबसे अधिक तूफानी समुद्रों और बर्फ के बड़े-बड़े तैरते पहाड़ों से घिरा रहता है। उसका कुल क्षेत्रफल 1.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर है। क्षेत्रफल की दृष्टि से वह आस्ट्रेलिया से बड़ा है। अंटार्कटिका में बहुत कम बारिश होती है, इसलिए उसे ठंडा रेगिस्तान माना जाता है। वहां की औसत वार्षिक वृष्टि मात्र 200 मिलीमीटर है।

कुदरती तटरक्षक मैंग्रोव वन
Posted on 29 Jan, 2011 03:26 PM

26 जुलाई यानी विश्व मैंग्रोव एक्शन दिवस। इस दिन दुनिया भर में बहुमूल्य मैंग्रोव वनों की रक्षा करने के लिए और उनकी उपयोगिता के बारे में जागरूकता लाने के लिए प्रयास किए जाते हैं। आइए हम भी इन कुदरती तटरक्षकों के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करें।

क्षीण हो रही है ओजोन परत
Posted on 29 Jan, 2011 03:20 PM

ओजोन परत का उद्गम प्राचीन महासागरों से हुआ है और वह धीरे-धीरे दो अरब वर्षों में पूरा बनकर तैयार हुआ है। ओजोन परत में जो ओजोन है उसका मूल स्रोत महासागरों के पादपों द्वारा किए गए प्रकाश-संश्लेषण के दौरान पैदा हुई ऑक्सीजन है। महासागरों से निकली ऑक्सीजन के अणु ऊपर उठते-उठते वायुमंडल के समताप मंडल में पहुंच जाते हैं। वहां वे परमाणुओं में टूट जाते हैं। ये परमाणु दोबारा जुड़कर ओजोन का निर्माण करते हैं। आक्सीजन के अणुओं के बिखरने और आक्सीजन के परमाणुओं के जुड़कर ओजोन बनने के लिए आवश्यक ऊर्जा सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों से प्राप्त होती है।ऊपर आसमान में कुछ विचित्र सा घट रहा है। मनुष्यों को हानिकारक पराबैंगनी किरणों से सुरक्षा प्रदान करनेवाली ओजोन परत पतली होती जा रही है। पराबैंगनी किरणों के लगने के कारण चर्मकैंसर हो सकता है। सांघातिक प्रकार के चर्मकैंसरों में 30 प्रतिशत रोगी पांच साल के अंदर मर जाते हैं। पराबैंगनी किरणों के कारण मोतियाबिंद भी होता है। अधिक संगीन मामलों में लोग इसके कारण अंधे हो सकते हैं। ओजोन परत क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) नामक मानव-निर्मित रसायनों के कारण पतली हो रही है।

पहले हम यही समझते थे कि सीएफसी एक वरदान हैं और वे मनुष्य के जीवन को समृद्ध और आरामदायक बना सकते हैं। सीएफसी कृत्रिम यौगिक होते हैं, जो क्लोरीन, कार्बन और फ्लोरीन से बने होते हैं। उनका न कोई रंग होता है न गंध। हमने रोजमर्रा के कई कार्यों में सीएफसी

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